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113 करोड़ खर्च कर पूरा हुआ रामझूला, उद्घाटन पर खाली पड़ी थी कुर्सियां, नहीं रुके CM और गडकरी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। उपराजधानी का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट रामझूला आखिरकार 13 साल का मुकम्मल हो गया। मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस के हाथों फेज 2 का उद्घायन हुआ। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी मौजूद थे। जिस स्थान पर कार्यक्रम रखा गया था, वहां कुर्सियां खाली पड़ी थी। सीएन मंच पर आए बगैर ही वहां से चले गए। उद्घाटन के बाद नहीं रुके सीएम और गडकरी के वहां से निकलते ही फेज 1 पर भारी ट्रैफिक जाम लग गया, जबकि ट्रैफिक के आला अधिकारी और पुलिस महकमा मौके पर मौजूद था। इसके बावजूद ट्रैफिक से निकलने में लोगों को खासी मशक्कत करनी पड़ी। बताया जा रहा है कि सीएम और गडकरी के पास वक्त कम था। लेकिन MHRDC ने फेज 2 पर ही मंच गया दिया था। जिससे पूरा रास्ता ब्लॉक हो गया। इस पर गडकरी ने नाराजगी भी जताई। फीता काटने के बाद पांच मिनट में ही सीएम और गडकरी वहां से रवाना हो गए। उद्घाटन के दो घंटे बाद तक फेज 2 बंद रहा। जिससे ट्रैफिक की स्तिथी और बिगड़ गई थी।
लापरवाही के कारण प्रोजेक्ट में देरी
साढ़े तीन साल में पूरा होने वाला प्रोजेक्ट रामझूला 46 करोड़ की लागत से बनना तय हुआ था, जो बाद में बढ़कर करीब 113 करोड़ तक पहुंच गया। रामझूले का पहला फेज 9 साल में पूरा हुआ था, दूसरे फेस को पूरा होने में 4 साल लग गए। अधिकारी और ठेकेदार की लापरवाही के कारण प्रोजेक्ट में देरी होने के साथ ही लागत मूल्य भी दोगुने से ज्यादा हो गया। जनता सेे टैक्स के रूप में मिलनेवाले राजस्व को किस तरह प्रोजेक्ट के नाम पर बहाया जाता है, यह इसका बेहतरीन नमूना माना जा सकता है।
8 बार बढ़ चुकी है मियाद
रामझूला केबल आधारित फ्लाईओवर ब्रिज है। राज्य में यह दूसरा ऐसा ब्रिज है, जो केबल के सहारे बना है। कांग्रेस शासनकाल में 25 जनवरी 2006 को इसका कार्यादेश जारी हुआ था। इसे 42 महीने में बनना था, लेकिन पहले फेज को ही बनने में 9 साल लगे। उसका लोकार्पण 7 दिसंबर 2014 को मुख्यमंत्री फडणवीस ने किया था। मुख्यमंत्री ने दूसरे फेज का काम एक साल में पूरा करने का वादा किया था, लेकिन इसमें 4 साल का समय लगा। एमएसआरडीसी की निगरानी में इसका काम एफकान्स इंफ्रा कंपनी ने किया। निविदा के वक्त इसका लागत मूल्य 45.95 करोड़ था। सुधार के नाम पर इसकी कीमत 69.62 करोड़ तक पहुंच गई। हमेशा सुर्खियों में रहनेवाले इस प्रोजेक्ट की मियाद 8 बार बढ़ चुकी है। ठेकेदार ने कई बार काम रोका। फ्लाईओवर को लगनेवाले केबल विदेश से मंगाए गए थे।
दोनों फेज का लोकार्पण फडणवीस के हाथों
रामझूले का काम जिस वक्त शुरू हुआ था, तब राज्य में आघाड़ी की सरकार थी। रामझूला फेज-1 का लोकार्पण मुख्यमंत्री फडणवीस ने किया था और दूसरे फेज का लोकार्पण भी उनके हाथों हुआ। फ्लाईओवर पर रेलिंग लगाने, बोर्ड और रंगरोगन के नाम पर लंबा समय लगाया गया। जाम से निजात दिलाने के लिए दूसरा फेज जल्द शुरू करने के लिए अधिकारियों की तरफ से कोई प्रयास नहीं हुए थे। लोग हर दिन जाम से जुझते रहे, लेकिन अधिकारी ने जनता के सवालों का जवाब नहीं दिया था।
Created On :   18 Jan 2019 9:54 AM GMT