कर्ज लेने से बच रहे किसानों को सरकार दे रही फील गुड का एहसास

Realizing government feeling of good to farmers who have avoided taking loans
कर्ज लेने से बच रहे किसानों को सरकार दे रही फील गुड का एहसास
कर्ज लेने से बच रहे किसानों को सरकार दे रही फील गुड का एहसास

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर समेत विदर्भ में बारिश ने दगा देने से किसान फसल कर्ज लेने से बच रहे है। बुआई करने पर फसल बर्बाद होने का खतरा सता रहा है। बिकट स्थिति में किसान अप्रत्याशित कदम न उठाए, इसिलए शासन व प्रशासन की तरफ से किसानों को फील गुड का एहसास कराया जा रहा है। शासन-प्रशासन आपके साथ है, जब चाहे तब बैंक फसल कर्ज देने को तैयार है जैसी बातें बताकर किसानों को किसी भी सूरत में नहीं डगमगाने का मंत्र दिया जा रहा है। राज्य में इसी साल विधान सभा चुनाव है आैर उसके पूर्व किसान सरकार से दूर न जाए, इसलिए शिविर के माध्यम से किसानों की कौंसिलिंग की जा रही है।  याद रहे नागपुर समेत विदर्भ किसान आत्महत्या के लिए चर्चित है। माली हालत खराब होने पर किसान आत्महत्या करने की बात समय-समय पर जांच में सामने आती रही है। नागपुर समेत विदर्भ का किसान आसमानी बारिश पर निर्भर रहता है। सूखा या गिला की स्थिति आने पर किसाना के बुरे हाल हो जाते है। नागपुर जिले के अधिकांश किसान बैंक से कर्ज लेकर बुआई करते है। मानसून रुठने से किसान बुआई के लिए तेजी से आगे नहीं आ रहे। बारिश दगा देने से फसल बर्बाद होने का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। समय पर फसल नहीं निकलने से किसानों की आर्थिक स्थिति खराब हो सकती है। ऐसी बिकट स्थिति में किसानों का मनोबल बढ़ाने का काम प्रशासन की तरफ से किया जा रहा है। 

जिले के हर मंडल में हो रहे किसान सम्मेलनों में अब किसानों की कौंसिलिंग भी की जा रही है। जैसे शासन-प्रशासन आपके साथ है। सरकार कर्ज माफ कर चुकी है। सात बारा कोरे हुए आैर नया कर्ज लेने के लिए बैंक तैयार है। किसान जब चाहे तब बैंक से कर्ज ले सकता है। किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। सरकार किसानों के लिए नई-नई योजना ला रही है। बीमा कराने से फसल बर्बाद होने पर क्षतिपूर्ति मिलेगी। सरकार किसानों को ध्यान में रखकर काम कर रही है। इसतरह सरकार के किसानों के साथ अटूट रिश्ते को जाहिर किया जा रहा है। किसानों के लिए लाई गई योजनाओं की भी जानकारी दी जा रही है। 

अब हर हप्ते हो रही समीक्षा 

पहले जिला प्रशासन हर महीने कर्ज वितरण की समीक्षा करता था। सरकार के आदेश पर 15-15 दिन में समीक्षा की जा रही थी। सरकार के आदेश पर अब हर सप्ताह कर्ज वितरण की समीक्षा हो रही है। जिला प्रशासन के अधिकारी जिला अग्रणी बैंक से हर सप्ताह कर्ज वितरण का अपडेट आंकडा ले रहा है। इसके अलावा जिला प्रशासन हर सप्ताह बैंक अधिकारियों से बैठक कर फसल कर्ज की समीक्षा कर रहा है। ज्यादा से ज्यादा फसल कर्ज बांटने को कहा जा रहा है।


एक नजर अब तक बंटे फसल कर्ज पर

खरीप मौसम में जिले के लिए फसल कर्ज का टारगेट 979.95 करोड़ रखा गया है। 24 जुलाई तक 42 फीसदी ही फसल कर्ज बांटा गया था। किसान सबसे ज्यादा फसल कर्ज जून के तीसरे सप्ताह से लेकर जुलाई अंत तक लेता है। अब तक यह आंकडा 50 फीसदी के पार होना चाहिए था। किसानों को फील गुड कराने के साथ ही बी पाजिटीव बनाया जा रहा है। 

प्रशासन किसानों के साथ है, किसान कर्ज ले सकते है 

शासन-प्रशासन किसानों के साथ है। कर्जमाफी से अधिकांश किसानों के सात-बारा कोरे हुए है और किसान जब चाहे तब बैंक से फसल कर्ज ले सकते है। बैंक से कोई परेशानी हो तो किसान सीधे हमें बता सकते है। जटील नियम, शर्तेां से किसानों को राहत दी गई है। हर मंडल में ज्यादा से ज्यादा शिविर लिए जा रहे है। किसानों का मार्गदर्शन करने के साथ ही कौंसिलिंग भी की जा रही है। हर सात दिन में फसल कर्ज की समीक्षा की जा रही है। अधिकांश किसानों की फसल का बीमा कराया गया है। किसानों को घबराने की जरूरत नहीं है। शासन-प्रशासन हर स्थिति में किसानों के साथ है। -रवींद्र खजांजी, निवासी उपजिलाधीश नागपुर

Created On :   25 July 2019 2:28 PM GMT

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