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बार काउंसिल के चुनावों पर उठे सवाल, एक सप्ताह में देना है जवाब

डिजिटल डेस्क, नागपुर । चुनाव चाहे कोई भी हो उसे लेकर अक्सर विवाद होते रहते हैं। लेकिन वकीलों पर चुनाव को लेकर आरोप लगना अपने आप में खेदजनकर कहा जाएगा। दरअसल बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में दायर एक याचिका में मार्च में प्रस्तावित बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र एंड गोवा के चुनावों पर आपत्ति जताई गई है। एड. अनूप सिंह परिहार ने कोर्ट में यह रिट याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता का आरोप है कि, बार काउंसिल के चुनाव जीतने के लिए उम्मीदवार कई तरह के गलत हथकंडे अपनाते हैं। इसमें वकीलों को गिफ्ट देने, लुभावने वादे करने, पार्टियां करने जैसे हथकंडे शामिल हैं। याचिकाकर्ता के अनुसार यह हथकंडे चुनाव नियमों का सरासर उल्लंघन है। पारदर्शी चुनाव कराने के लिए न्यायपालिका को प्रत्येक जिले में निरीक्षकों की नियुक्ति करनी चाहिए, जो चुनावी प्रक्रिया पर नजर रखेंगे। इस मामले में हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता का पक्ष सुना। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को इस मुद्दे पर बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र एंड गोवा और बार काउंसिल ऑफ इंडिया को एक सप्ताह के भीतर शिकायत पत्र सौंपने के आदेश दिए हैं।
पारदर्शिता के लिए निरीक्षक नियुक्त करें
दरअसल याचिकाकर्ता एड. परिहार स्वयं दो बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र एंड गोवा के चुनाव लड़ चुके हैं। उन्हें दोनों चुनावों में कटु अनुभव मिला है। याचिकाकर्ता के अनुसार उन्होंने 2004 और 2010 के बार काउंसिल के चुनावों में हिस्सा लिया था। उनका अनुभव है कि, चुनाव में प्रचार के लिए उम्मीदवार कई तरह के गलत हथकंडे अपनाते हैं। चुनाव में मतदाता वकीलों को अपने पाले मंे रिझाने के लिए उम्मीदवार कई भ्रष्ट तरीकों को अपनाते हैं। इसमें वकीलों को गिफ्ट देने, लुभावने वादे करने, मतदान प्रक्रिया को प्रभावित करने जैसे तरीके शामिल हैं। याचिकाकर्ता के अनुसार चुनाव नियमों के अनुसार ये सभी तरीके भ्रष्टाचार की श्रेणी में आते हैं। अब मार्च में दोबारा चुनाव प्रस्तावित हैं, ये चुनाव पारदर्शी तरीके से संपन्न हो इसके लिए प्रत्येक जिले में निरीक्षक की नियुक्ति जरूरी है।
Created On :   20 Jan 2018 1:58 PM IST