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यूनिवर्सिटी के सेमिस्टर पैटर्न पर उठ रहे सवाल,सफलता पर संदेह

डिजिटल डेस्क ,नागपुर। यूनिवर्सिटी द्वारा लागू सेमिस्टर पैटर्न लड़खड़ाता नजर आ रहा है। बता दें कि कई विदेशी यूनिवर्सिटी में लागू सेमिस्टर पैटर्न तर्ज पर देश में भी सेमिस्टर पैटर्न लागू किया गया । नागपुर यूनिवर्सिटी ने भी इसे लागू किया।लेकिन यहां के सेमिस्टर पैटर्न की सफलता पर नजर डालें, तो यूजीसी के कई दिशा-निर्देशों का उल्लंघन होता नजर आता है। यही कारण है कि स्वयं यूनिवर्सिटी के लेक्चरर इसकी सफलता पर संदेह उठा रहे हैं। वर्ष 2016 में यूनिवर्सिटी ने अपने यहां पोस्ट ग्रेजुएट और अंडरग्रेजुएट सिलेबस के लिए वार्षिक पद्धति बंद करके सेमिस्टर पद्धति लागू की थी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के निर्देशों पर यूनिवर्सिटी में यह पद्धति अपनाई गई थी। इसके लिए यूजीसी ने कुछ दिशा-निर्देश भी जारी किए थे। यूजीसी ने स्पष्ट किया था कि चाहे विवि सेमिस्टर पैटर्न अपना रहा हो, उसे कम से कम 180 दिनों की पढ़ाई पूरी करवानी होगी। प्रत्येक सप्ताह में कम से कम 30 घंटे की पढ़ाई, प्रत्येक सप्ताह कम से कम 10 घंटों का प्रैक्टिकल, लाइब्रेरी वर्क अनिवार्य किया गया था। लेकिन यूनिवर्सिटी के कैंपस या संलग्नित कॉलेजों पर नजर डालें तो पता चलता है कि यूनिवर्सिटी में इस दिशा-निर्देश का उल्लंघन हो रहा है।
नियमित सुधार की कोशिश
यूजीसी ने प्रति सेमिस्टर जितने दिन की पढ़ाई प्रस्तावित की है, उसे पूरा करने की हमने कोशिश की है। हमने अपना परीक्षा का पैटर्न ही ऐसा फिक्स किया है कि ज्यादा से ज्यादा दिन पढ़ाई और सांस्कृतिक कार्यों को मिल सके। साथ ही इस तंत्र में नियमित सुधार करने की कोशिश की जाती है।
-डॉ.प्रमोद येवले, प्रकुलगुरु नागपुर विश्वविद्यालय
वास्तव में ऐसी है स्थिति
कैंपस या कॉलेजों में इतने समयावधि की पढ़ाई नहीं हो रही। इसके पीछे कई कारण हैं। पहला यह कि यूनिवर्सिटी का सत्र जून में शुरू होता है, जबकि एडमिशन अगस्त माह तक चलते हैं। इसके बाद नवंबर में नियमित सिलेबस की परीक्षाएं चलती हैं। परीक्षाओं के तुरंत बाद स्टूडेंट्स के अगले सेमिस्टर की पढ़ाई शुरू होती है। इसी में स्टूडेंट्स सेमिनार, प्रेजेंटेशन, प्रैक्टिकल, सांस्कृतिक गतिविधियां पूरी करनी पड़ती है। फिलहाल स्थिति देखें मार्च से यूनिवर्सिटी नियमित पाठ्यकमों की परीक्षाएं लेगा। वहीं, इस कैंपस का सांस्कृतिक कार्यक्रम सिर पर है, यह 24 फरवरी से शुरू हो चुका है और 10 मार्च तक चलेगा। इधर, कैंपस के कई विभागों ने 14 मार्च से अपनी प्रैक्टिकल परीक्षाएं शुरू करने की घोषणा कर रखी है। ऐसे में कई विभागों के प्राध्यापकों ने आनन-फानन में सिलेबस पूरा कराया, तो कई विषय ऐसे हैं जिनमें 4 या 5 लेक्चर से ज्यादा की पढ़ाई नहीं हुई है। वहीं विवि ने इस बार परीक्षाएं भी पूर्वस्थगित की है। ऐसे में शिक्षकों का यह दावा है कि यूनिवर्सिटी का सेमिस्टर सिस्टम पूरी तरह चरमरा गया है।
Created On :   28 Feb 2018 2:13 PM IST