पुणें में दिव्यांगों पर लाठीचार्ज को लेकर विपक्ष का हल्ला बोल- पुलिस के खिलाफ होगी कार्रवाई

Pune Lathicharge case will be examined in seven days, opposition ruckus
पुणें में दिव्यांगों पर लाठीचार्ज को लेकर विपक्ष का हल्ला बोल- पुलिस के खिलाफ होगी कार्रवाई
पुणें में दिव्यांगों पर लाठीचार्ज को लेकर विपक्ष का हल्ला बोल- पुलिस के खिलाफ होगी कार्रवाई

डिजिटल डेस्क, मुंबई। पुणे में आंदोलन के दौरान मूक बधिरों के मोर्चे पर लाठीचार्ज मामले की जांच सात दिन के भीतर की जाएगी और इसमें दोषी पाए गए अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। संसदीय कार्यमंत्री और पुणे के पालक मंत्री गिरीश बापट ने विधानसभा में यह आश्वासन दिया। विपक्ष ने यह मुद्दा उठाते हुए मामले में दोषियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की मांग की। विधानसभा में विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखेपाटील ने मूक बधिरों पर कार्रवाई को बर्बर बताते हुए इसकी जांच और दोषियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की मांग की। कांग्रेस के नसीम खान ने भी इस मामले में सरकार को घेरते हुए कहा कि जो लोग बोल नहीं सकते उन्हें लाठियों से क्यों पीटा गया। वहीं विपक्ष के सवालों के जवाब देते हुए गृहराज्यमंत्री (शहर) रणजीत पाटील ने कहा कि लाठीचार्ज इसलिए हुआ क्योंकि आंदोलनकारियों ने बैरिकेट तोड़ दिए इस घटना के दौरान 5 पुलिसकर्मी और दो विद्यार्थी जख्मी हुए हैं।

दोषी पाए जाने पर पुलिस अधिकारियों के खिलाफ होगी कार्रवाई 

पाटील ने मामले की जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया लेकिन विपक्ष के सदस्य इससे संतुष्ट नहीं हुए इसके बाद बापट ने सात दिन के भीतर जांच और कार्रवाई का आश्वासन दिया। वहीं मामले में सामाजिक न्याय मंत्री राजकुमार बडोले ने कहा कि इन छात्रों की मांग पर विचार किया जा रहा है। इस बारे में मुख्यमंत्री के साथ भी चर्चा की गई है। विद्यार्थियों की शिक्षा से जुड़ी मांग स्वीकार कर ली गई है। मौजूदा समय में पांचों विभागों में एक-एक हायर उच्च माध्यमिक स्कूल हैं। नाशिक और लातूर विभाग में और स्कूल शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। बडोले ने कहा कि स्कूल चलाने के लिए सक्षम अधिकारी की नियुक्ति के दौरान विकलांग विद्यार्थियों के प्रतिनिधियों की भी राय ली जाएगी। विशेषज्ञ समिति में भी विद्यार्थियों की ओर से दो प्रतिनिधी नियुक्त किए जाएंगे। 

आईटीआई में भाषा विशेषज्ञ

आईटीआई में भी मूकबधिर विद्यार्थियों की मदद के लिए इशारों की भाषा समझने वाले भाषा विशेषज्ञ नियुक्त किए जाएंगे। सक्षम मेडिकल अधिकारी की जांच के बाद इन विद्यार्थियों को ड्राइविंग लाइसेंस भी जारी किए जा सकेंगे। बडोले ने कहा कि मामले पर सरकार का रुख सकारात्मक है और विकलांगों को नौकरी में प्राथमिकता दी जाएगी। सत्र खत्म होने से पहले विकलांग विद्यार्थियों के प्रतिनिधियों और मुख्यमंत्री के बीच बैठक आयोजित की जाएगी।    

दिव्यांगों पर लाठीचार्ज को लेकर विपक्ष ने सरकार पर बोला हमला 

विधान परिषद में सभापति रामराजे नाईक-निंबालकर ने पुणे में  दिव्यांगों पर किए गए लाठीचार्ज की प्राथमिक जांच रिपोर्ट बुधवार तक सदन में पेश करने के निर्देश प्रदेश सरकार को दिए हैं। मंगलवार को सदनमेंप्रदेश के राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटील को दिव्यांगों पर लाठीचार्ज करने को लेकर खेद प्रकट करना पड़ा।सदन मेंविपक्ष के नेता धनंजय मुंडे ने कार्य स्थगन प्रस्ताव के जरिए पुणे में समाजकल्याण आयुक्तालय के सामने शिक्षा व रोजगार की मांग को लेकरआंदोलन कर रहे दिव्यांगों पर पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज का मुद्दा उठाया। मुंडे ने कहा कि दिव्यांगों परलाठीचार्ज करने वाले सभी पुलिस कर्मचारियों को निलंबित किया जाए। दिव्यांगों की मांग जायज है। सरकार को उनकी मांगें मंजूर करनी चाहिए।इसके जवाब मेंप्रदेश के राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटील नेलाठीचार्ज की घटना पर खेद जताया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जांच के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने सामाजिक न्याय राज्य मंत्री दिलीप कांबले ने दिव्यांगों से चर्चा के लिए पुणे में भेजा है।

लाठीचार्ज के मामले में न्यायालयीन जांच की मांग

इससे पहलेशिवसेना सदस्य नीलम गोर्हे ने कहा कि हमारी पार्टी सरकार में है इसमें कोई शंका नहीं है लेकिन लाठीचार्ज के मामले की न्यायालयीन जांच की जाना चाहिए। गोर्हे ने कहा कि अपंग कल्याण आयुक्तबालाजी मंजुले का तबादला कर दिया गया है। मंजुले को फिर से उसी पद पर बहाली होनी चाहिए। राष्ट्रवादी कांग्रेस की सदस्य विद्या चव्हाण ने कहा कि शिक्षा और नौकरी के लिए आंदोलन करने वालेदिव्यांगों को जानवरों की तरह मारा गया। इस दौरान सत्ताधारी दल भाजपा और शिवसेना के विधायकों की पार्टी चल रही थी। सरकार में संवेदनशीलता नहीं बची है।लोकभारती के विधायक कपिल पाटील ने कहा कि डेढ़ साल पहले दिव्यांगों के आंदोलन के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उनकी मांगों को मंजूर किया था। लेकिन उस पर अब तक अमल नहीं हुआ है। इसलिए दिव्यांगों ने पुणे में आंदोलन में किया गया।

पुणे में मूक बधिर युवकों ने आंदोलन लिया वापस

उधर पुणे में मांगों को लेकर हजारों मूक बधिर युवकों ने अंादोलन 31 घंटों बाद मंगलवार को पीछे लिया है। राज्य सरकार ने उनकी मांगें मंजूर की हैं। जिसके बाद यह कदम उठाया गया। सोमवार सुबह से युवकों ने समाज कल्याण विभाग के सामने आंदोलन शुरू किया था। उस दौरान आंदोलनकारियों पर लाठियां चलाई गईं। जिसका राजनीतिक पार्टियों ने विरोध किया था। 

Created On :   26 Feb 2019 3:00 PM GMT

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