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बिजली उत्पादन में टोटा, क्षमता 10 हजार मेगावाट , उत्पादन मात्र 3 हजार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सरकारी विद्युत उत्पादन कंपनी महाराष्ट्र विद्युत निर्मिती कंपनी पूरी क्षमता से उत्पादन नहीं कर पा रही है। इसका खामियाजा महाराष्ट्र विद्युत वितरण कंपनी को भुगतना पड़ रहा है। महावितरण को खुले बाजार से बिजली लेनी पड़ रही है। 20 हजार मेगावाट के ऊपर तक पहुंची बिजली की मांग मानसून के चलते 14 हजार मेगावाट तक आ गई है। बावजूद इसके प्रदेश की विद्युत मांग को पूरा करने महावितरण को खुले बाजार से 350 मेगावाट बिजली खरीदनी पड़ रही है। महाजेनको के कोराडी, नासिक व परली बिजलीघर में 1 भी यूनिट से बिजली का उत्पादन नहीं हो रहा है। ऐसे में एफएसी के माध्यम से आम उपभोक्ता का ही बोझ बढ़ने वाला है।
कई बिजलीघरों को नहीं दिया महावितरण ने शेड्यूल
महावितरण ने परली की 1 और कोराडी की 3 इकाइयों को बिजली खरीद का शेड्यूल नहीं दिया है। शेष इकाइयां किसी न किसी कारण से बंद हैं। खास यह कि इसमें से परली तथा कोराडी की 1 इकाई नई है। शेड्यूल न देने का अर्थ है यहां से मिलने वाली बिजली अन्य स्रोत से मिलने वाली बिजली से महंगी है। इसके चलते महावितरण को पाॅवर एक्सचेंज से एवं केंद्र के कोटे के अतिरिक्त बिजली केंद्र से उस समय निर्धारित कीमत पर लेनी पड़ रही है।
जो चल रहे वे क्षमता का आधा भी नहीं दे रहे
महाजेनको के 7 ताप बिजलीघरों की कुल क्षमता 10 हजार 170 मेगावाट है। इनसे प्रदेश को केवल 30 मेगावाट बिजली मिल पा रही है। 2400 मेगावाट क्षमता का कोराडी बिजलीघर, 1170 मेगावाट की क्षमता का परली विद्युत केंद्र तथा 530 मेगावाट की क्षमता वाला परली बिजलीघर 1 यूनिट बिजली का उत्पादन नहीं कर रहा है। शेष 4 बिजलीघरों से भी उनकी क्षमता के कम बिजली प्रदेश को मिल रही है। प्रदेश का सबसे बड़ा सरकारी विद्युत केंद्र चंद्रपुर ताप बिजलीघर की क्षमता 2920 मेगावाट है। यहां करीब 1300 मेगावाट बिजली बन रही है। भुसावल में करीब 875 तथा खापरखेड़ा 1350 की क्षमता में से 600 मेगावाट बिजली का उत्पादन कर रहा है।
बोझ सीधे कंज्यूमर पर
जैसे आम उपभोक्ताओं को विद्युत कनेक्शन लेने पर फक्सड चार्ज देना होता है, उसी प्रकार महावितरण बिजली ले न ले उसे उस इकाई के लिए एमईआरसी द्वारा तय फिक्सड चार्ज का भुगतान करना होता है। इसी प्रकार औसत बिजली खरीद दर से अधिक कीमत पर बिजली खरीदने पर उसे अतिरिक्त भुगतान की वसूली एमईआरसी की अनुमति के बाद आम उपभोक्ता से वसूलने का अधिकार होता है। यदि बिजली नहीं मिली और फिक्सड चार्ज का भुगतान होता हैं।
Created On :   7 Aug 2019 4:22 PM IST