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बागी विधायक ने कहा- चाटूकारों से घिरे सीएम हो गए थे विधायकों से दूर, मुख्यमंत्री आवास में घुसने की नहीं थी इजाजत
डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के सरकारी आवास छोड़ने और भावनात्मक आवाहन के जवाब में बगावती गुट में शामिल औरंगाबाद पश्चिम से विधायक संजय शिरसाट ने पत्र लिखकर बगावत की वजह साफ की है। मुख्यमंत्री ठाकरे को लिए पत्र में शिरसाट ने दावा किया है कि उनकी करीबी चाटुकार मंडली विधायकों को उनसे मिलने तक नहीं देती थी। विधायकों को सीधे वर्षा में दाखिल होने की इजाजत नहीं थी और वे मुख्यमंत्री के करीबियों को फोन करते थक जाते और कुछ घंटों में वापस लौट जाते।
मंत्रालय ही नहीं जाते थे सीएम
आम तौर पर विधायक मुख्यमंत्रियों से मंत्रालय में उनके कार्यालय में भी मिलते है लेकिन उद्धव ठाकरे मंत्रालय ही नहीं जाते थे इसलिए विधायकों के लिए यह रास्ता भी बंद था।
शिरसाट ने लिखा है कि बुधवार को सीएम के सरकारी बंगले ‘वर्षा’ के दरवाजे लोगों के लिए खुले और वहां बड़ी संख्या में शिवसैनिक पहुंचे यह देखकर खुशी हुई लेकिन पिछले ढाई सालों से वर्षा के दरवाजे हमारे लिए बंद थे। हमारे वोटों से विधान परिषद और राज्यसभा में चुनकर जाने वाले तथाकथित चाणक्य हमें किनारे करके राज्यसभा और विधान परिषद चुनावों की रणनीति बना रहे थे। जिसका नतीजा सबके सामने हैं।
शिंदे ने कहा यह बगावत की असली वजह
बागी गुट की अगुआई करने वाले एकनाथ शिंदे ने भी यह पत्र ट्वीट करते हुए इसे बगावत की असली वजह बताया है। शिरसाट ने लिखा है कि विधानसभा क्षेत्र के काम के लिए, दूसरे मुद्दों पर बात करने के लिए और निजी परेशानियों के चलते मुख्यमंत्री से मिलना हो तो कई बार फोन करने पर आपके चाटुकार बताते थे कि मुख्यमंत्री ने बंगले पर बुलाया है। लेकिन गेट पर खड़े होकर घंटों इंतजार करना पड़ता था। आपके करीबी फोन उठाना बंद कर देते और खाली हाथ लौटना पड़ता। हमारा सवाल है कि तीन चार लाख लोगों के बीच से चुनकर आने वाले विधायकों को इस तरह अपमानित क्यों किया जाता था। सभी विधायकों के साथ ऐसा हो रहा था और शायद आप तक सूचना भी नहीं पहुंचती थी।
शिंदे के दरवाजे हमारे लिए हमेशा होते थे खुले
शिरसाट के मुताबिक एकनाथ शिंदे के दरवाजे विधायकों के लिए हमेशा खुले होते थे। विधान सभा क्षेत्र के मुद्दे, विधायक निधि, अधिकारियों से जुड़ी परेशानी, कांग्रेस-राकांपा की ओर से अपमान जैसे मुद्दों पर शिंदे हमारी बात सुनते थे और सकारात्मक नतीजे निकालते थे। इसीलिए हम सभी विधायकों के आग्रह पर शिंदे ने यह कदम उठाया।
अयोध्या जाने से क्यों रोका
शिरसाट ने अयोध्या जाने से रोके जाने पर भी सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि मैं और कई विधायक आदित्य ठाकरे के साथ अयोध्या जाने के लिए विमान में बैठ गए थे उसके बाद हमें उतरने को कहा गया। राज्यसभा चुनाव में शिवसेना के वोट नहीं फूटे थे ऐसे में इस अविश्वास की क्या वजह थी जो हमें राम लला के दर्शन नहीं करने दिए।
राकांपा-कांग्रेस के नेताओं से ही मुलाकात क्यों
शिरसाट ने मुख्यमंत्री को लिखा है कि जब शिवसेना के विधायक आपसे मिलने के लिए संघर्ष कर रहे थे तब राकांपा-कांग्रेस के नेता आपसे लगातार मिल रहे थे और तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे थे। उन्हें निधि मिल रही थी उनके क्षेत्र में भूमि पूजन उद्घाटन हो रहे थे। ऐसे में हमारे विधानसभा क्षेत्र के लोग हमसे सवाल कर रहे थे कि दूसरी पार्टियों के लोगों को कैसे निधि मिल रही है। हम लोगों को जवाब नहीं दे पा रहे थे। ऐसे कठिन समय में शिंदे के दरवाजे हमारे लिए खुले थे। आपने जो बात कही वह बेहद भावनात्मक थी लेकिन उनमें हमारे सवाल का जवाब नहीं था। अपनी भावनाएं आप तक पहुंचाने के लिए यह पत्र लिखा है।
हमारे विधायकों को परेशान करते थे अजित पवार-पटोले
मुश्किल में फंसी महाविकास आघाडी सरकार के मतभेद सतह पर आने लगे हैं। महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने दावा किया है कि उपमुख्यमंत्री अजित पवार कांग्रेस विधायकों को परेशान करते थे। हालांकि अजित पवार ने पटोले के आरोपों को गलत बताते हुए इस बात पर नाराजगी जताई है।
Created On :   23 Jun 2022 9:10 PM IST