रेलवे अंडर ब्रिज की कछुआ चाल, बीत गए तीन साल

Railway underbridge on Koradi Road, Baba Farid Nagar Railway Crossing nagpur
रेलवे अंडर ब्रिज की कछुआ चाल, बीत गए तीन साल
रेलवे अंडर ब्रिज की कछुआ चाल, बीत गए तीन साल

डिजिटल डेस्क, नागपुर।   रेलवे अंडर ब्रिज का कार्य पिछले 3 वर्ष से कछुआ गति से चल रहा है। कोराड़ी रोड, बाबा फरीद नगर रेलवे क्रासिंग पर रेलवे अंडरब्रिज तैयार किया जा रहा है।   इस निर्माण कार्य से स्थानीय लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अंडरब्रिज बनाने का काम कर रही कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक अनेक प्रकार की अड़चनों के चलते ब्रिज तैयार करने में समय लग रहा है। अधिकारी यह भी दावा कर रहे हैं कि रेलवे अंडरब्रिज का 80 फीसदी काम पूरा हो चुका है तथा आगामी अप्रैल-2018 तक यह ब्रिज बनकर पूरी तरह तैयार हो जाएगा। जबकि हकीकत यह है कि अब तक इस अंडर ब्रिज का बॉक्स पुशिंग का काम ही शुरू था। हाल ही में यह काम संपन्न कर बाक्स पुशिंग का काम करने वाली कंपनी वापस लौटी है। रेलवे अंडरब्रिज तैयार करने का ठेका दिल्ली की कंपनी ओरिएन्टल स्ट्रक्चरल इंजीनियर प्रा. लि. को दिया गया है।

12 माह में होना था काम
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा यह काम संपन्न कराया जा रहा है जिस पर 19.30 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे। अनुबंध के मुताबिक 12 माह में यह रेलवे अंडरब्रिज पूरी तरह तैयार हो जाना चाहिए था। समय पर काम पूरा न हो पाने का खामियाजा स्थानीय लोगों को भुगतना पड़ रहा है। कोराड़ी रोड पर मानकापुर से शुरू हुआ ब्रिज फरस तक का है। फरस से दूसरा ब्रिज कोराड़ी नाका तक है। इस दूसरे ब्रिज के दोनों ओर अनेक बस्तियां हैं। ओवरब्रिज को लांघकर इन बस्तीवासियों को आना-जाना पड़ता है। इससे तकरीबन 6 किलोमीटर का चक्कर काटकर गंतव्य तक लोगों पहुंचना पड़ रहा है। इस इलाके में कारोबार करने वाले व्यापारियों को भी भारी नुकसान हो रहा है। रेलवे अंडरब्रिज के आसपास की दुकानें इसलिए बंद हैं क्योंकि वहां तक पहुंचने का रास्ता ही निर्माणकार्य के चलते बंद है।

तीन साल पहले हुआ था मंजूर
बाबा फरीद नगर से सटी रेलवे क्रासिंग हाेने से इस मार्ग पर अक्सर ट्रैफिक जाम की समस्या बनी रहती थी। उड़ान पुलिया बनने पर इस पुलिया को पार करने में 6 किलाेमीटर का अतिरिक्त चक्कर काटना पड़ता है। राहगीरों को इससे भारी परेशानी होती है जिसे दूर करने के लिए स्थानीय लोगों ने रेलवे अंडरब्रिज तैयार करने की मांग की थी। उड़ान पुल बनाए जाने के बाद रेलवे क्रासिंग के आसपास रेलवे अंडरब्रिज नहीं बनाया जा सकता। ऐसा नियम होने के कारण रेलवे विभाग ने अंडरब्रिज बनाने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया तथा अनापत्ति प्रमाणपत्र जारी करने से इनकार कर दिया। इस मांग को लेकर स्थानीय निवासियों ने रेलवे प्रशासन के खिलाफ उग्र प्रदर्शन किया था। नागरिकों की इस मांग को गंभीरता से लेते हुए केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी व पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने मध्यस्थता कर रेलवे अंडरब्रिज की मांग को मंजूरी दिलाने का प्रयास किया। इस प्रयास में सफलता मिली तथा रेलवे विभाग ने अंडरब्रिज बनाने के लिए आवश्यक कार्यवाही कर अनापत्ति पत्र जारी कर दिया। रेलवे विभाग से हरी झंडी मिलने पर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा रेलवे अंडरब्रिज के लिए नवंबर 2015 में 19.30 करोड़ की निधि मंजूर की गई। इसके साथ ही रेलवे अंडरब्रिज बनाने का काम शुरू किया गया।

बॉक्स पुशिंग के  काम में विलंब
मानकापुर रेलवे अंडरब्रिज तैयार करने के लिए बॉक्स पुशिंग तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। इस तकनीक के जरिए रेलवे ट्रैफिक को बाधा पहुंचाए बगैर पुलिया का निर्माण किया जाता है। बॉक्स पुशिंग के लिए सीमेंटेशन इंडिया लिमिटेड को काम सौंपा गया था। कुछ ही माह में यह काम पूर्ण होना चाहिए था लेेकिन कंपनी द्वारा इस काम को संपन्न करने में तकरीबन 3 वर्ष का समय लिया गया। यही कारण है कि रेलवे अंडरब्रिज अब तक पूरा नहीं हो सका है।

काम में हो रहा विस्तार
रेलवे अंडरब्रिज का काम समय पर पूरा न होने का एक कारण इस काम में विस्तार को भी माना जा रहा है। अब तक  इस क्षेत्र से दोहरी रेलवे लाइन के जरिए ही आवागमन होता था। रेलवे विभाग ने इस मार्ग पर तीसरी रेलवे लाइन बिछाने का भी प्रावधान किया है। इस तीसरी रेलवे लाइन को ध्यान में रखते हुए रेलवे अंडरब्रिज के काम का भी विस्तार किया गया है। अब यह अंडरब्रिज तीसरी रेलवे लाइन के अनुरूप तैयार किया जा रहा है। यही कारण है कि इसके स्लैब काे भी बढ़ाया जाएगा। इस काम से ठेका राशि में भी वृद्धि होगी।

अब तक अंडरब्रिज तैयार नहीं हुआ
रेलवे विभाग की आंतरिक खींचतान के कारण अंडरब्रिज के बनने में 36 माह गुजर गए। अब तक अंडरब्रिज तैयार नहीं हुआ है। इस अंडरब्रिज का विस्तारीकरण होने वाला है जिसका प्रस्ताव भेजा गया है। बॉक्स पुशिंग का काम पूरा हो गया है, शेष काम को शीघ्र पूरा कर लिया जाएगा। 
शंभू सिंह, आंदोलनकर्ता

काम में ढिलाई बरती जा रही
स्थानीय नागरिकों को अंडरब्रिज के काम में विलंब से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। तकरीबन 6 किलोमीटर का चक्कर लगाकर लोगों को अपने घर पहुंचना पड़ता है। इस परेशानी से निजात पाने के लिए अनेक बार रेलवे विभाग से संपर्क किया गया लेकिन काम में ढिलाई बरती जा रही है। 
रितेश नायडू, स्थानीय निवासी, तिरुपति नगर, कोराडी रोड

Created On :   6 March 2018 3:49 PM IST

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