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पुनिया ने कहा - एनपीआर के रास्ते एनसीआर लाना चाहती है सरकार
डिजिटल डेस्क, नागपुर। कांग्रेस नेता सांसद पी एल पुनिया ने एनपीआर के रास्ते एनसीआर लाने का आरोप केंद्र सरकार पर लगाया। एनपीआर पर प्रधानमंत्री व गृह मंत्री अमित शाह के बयानों में विरोधाभास है। उन्होंने सीएए, एनसीआर व एनपीआर के विरोध में जारी शांतिपूर्ण आंदोलनों का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार ने इस मुद्दे पर लोगों से बातचीत करनी चाहिए। कांग्रेस सांसद पुनिया ने कहा कि यूपीए सरकार ने जो एनपीआर लाया था, उसमें छेडछाड़ करते हुए अन्य जटील मुद्दे जोड़े गए है। एनपीआर में पालक का डेट आफ बर्थ व डेट आफ प्लेस जैसे मुद्दे जोड़े गए है। उन्होंने आरोप लगाया कि एनसीआर के भारी विरोध को देखते हुए सरकार एनपीआर के रास्ते एनसीआर लागू करना चाहती है।
अगर ऐसा नहीं है, तो सरकार ने एनसीआर त्यागने की घोषणा करनी चाहिए। उन्होंने एनआरसी व एनपीआर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह के बयानों में विरोधाभास होने का दावा किया। प्रधानमंत्री मोदी एनपीआर में जोड़े गए मुद्दे व डिटेंशन सेंटर से इनकार करते है, वहीं गृह मंत्री शाह संसद में इस संबंध में बयान देते है। पीएम व गृह मंत्री के बयान एक दूसरे से मेल नहीं खाते। सरकार अहम मुद्दों से देश का ध्यान बंटाना चाहती है।
पुनिया ने कहा कि एनआरसी में अकेले आसाम में 3 करोड़ में से 19 लाख लोग बाहर हो गए। यह किसी एक धर्म का मसला न होकर देश के हर व्यक्ति को सबूत दिखाने के लिए लाइन में खड़े होना पड़ेगा। सीएए व एनपीआर के विरोध में जारी आंदोलनों को कुचलने का आरोप सरकार पर लगाया। शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन करने का संवैधानिक अधिकार है। सरकार आंदोलनकारी विद्यार्थियों के साथ बर्बरता से पेश आ रही है। सरकार ने देश के लोगों से चर्चा करनी चाहिए, लोगों की बात सुननी चाहिए।
हमने 82778 घुसपैठियों को बाहर किया
पुनिया ने दावा किया कि 2005 से 2013 तक यूपीए सरकार के दौरान 82778 घुसपैठियों को देश से भाहर भेजा गया। वहीं 2014 से 2017 तक एनडीए सरकार के दौरान केवल 1822 घुसपैठियों को बाहर करने की जानकारी दी। उत्पीडन के शिकार लोगों को (मुस्लिम छोड़कर) नागरीकता देने की बात हो रही है, लेकिन बिल में धार्मिक उत्पीडन का उल्लेख ही नहीं है। 13 हजार हिंदू व सिखों को यूपीए सरकार के दौरान नागरिकता देने का दावा किया। यूपी में 20 आंदोलनकारी मारे गए आैर सरकार सभी मृतकों को दंगाई बताई रही है। इस दौरान शहर कांग्रेस अध्यक्ष विधायक विकास ठाकरे, पूर्व विधायक एस क्यू जमा, पार्टी प्रवक्ता अतुल लोंढे, अभिजीत वंजारी, संजय दुबे आदि उपस्थित थे।
भारी आर्थिक मंदी आई है
उन्होंने दावा किया कि देश में जबरदस्त आर्थिक मंदी आई है। आर्थिक संकट बढ़ता जा रहा है। जीडीपी नीचे आ गई है। बेरोजगारी रिकार्ड स्तर पर पहुंच गई है। इन अहम मुद्दों से सरकार ध्यान बंटाना चाहती है। केंद्रीय वित्त मंत्री ने 105 लाख करोड़ इंफ्रांस्ट्रक्चर पर खर्च करने की घोषणा की, जबकि सरकार के मनरेगा या अन्य योजनाएं चलाने के लिए निधि नहीं है।
Created On :   2 Jan 2020 7:19 PM IST