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सेमिस्टर प्रणाली बंद करने का प्रस्ताव खारिज

डिजिटल डेस्क, नागपुर। प्रदेश के विविध गैर-कृषि विश्वविद्यालयों के कुलगुरुओं की सेमिस्टर प्रणाली बंद करने की मांग को प्रदेश सरकार ने खारिज कर दिया है। हाल ही में मुंबई में हुई कुलगरुओं की संयुक्त बैठक में प्रदेश सरकार ने सेमिस्टर प्रणाली बंद करने से इंकार किया है। सरकार के अनुसार विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के दिशा-निर्देशों के बाद ही प्रदेश में ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में यह प्रणाली लागू की गई है। साथ ही केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने भी स्पष्ट कर रखा है कि, जो विश्वविद्यालय सेमिस्टर प्रणाली लागू नहीं करेगा उसका अनुदान बंद कर दिया जाएगा। ऐसे में अनुदान की खातिर प्रदेश के विश्वविद्यालयों को अपने यहां सेमिस्टर प्रणाली शुरू रखनी होगी। दरअसल राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय में सेमिस्टर प्रणाली लागू की गई है, मगर इसका चौतरफा विरोध हो रहा है। शिक्षाविदों के अनुसार इस प्रणाली के कारण शैक्षणिक गुणवत्ता गिरती जा रही है। विद्यार्थियों के विकास के लिए जरूरी गतिविधियों पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ रहा है। नागपुर विश्वविद्यालय में बीते दिनों हुई सीनेट की बैठक में भी सेमिस्टर प्रणाली बंद करने की मांग पुरजार तरीके से उठाई गई थी, जिसके बाद विश्वविद्यालय के कुलगुरु डॉ. सिद्धार्थविनायक काणे और अन्य विश्वविद्यालयों के कुलगुरुओं ने यह प्रस्ताव रखा था, मगर सरकार की ओर से सेमिस्टर प्रणाली बंद करने से साफ इंकार कर दिया गया।
रिक्त पदों के कारण गिर रही शैक्षणिक गुणवत्ता
प्रदेश में बीते कई वर्षों से शिक्षक पदभर्ती बंद है। नागपुर विश्वविद्यालय समेत अन्य विश्वविद्यालयों में बड़ी संख्या में शिक्षकों के पद खाली हैं। यह समस्या भी बैठक में उठाई गई। कुलगुरुओं के अनुसार एक ओर जहां शिक्षकों के पद खाली हैं, तो अनेक शिक्षक सेवानिवृत्त होने की कगार पर हैं। रिक्त पदों की बढ़ती संख्या से विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गुणवत्ता गिर रही है। वहीं रिसर्च और पेटेंट की दिशा में प्रगति धीमी हो चली है। इसी कारण प्रदेश के विश्वविद्यालयों को रैंकिंग पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। हांलाकि उच्च शिक्षा विभाग से इस मुद्दे पर कोई ठोस उत्तर नहीं दिया गया।
Created On :   9 April 2018 4:12 PM IST