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पेंच के पानी से होगी रबी फसल की सिंचाई, राज्य सरकार का फैसला

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सिंचाई को लेकर चिंतित किसानों के लिए राहत भरी खबर है। अब उनकी रबी की फसल के लिए पेंच से पानी देने का निर्णय लिया गया है। हालांकि पानी एक बार ही मिलेगा,लेकिन इससे जिले के किसानों पर रबी फसल को लेकर मंडरा रहा संकट फिलहाल टल गया है। राज्य सरकार ने पेंच प्रकल्प से रबी फसल के लिए किसानों को एक समय पानी छोड़ने का निर्णय लिया है। इसके लिए 100 एमएमक्यूब पानी का नियोजन किया गया है। इस फैसले से सिंचाई प्रकल्पों पर निर्भर रहने वाले किसानों को बड़ी राहत मिली है।
मुद्दे को भास्कर ने उठाया
दैनिक भास्कर ने रबी फसल में किसानों को पानी नहीं देने के मुद्दे को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसके बाद अनेक किसान संगठन और पूर्व जनप्रतिनिधि सक्रिय दिखे। आखिरकार बढ़ते दबाव के आगे सरकार को पानी छोड़ने का निर्णय लेना पड़ा। मंगलवार को पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने पेंच प्रकल्प के लाभ क्षेत्र में किसानों को रबी फसल के लिए एक पाली में पानी देने का निर्देश जलसंपदा विभाग को दिया है।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस और केंद्रीय जलसंधारण मंत्री नितीन गडकरी ने पालकमंत्री चंदशेखर बावनकुले ने जिलाधिकारी को पेंच प्रकल्प के लाभ क्षेत्र में किसानों के लिए पेंच बांध में गैर-सिंचाई क्षेत्र के पानी आरक्षण को छोड़े बिना शेष पानी से रबी फसलों के लिए पानी देने का निर्देश दिया है। रबी फसलों को पानी देने संदर्भ में विधायक मल्लिकार्जुन रेड्डी, पूर्व विधायक आशीष जैस्वाल, जिप अध्यक्ष निशा सावरकर सहित अन्य ने इस मांग को लेकर पत्र-व्यवहार किया था। पालकमंत्री बावनकुले ने पेंच प्रकल्प के लाभ क्षेत्र के किसानों को पानी की बचत और बर्बादी डालने का आह्वान किया है। नागपुर महानगरपालिका को भी आवश्यक पानी का नियोजन कर, पानी बचत का संदेश दिया गया है।
जलाशयों में नहीं है पानी
इस साल अपर्याप्त बारिश होने के कारण जलाशय में पानी का बड़ा अनुशेष है। पेंच प्रकल्प में मात्र 31 प्रतिशत पानी होने का दावा किया गया था। इसमें अभी और कमी आने की जानकारी दी गई है। ऐसे में नागपुर महानगरपालिका के पानी में 20 प्रतिशत कटौती कर रबी फसल के लिए पानी देने से इनकार कर दिया गया था। इसे लेकर किसानों में रोष था। इसके बाद सरकार पर दबाव बनाना शुरू हुआ। पूर्व विधायक एडवोकेट आशीष जैस्वाल इसके लिए विशेष प्रयास करते रहे। अंतत: सरकार ने मंगलवार को रबी फसल के लिए पानी छोड़ने का निर्णय लिया।
फसलों को बड़ी राहत
पूर्व विधायक,एडवोकेट आशीष जैस्वाल का कहना है कि इस निर्णय से गेहूं, मिर्ची, सब्जियों सहित अन्य फसलों को बड़ी राहत मिलेगी। नदी, नालों में बड़े पैमाने पर पानी जमा होगा। इससे अनेक दिनों तक फसलों को लाभ होगा।
इधर, पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने नागपुर जिले की सत्रापुर उपसा सिंचाई योजना में किसानों को जमीन लौटाने के निर्देश दिए हैं। पालकमंत्री ने कहा कि योजना में जमीन की प्रकल्प के लिए जरूरत नहीं है तो किसानों को वापस कर दी जाए। सत्रापुर योजना की लघु नहर के लिए भूमि अधिग्रहण का मुआवजा बढ़ाने और सत्रापुर उपसा सिंचाई योजना में अधिगृहीत जमीन वापस करने बाबत पालकमंत्री ने बैठक आयोजित की थी।
वर्ष 2013 में जमीन का अवॉर्ड घोषित किया था। इन किसानों को मुआवजा बढ़ाकर देने की मांग की जा रही है। इस संदर्भ में धारा 18 अनुसार कार्रवाई करने के निर्देश पालकमंत्री ने दिए। प्रकल्प के लिए जो जमीन नहीं लगेगी, उसे किसानों को वापस करने का प्रस्ताव सरकार को भेजा जाए।
मिहान पर भी कड़े निर्देश, 15 दिन में हो कार्रवाई
मिहान का पुनर्वसन करते समय निजी ले-आउट अधिगृहीत होने पर और इन ले-आउट के परिवारों का पुनर्वसन होने पर आगामी 15 दिन में अगली कार्रवाई करने के निर्देश दिए जाएं। पालकमंत्री बावनकुले ने कहा कि खापरी, तेल्हारा, कलकुही, दहेगांव स्थित पुनर्वसन के प्रकरण व प्रलंबित प्रकरण पर राजस्व अधिकारियों से चर्चा हुई है। विधि व न्याय विभाग के प्रकरणों पर भी चर्चा हुई है। मिहान अंतर्गत आने वाली ग्रामपंचायतों में भी स्वच्छता अभियान चलाने के निर्देश पालकमंत्री ने दिए।
बावनकुले ने कहा कि मिहान में अधिग्रहित, लेकिन मेट्रो में गई जमीन पर परिवारों का पुनर्वसन किया जाए। ऐसे पांच परिवार हैं। ग्राम पंचायतों के रजिस्टर में जिन गांववासियों के मकान और जमीन का उल्लेख है, ऐसे लोगों का पुनर्वसन किया जाए। शासकीय जगह पर अतिक्रमण करने वालों को हटाने के निर्देश भी दिए। पालकमंत्री ने कहा कि खापरी गांव पुनर्वसन नाप-जोख पूरी होकर रिपोर्ट प्राप्त हुई है। खापरी भी ग्राम पंचायत के रजिस्टर में पंजीयन अनुसार पुनर्वसन करें। पुराने गांवठाण में मकान तोड़ना आवश्यक है। पुलिस की मदद से कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए।
Created On :   15 Nov 2017 1:23 PM IST