निजी क्राइम इंवेस्टिगेशन एजेंसी पर छापा, यूपी से जुड़े हैं तार  

Raid on Private Criminal Investigation Agency, have UP connection
निजी क्राइम इंवेस्टिगेशन एजेंसी पर छापा, यूपी से जुड़े हैं तार  
निजी क्राइम इंवेस्टिगेशन एजेंसी पर छापा, यूपी से जुड़े हैं तार  

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर के गजानन नगर के पास पूर्व समर्थनगर में किराए के कमरे में चल रहे निजी क्राइम इंवेस्टिगेशन एजेंसी के कार्यालय पर क्राइम ब्रांच पुलिस ने छापा मारा। पुलिस ने कार्यालय से दस्तावेज जब्त कर उसे सील कर दिया है। एजेंसी के संचालक नरेश पालरपवार को हिरासत में लेकर धंतोली पुलिस के हवाले कर दिया गया है। अपराध शाखा पुलिस विभाग के उपायुक्त संभाजी कदम ने बताया कि इस मामले की छानबीन शुरू है कि नरेश इस कार्यालय में क्या काम करता था। यह एजेंसी कहीं नागपुर में पुलिस अथवा अन्य शासकीय जांच यंत्रणा का कोई समानांतर विंग तो नहीं चला रही थी। इसकी गहन जांच चल रही है।

विशेष बात यह है कि नरेश ने अपने कार्यालय में पुलिस विभाग की तरह नागरिकों से शिकायतें लेना भी शुरू कर दिया था। नागपुर पुलिस को इस बारे में भनक तक नहीं लग पाई थी।  जब इस एजेंसी के बारे में अपराध शाखा पुलिस को जानकारी मिली तब छापा मारा गया। निजी क्राइम इंवेस्टिगेशन एजेंसी के कार्यालय शुरू करने के पीछे नरेश का क्या मकसद है। इस बारे में उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। नरेश के पास जो कार थी, उसने कार पर भी अपनी एजेंसी का बकायदा नाम लिख रहा था। यह कार शहर में दौड़ती रही, लेकिन यहां की क्राइम ब्रांच, खुफिया एजेंसियों को हवा तक नहीं लग पाई। 

सूत्रों के अनुसार यवतमाल निवासी नरेश सुधाकर पालरपवार (47) ने पूर्व समर्थनगर में 6 हजार रुपए में किराए का कमरा लेकर उसने निजी क्राइम इंवेस्टिगेशन एजेंसी का कार्यालय शुरू किया। नरेश ने पुलिस को बताया कि वह 14 फरवरी को ही इस कार्यालय को शुरू किया है। वह जिस कार पर निजी क्राइम इंवेस्टिगेशन एजेंसी का नाम लिखकर शहर में घूम रहा था। यह कार यवतमाल आरटीओ से पासिंग हैं और यह कार उसकी पत्नी संगीता पालरपवार के नाम पर रजिस्ट्रर्ड है।

नरेश के बारे में पता चला है कि वह बीएससी तक शिक्षण लिया है। अपराध शाखा पुलिस ने उसके कार्यालय में छापा मारा। कार्यालय से दस्तावेज जब्त कर कमरे को सील कर दिया गया है। नरेश को निजी क्राइम इंवेस्टिगेशन एजेंसी शुरू करने की अनुमति किसने दी। इस एजेंसी को शुरू करने का उद्देश्य क्या था। जब शासन की जांच टीमें हैं तो इस समांतर एजेंसी को क्याें शुरू किया। इस बारे में उससे पूछताछ की जा रही है। 

उत्तरप्रदेश से जुड़े हैं तार 
निजी क्राइम इंवेस्टिगेशन एजेंसी के तार उत्तर प्रदेश से जुड़ गए हैं। सूत्रों से पता चला है कि यह एजेंसी मूलत: उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के अजय प्रतापसिंग नामक व्यक्ति की है। अजय प्रतापसिंग से अनुमति लेकर नरेश ने इस एजेंसी को नागपुर में शुरू किया है। उसने गजानन नगर के पास पूर्वसमर्थ नगर में एक इमारत की दूसरी मंजिल पर उक्त एजेंसी का कार्यालय शुरू किया था। उसने एजेंसी कार्यालय के अंदर पुलिस अधिकारी की तरह अपना कमरा तैयार कर रखा था। यह कार्यालय पुलिस विभाग का ही है। यह भ्रम पैदा न हो इसलिए उसने अपनी कार पर निजी क्राइम इंवेस्टिगेशन एजेंसी लिख रहा था। कार में उत्तर प्रदेश पुलिस का लोगो तैयार कर रखा था। उपायुक्त संभाजी कदम के मार्गदर्शन में सहायक पुलिस निरीक्षक किरण चौगले व अन्य सहयोगियों ने छापामार कार्रवाई की। आगे की जांच धंतोली पुलिस करेगी। 
 

Created On :   23 Feb 2019 9:01 AM GMT

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