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तीन साल की नौकरी में जमा कर ली 1.71 करोड़ की प्रॉपर्टी, मामला दर्ज
डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर जिले के काटोल निवासी आरटीओ निरीक्षक मिथुन रामेश्वर डोंगरे (38) के खिलाफ काटोल थाने में आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई है। मिथुन के पास 1 करोड़ 71 लाख रुपए से ज्यादा की चल-अचल संपत्ति पाई गई है, जो उसकी आय से कहीं अधिक है। आय के अनुसार अधिकारी के पास करीब 50 लाख की संपत्ति होनी चाहिए थी। यह संपत्ति पद का दुरुपयोग कर गैरकानूनी तरीके से अर्जित करने के आरोप में भ्रष्टाचार प्रतिबंधक विभाग (एसीबी) की शिकायत पर प्रकरण दर्ज किया गया है। इस अधिकारी ने मात्र साढ़े तीन वर्ष की नौकरी में इतनी बड़ी संपत्ति जमा कर रखी है। डेढ़ वर्ष पहले इस अधिकारी को 2 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए भी पकड़ा गया था।
1 करोड़ से ज्यादा फिक्स डिपॉजिट
आरोपी आरटीओ निरीक्षक मिथुन रामेश्वर डोंगरे (38) मूलत: काटोल का निवासी है। वर्तमान में वह मुंबई आरटीओ में वाहन निरीक्षक के रूप में कार्यरत है। 24 अप्रैल 2018 को 2 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए स्थानीय एसीबी की टीम ने उसे पकड़ा था। उस समय मिथुन नागपुर ग्रामीण आरटीओ में कार्यरत था। इस कार्रवाई के बाद एसीबी ने उसकी चल-अचल संपत्ति की जांच-पड़ताल की, जिसमें काटोल में खेती, प्लाट, फ्लैट और कई बैंकों में उसके खाते पाए गए। खाते में 1 करोड़ से भी ज्यादा की रकम फिक्स डिपॉजिट है, हालांकि इसमें कुछ खाते मिथुन के पिता रामेश्वर और अन्य रिश्तेदारों के नाम हैं। रामेश्वर भी सरकारी नौकरी में थे, जो अभी मुंबई में रहते हैं। बरामद हुई चल-अचल संपत्ति के दस्तावेजोें से एक सरकारी अधिकारी के पास उसकी आय की स्रोत के अनुसार 10 प्रतिशत संपत्ति होनी चाहिए थी, मगर मिथुन के पास इससे कहीं ज्यादा 189.11 प्रतिशत संपत्ति पाई गई है।
साढ़े तीन वर्ष पहले लगी नौकरी
मिथुन की वर्ष 2015 में आरटीओ में नौकरी लगी है। उसकी पहली पोस्टिंग मुंबई में हुई थी। इसके बाद जुलाई 2019 में नागपुर में तबादला होकर आया। नागपुर में रिश्वत लेते हुए पकड़े जाने से कुछ समय निलंबित रहा। निलंबन रद्द होने के बाद फिर से उसे मुंबई भेजा गया है। कुल साढ़े तीन वर्ष अभी तक मिथुन ने नौकरी की है। इन साढ़े तीन वर्ष के कार्यकाल में 1 करोड़ 71 लाख की चल-अचल संपत्ति उसके पास पाई गई है। उसके पास 1 करोड़ 22 लाख 25 हजार 641 रुपए की सपत्ति आय से अधिक है। पूछताछ के दौरान मिथुन इस संपत्ति के बारे में संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया है। संपत्ति भ्रष्टाचार के जरिए कमाने से एबीसी ने उसके खिलाफ शिकंजा कसना शुरू किया। करीब 7-8 महीने तक एसीबी इसकी जांच करती रही है। अंतत: शुक्रवार को प्रकरण दर्ज किया गया है। इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि मिथुन किस हद्द तक भ्रष्टचार में डूबा हुआ है।
Created On :   28 Dec 2019 1:37 PM IST