छिंदवाड़ा से भंडारकुंड जाने वाली पैसेंजर से रेलवे को महज 250 से 300 रुपए आय

Railway is earning only 250 to 300 rs on Chhindwara-Bhandarkund route
छिंदवाड़ा से भंडारकुंड जाने वाली पैसेंजर से रेलवे को महज 250 से 300 रुपए आय
छिंदवाड़ा से भंडारकुंड जाने वाली पैसेंजर से रेलवे को महज 250 से 300 रुपए आय

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। छिंदवाड़ा से भंडारकुंड के बीच खाली ट्रेन पटरी पर दौड़ रही है। 18 डिब्बों की इस ट्रेन में रोजाना औसतन 25 यात्री छिंदवाड़ा से रवाना हो रहे हैं। एक कोच में एक से दो यात्री ही नजर आते हैं। छिंदवाड़ा से भंडारकुंड के बीच 35 किमी की दूरी तय करने वाली इस ट्रेन की टिकटों की बिक्री से रेलवे को रोजाना महज 200 से 300 रुपए रोजाना की आय हो रही है। खास बात यह है कि छिंदवाड़ा रेलवे स्टेशन के टिकट काउंटर से इस ट्रेन के लिए 80 फीसदी टिकटों की बिक्री लिंगा एवं उमरानाला तक के लिए हो रही है। पैसेंजर में यात्रियों की कम संख्या की सबसे बड़ी वजह ट्रेन की टाइमिंग बताई जा रही है। वहीं ट्रेन का महज एक फेरा लगने के कारण भी इस ट्रेन को पर्याप्त यात्री नहीं मिल पा रहे हैं।

छिंदवाड़ा-नागपुर रुट पर नैरोगेज ट्रेनों का संचालन बंद होने के करीब दो वर्ष बाद छिंदवाड़ा-भंडारकुंड के बीच ब्राडगेज ट्रेन का संचालन प्रारंभ हुआ। इस रुट पर नई ट्रेन चलाए जाने के बजाए रेलवे ने इंदौर से छिंदवाड़ा के बीच चलने वाली पेंचवेली पैसेंजर को ही भंडारकुंड तक विस्तारित कर दिया। छिंदवाड़ा से भंडारकुंड के लिए पहली बार ट्रेन 10 जनवरी को रवाना हुई थी। पहले दिन ट्रेन में 306 यात्री सवार हुए थे। इसके बाद  यात्रियों की संख्या लगातार कम होती गई। पिछले एक माह के दौरान इस ट्रेन में रोजाना 20 से 30 यात्री ही छिंदवाड़ा से रवाना हो रहे हैं। लंबे समय बाद सोमवार को ट्रेन में यात्रियों का आंकड़ा बढ़ा। सोमवार को छिंदवाड़ा से इस ट्रेन से 61 यात्री रवाना हुए। 

इंदौर-भोपाल से आने वाले यात्री ही होते हैं सवार
छिंदवाड़ा-भंडारकुंड ट्रेन में अधिकांश वे यात्री सवार हो रहे हैं जो पेंचवेली पैसेंजर से इंदौर-भोपाल से छिंदवाड़ा पहुंचते हैं। वहीं छिंदवाड़ा से इस ट्रेन के लिए सबसे ज्यादा टिकटों की बिक्री लिंगा एवं उमरानाला के लिए हो रही है। 

एक ही फेरा, ट्रेन की टाइमिंग बनी समस्या
इंदौर से आने वाली पेंचवेली पैसेंजर के छिंदवाड़ा पहुंचने का निर्धारित समय सुबह 4.30 बजे है एवं यह ट्रेन यहां से सुबह 4.45 बजे भंडारकुंड रवाना होती है। छिंदवाड़ा से भंडारकुंड के बीच ट्रेन का एक ही फेरा होता है। भंडारकुंड में पंद्रह मिनट के स्टापेज के बाद ट्रेन छिंदवाड़ा की ओर वापस रवाना हो जाती है। ऐसे में यात्रियों को वापसी यात्रा के लिए बस व टैक्सियों पर निर्भर रहना पड़ता है। 

यात्रियेां का कहना- पांच डिब्बों की ट्रेन दिन में दो से तीन फेरे लगाए
यात्रियों का सुझाव है कि इंदौर-छिंदवाड़ा पेंचवेली पैसेंजर को ही भंडारकुंड तक चलाए जाने के बजाए छिंदवाड़ा से भंडारकुंड के बीच पांच डिब्बों की नई ट्रेन चलाई जानी चाहिए। यह ट्रेन दिन में कम से कम दो से तीन फेरे लगाए। इससे यात्रियों को वापसी यात्रा की भी सुविधा मिलने लगेगी एवं इस रुट पर यात्रियों की संख्या बढ़ सकेगी।

Created On :   31 July 2018 9:15 AM GMT

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