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राणा दंपति हनुमान चालीसा का पठन कर करेंगे महाराष्ट्र का संकट दूर
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के आवास के बाहर हनुमान चालिसा पठन करने के विवाद में राणा जेल की हवा खा चुके राणा दंपति इस मुद्दे को लेकर फिर राजनीतिक माहौल गरमाने में लगे हुए है। मुंबई में उनका प्रयास असफल रहने के बाद अब वे महाराष्ट्र के संकट (महंगाई, भ्रष्टाचार, किसानों की समस्या आदि) को दूर करने के लिए 14 मई को यहां के कनॉट प्लेस स्थित हनुमान मंदिर में अपने कार्यकर्ताओं के साथ महाआरती तथा हनुमान चालीसा का पठन करेंगे। जानकारों का कहना है कि ऐसा करके चुने हुए ये जनप्रतिनिधि संविधान के मूलभूत कर्तव्य का उल्लंघन कर रहे है।
संविधान के अनुच्छेद 51 ए (एच) के अनुसार हर भारतीय नागरिक का मौलिक कर्तव्य है कि वह वैज्ञानिक दृष्टिकोण, मानववाद और ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करे। ऐसे में सवाल उठाता है कि किया चुने हुए ये जनप्रतिनिधि महाराष्ट्र पर आए संकट को दूर करने के लिए महाआरती या हनुमान चालीसा का पठन करके कहीं दकियानूसी विचारों और धर्मांधता को तो नहीं फैला रहे है?
राणा दंपति ने बुधवार को यहां मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि उद्धव ठाकरे ब्रिटिश राज के मुताबिक महाराष्ट्र में सरकार चला रहे है। हम धर्म का प्रचार कर रहे है इसलिए हम पर ठाकरे ने सरकार ने धारा 124 ए के तहत मुकदमा दर्ज कर जेल में भेजा। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह कानून पर तत्काल रोक लगाकर हम जैसे निष्पक्ष लोगों को राहत दी है। उन्होंने कहा कि वह संसद के आगामी सत्र में धारा 124ए के साथ महाराष्ट्र में उन पर हुए जुल्म को लेकर आवाज उठायेगी।
भाजपा में शामिल होने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि हम भाजपा के साथ मन से जुड़े है। इसलिए पार्टी में शामिल होने या न होने की कोई बात नहीं है। नवनीत राणा ने कहा कि उन्हें भाजपा का समर्थन तो मिल ही रहा है। इससे ज्यादा क्या कहना है। उन्होंने इस दौरान उद्धव ठाकरे को चुनौती दी है कि वह 14 मई को मुंबई में हो रही सभा में यदि यह घोषित करें कि वह कहां से चुनाव लड़ना चाहते है तो मानूंगी कि उनमें मर्दांगी है
Created On :   11 May 2022 9:59 PM IST