तीसरी लहर से रिकवर तो हो गए मगर, अब साइड इफेक्ट से परेशान

Recovered from the third wave, but now troubled by side effects
तीसरी लहर से रिकवर तो हो गए मगर, अब साइड इफेक्ट से परेशान
परेशानियां कम नहीं तीसरी लहर से रिकवर तो हो गए मगर, अब साइड इफेक्ट से परेशान

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोरोना की तीसरी लहर भले ही खतरनाक नहीं थी, लेकिन संक्रमित हुए अधिकांश लोग किसी न किसी साइड इफेक्ट से परेशान हो रहे हैं। तीसरी लहर में बिना लक्षण वाले मरीज ज्यादा थे, जो होम आइसोलेशन में रहकर ही ठीक हो गए, लेकिन हर रोज सरकारी अस्पताल में मरीज नई-नई समस्या लेकर पहंुच रहे हैं। किसी को छोटी-छोटी बातों पर चिड़चिड़ाहट हो रही है, तो किसी को जोड़ों में दर्द की समस्या आ रही है। कोई पेट की समस्या को लेकर परेशान है, तो अचानक सर्दी और खांसी की समस्या आ रही है। मरीजों को सबसे ज्यादा समस्या कमजोरी और जल्दी थकान की आ रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि  कोरोना की तीसरी लहर में संक्रमित हुए लगभग 80% लोगों के विहेवियर में काफी बदलाव आया। ऐसे लक्षण युवा वर्ग के लोगों में अधिक आया है। ऐसे लोगों में काउंसलिंग द्वारा और फिजिकल एक्टिविटी बढ़ाकर ठीक करने का प्रयास किया जाता है।  ऐसे ही कुछ मरीजों ने अपनी समस्याएं साझा की। 

ज्यादा कमजोरी महसूस हो रही है

35 वर्षीय श्रीकांत ने बताया कि कोविड-19 की पहली और दूसरी लहर से बच गए थे, लेकिन तीसरी लहर की चपेट में आ गए थे। कोविड से ठीक तो हो गए हैं, लेकिन अब बहुत ज्यादा कमजोरी महससू हो रही है। पहले ही तुलना में काम करने की क्षमता भी कम हो गई है। जल्द ही थकान भी होने लगती है।

Created On :   19 Feb 2022 5:37 PM IST

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