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नागपुर में रेप की घटनाएं बढ़ी- स्वराज विदवान

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पिछले दो सालों में नागपुर में रेप के मामले बढ़ रहे हैं। यह बात राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की सदस्य स्वराज विद्वान ने कही। रवि भवन में पत्रकारों से चर्चा के दौरान उन्होंने बताया कि, पिछले दो साल में नागपुर में दलितों के साथ बलात्कार के 26 मामले हुए हैं। इसी तरह जातीय द्वेष में 2 दलितों की हत्या हुई है। जिन परिवारों ने अपने लाल खोए उस परिवार के सदस्य को नौकरी सहित अन्य सुविधाएं दी जाएंगी। अन्य राज्यों की तुलना में महाराष्ट्र का कामकाज संतोषजनक है। इसी तरह महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों की तुलना में विदर्भ में दलित अत्याचार संबंधी शिकायतें कम हैं। आयोग को राज्य से हर दिन 15-20 शिकायतें मिलती हैं, जिसमें नागपुर से कम शिकायतें होती हैं।
रेप के 26 मामले दर्ज
उन्होंने बताया कि, पिछले दो साल में नागपुर में जातीय द्वेष में 2 दलितों की हत्या हुई आैर बलात्कार के 26 मामले दर्ज हुए हैं। जिन परिवारों के सदस्य मारे गए, उस परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी, यदि बेघर हैं, तो आवास की व्यवस्थाा की जाएगी। नागपुर में अनुसूचित जाति के तीन होस्टलों में बैठक लेकर यहां दी जा रही सुविधाओं व कामकाज की समीक्षा की गई। इसमें ई.सी. गर्ल्स होस्टल, नांदा बॉयज होस्टल व मुक्ताबाई गर्ल्स होस्टल शामिल है। उन्होंने बताया कि, दो होस्टलों में पानी की समस्या है आैर यहां समस्या तुरंत दूर करने के आदेश दिए गए हैं। सफाई के संंबंध में जिलाधीश को जरूरी दिशा-निर्देश दिए गए हैं। होस्टल में जिम का सामान टूटा-फूटा नजर आया। जिला क्रीड़ा अधिकारी को खुद मौके पर जाकर इसका जायजा लेने को कहा गया है। जिम का अच्छा सामान देने को कहा गया है। एक महीने में खामी दूर नहीं हुई तो अधिकारियों को कार्रवाई के लिए तैयार रहना होगा। इस अवसर पर समाज कल्याण विभाग के सहायक आयुक्त विजय वाकुडकर, डा. प्रकाश वंजारी व जिला सूचना अधिकारी अनिल गडेकर उपस्थित थे।
होस्टलों का किया निरीक्षण
उन्होंने कहा कि तीन होस्टलों का निरीक्षण करने के साथ ही अधिकारियों के साथ बैठक कर कामकाज का जायजा लिया। जो अधिकारी अनुपस्थित रहे, उन्हें कारण बताआे नोटिस जारी किए जाएंगे। सदस्य बनने के बाद नागपुर का यह पहला दौरा है। आयोग के पास देश भर से 51 हजार मामले पेंडिंग थे। हर सदस्य सप्ताह में दो दिन सुनवाई लेकर मामलों को शीघ्र निपटारे का प्रयास करता है। 2 जून 2017 को चार्ज लेने के बाद से मैंने खुद 7500 मामलों की सुनवाई कर उसका निपटारा किया है। 1300 मामलों को क्लोज (बंद) कर दिया गया है। नागपुर दौरे में अनुसूचित जाति से संबंधित कई संगठनों के प्रतिनिधि मिले। सबकी अलग-अलग समस्या थी। अधिकांश मामले पदोन्नति व तबादले से संबंधित थे।
Created On :   11 April 2018 2:14 PM IST