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अड़चन : महात्मा फुले जनआरोग्य योजना के तहत कोविड इलाज करने निजी अस्पताल नहीं तैयार
डिजिटल डेस्क, नागपुर। मनपा प्रशासन के दबाव पर निजी अस्पताल कोविड का इलाज करने के लिए रजामंद तो हुए, लेकिन महात्मा फुले जनआरोग्य योजना अंतर्गत इलाज करने से इनकार कर दिया है। बता दें कि राज्य सरकार ने कोविड इलाज को महात्मा फुले जनआरोग्य योजना की सूची में शामिल किया है। विविध प्रकार की 20 बीमारियों से ग्रस्त मरीजों को कोविड संक्रमण होने पर निजी अस्पताल में इलाज कराने वाले मरीजों को इस याेजना का लाभ दिलाने की बात सरकार ने कही है, लेकिन अनेक निजी अस्पतालों ने इससे असहमति जताई है। वजह जानने के लिए समिति ने 3 अक्टूबर को सुनवाई रखी थी।
अस्पतालों ने रखी व्यथा
सुनवाई में विदर्भ हॉस्पिटल एसोसिएशन के 26 और अन्य 8 अस्पताल, कुल मिलाकर 34 अस्पताल के प्रतिनिधि उपस्थित हुए। अस्पतालों ने कहा कि कोविड कालावधि में औषधि, ऑक्सीजन के दाम बढ़ गए हैं। महात्मा फुले जनआरोग्य योजना अंतर्गत निजी अस्पतालों को काफी कम दर से बिल का भुगतान किया जाता है। उपचार के 15 दिन बाद बिल सरकार को पेश करना पड़ता है। उसमें भी कटौती की जाती है। उपचार पश्चात 48 घंटे में बिना कटौती किए रकम का भुगतान करने पर इलाज करने में काेई दिक्कत नहीं है। सरकार ने गत दिनों परिशिष्ट "क" जारी कर कोविड के इलाज की दर सूची जारी की है। बैठक में िनजी अस्पतालों का पक्ष सुना गया। रिपोर्ट हाईकोर्ट के सामने रखी जाएगी।
इनके सामने हुई सुनवाई
महापौर की अध्यक्षता वाली समिति में सदस्य मनपा आयुक्त के प्रतिनिधि अतिरिक्त आयुक्त राम जोशी, विभागीय आयुक्त के प्रतिनिधि उपायुक्त मिलिंद सालवे के अलावा अन्य अधिकारी उपस्थित थे। आईएमए अध्यक्ष डॉ. अर्चना कोठारी, महाराष्ट्र मेडिकल एसोसिएशन के डॉ. अनिल लद्दड़, विदर्भ हॉस्पिटल एसोसिएशन के डॉ. अनूप मरार, मनपा उपायुक्त मिलिंद मेश्राम, महात्मा फुले जनआरोग्य योजना के अधिकारी उपस्थित थे।
Created On :   4 Oct 2020 4:53 PM IST