बाढ़ में बहे पुल की पीडब्ल्यूडी ने की जांच, खामियां नजरअंदाज

PWD investigates bridge flowing in flood, flaws ignored
बाढ़ में बहे पुल की पीडब्ल्यूडी ने की जांच, खामियां नजरअंदाज
बाढ़ में बहे पुल की पीडब्ल्यूडी ने की जांच, खामियां नजरअंदाज

एमपीआरआरडीए ने पुल बहने पर जीएम समेत दो को सस्पेंड किया

- बादगांव, बांसखेड़ा और बेलपेठ के क्षतिग्रस्त पुल की जांच भी की
डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा।
बाढ़ मेें बहे पुलों को लेकर पीडब्ल्यूडी और एमपीआरआरडीए के दो अलग-अलग नजरिए और मानक सामने आ रहे हैं। हलालखुर्द में 200 मीटर लंबे पुल के पीयर समेत बहने की जांच की जा रही है। भोपाल से आए पीडब्ल्यूडी ब्रिज के चीफ इंजीनियर ने दो दिनों तक जांच की। बहे पुल के अलावा पेंच नदी पर ही बादगांव, बांसखेड़ा और बेलपेठ का बाढ़ से क्षतिग्रस्त पुल भी देखा। एक पुल के पूरा बहने और तीन पुलों के क्षतिग्रस्त होने की घटना को पीडब्ल्यूडी विभाग महज डिजाइन से ज्यादा फ्लड को कारण मान रहा है। गुणवत्ता में कमी को पूरी तरह से नजरअंदाज किया जा रहा है। वहीं एमपीआरआरडीए ने सिवनी के सुनवारा में वैनगंगा नदी पर बना पुल बहने पर जीएम और एएम को सस्पेंड कर दिया है।
ऐसी थी हलालखुर्द पुल की डिजाइन:
पेंच नदी पर हलालखुर्द में पुल का निर्माण वर्ष 2016 में हुआ था। वर्ष 2017 में मुख्यमंत्री शिवराज ङ्क्षसह चौहान ने पुल का लोकार्पण किया था। 200 मीटर लंबे हाईलेवल ब्रिज 7 पीयर्स में खड़ा किया गया था। जबकि 8 स्लैब ढाले गए थे। महज चार साल में ही पुल बाढ़ के बहाव को नहीं झेल पाया और जड़ से उखड़ गया।
ये खामियां बताई जा रही:
बाढ़ में बहे पुल ने निर्माण की गुणवत्ता की पोल खोलकर रख दी है। विभाग से जुड़े सूत्रों के मुताबिक कमजोर बेस होने के कारण ऐसी स्थिति बनती है। पीयर में उपयोग किए गए स्टील पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। कहा जा रहा है कि 20 से 25 एमएम की जगह 10 से 12 एमएम का लोहा उपयोग में लाया गया है। पीयर सिर्फ गिरने के साथ ही बीच से टूट गए हैं।  
दो टुकड़ों में बनकर तैयार हुआ था पुल:
हलालखुर्द का निर्माण के लिए विभाग को दो बार टेंडर करने पड़े थे। पहली बार में जबलपुर की फर्म ने टेंडर लिया था। इस दौरान एसडीओ ब्रिज पीयूष अग्रवाल थे। पुल का अधिकांश निर्माण हो चुका था। ठेकेदार के काम छोडऩे पर बाद में बेलेंस वर्क का टेंडर रायपुर की फर्म ने लिया था। तब एसडीओ ब्रिज श्री जायसवाल थे।
पीडब्ल्यूडी के ही तीन पुलों में एप्रोच बही:
बादगांव: पेंच नदी पर ही बादगांव में पेंच नदी पर बने पुल की बाढ़ में एप्रोच बह गई है। एक छोर में करीब 50 मीटर तक एप्रोच बही है।
बांसखेड़ा: पेंच नदी के ही बांसखेड़ा पुल में एक छोर की एप्रोच सड़क बह गई है। करीब 25 मीटर तक एप्रोच रोड बही है।
बेलपेठ: हलालखुर्द और बेलपेठ के बीच पेंच नदी में बने पुल के हलालखुर्द वाले छोर की करीब 70 मीटर एप्रोच रोड बही है। वहीं दूसरे छोर में भी कई मीटर एप्रोच बही है।
कई गांवों का संपर्क कटा:
हलालखुर्द पुल के बहने से जमतरा, कुंभपानी, साजपानी, मंदरिया और हलाल सहित दर्जन भर गांवों का चौरई व छिंदवाड़ा से संपर्क टूट गया है। बादगांव, बांसखेड़ा और बेलगांव के पुलों की एप्रोच रोड बह जाने से दर्जनों गांवों का संपर्क टूटा है। इन गांवों के लोगों भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
जांच अधिकारी का कहना है...
25 से 30 साल पुराने फ्लड को ध्यान में रख पुल की डिजाइन की गई थी। हाईलेवल पुल का निर्माण किया गया था। जांच में पाया गया कि डिजाइन से 5 मीटर अधिक पानी आया। जिससे पुल तो बहना ही था। अब इसका दोबारा निर्माण कराया जाएगा। तीन पुल की एप्रोच बही है। जल्द फिलिंग कराकर रास्ता चालू करने निर्देश दिए गए हैं।
- एआर सिंह, चीफ इंजीनियर, पीडब्ल्यूडी ब्रिज, भोपाल
जनप्रतिनिधियों का कहना:
वर्षों बाद क्षेत्र के ग्रामीणों को पुल की सुविधा मिली थी। पुल बहने और क्षतिग्रस्त होने की स्थिति सामने आने पर अधिकारियों से चर्चा के साथ मांग की है कि इसकी वास्तविक रूप से जांच की जाए। साथ ही जो भी इसके लिए जिम्मेदार हंै उन पर कार्रवाई हो।
- पंडित रमेश दुबे, पूर्व विधायक चौरई

Created On :   3 Sept 2020 6:54 PM IST

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