हाईकोर्ट : ग्रामीण इलाकों की स्वास्थ्य सेवा को प्रभावी बनाए सरकार, चार्टर फ्लाइट से यात्रा पर नितीन राऊत से मांगा जवाब

Referring to Melghat case: State government should make the health service of effective rural areas
हाईकोर्ट : ग्रामीण इलाकों की स्वास्थ्य सेवा को प्रभावी बनाए सरकार, चार्टर फ्लाइट से यात्रा पर नितीन राऊत से मांगा जवाब
हाईकोर्ट : ग्रामीण इलाकों की स्वास्थ्य सेवा को प्रभावी बनाए सरकार, चार्टर फ्लाइट से यात्रा पर नितीन राऊत से मांगा जवाब

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि शहरी इलाकों में तो लोगों को डॉक्टरों की सेवाएं मिल जाती है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में ऐसा नहीं हो पाता है। इसलिए सरकार ग्रामीण व दूरदराज के इलाकों के लिए प्रभावी स्वास्थ्य सेवा की व्यवस्था बनाए। जिससे ग्रामीण क्षेत्र में रहनेवाले लोगों को राहत मिल सके। प्रसंगवश खंडपीठ ने मेलघाट में डॉक्टरों की कमी व स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव में काफी संख्या में बच्चों की होनेवाली मौत का भी जिक्र किया। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति गिरीष कुलकर्णी की खंडपीठ ने कहा कि मेलघाट में बड़ी संख्या में बच्चे डायरिया, गैस्ट्रो, जुलाब जैसी तकलीफ से परेशान होते है। ऐसे में ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवा की प्रभावी व्यवस्था बनाकर इस तरह की परेशानी को दूर किया जा सकता है। खंडपीठ के सामने रत्नागिरी इलाके में अस्पातलों में डॉक्टरों के रिक्त पद न भरे जाने के मुद्दे को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही है। यह याचिका सामाजिक कार्यकर्ता खलील अहमद ने दायर की है। 

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता राकेश भाटकर ने कहा कि रत्नागिरी के सरकारी अस्पताल में डॉक्टर के पद रिक्त हैं। यह स्थिति रत्नागिरी में नहीं राज्य के दूसरे इलाकों में भी है। सरकार ठेके पर डॉक्टरों की नियुक्ति करना चाहती है, इसलिए कोई आगे नहीं आता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार खुद मेडिकल व पैरामेडिकल स्टाफ के रिक्त पद भरने की बजाय नेशनल हेल्थकेयर मिशन पर अपनी निर्भरता को बनाए हुए है। जो कि उचित नहीं है। इस बात को जानने के बाद खंडपीठ ने रत्नागिरी की सभी तहसीलों की स्वास्थ्य सेवा की स्थिति व रिक्त पदों की जानकारी देने का निर्देश दिया। खंडपीठ ने कहा कि हम चाहते है कि स्वास्थ्य सेवा का ऐसा मॉडल बने जो पूरे राज्य में लागू किया जा सके। खंडपीठ ने सरकारी वकील को स्वास्थ्य सेवा विभाग के सचिव स्तर के अधिकारी से इस बारे में निर्देश लेने को कहा है। खंडपीठ ने सरकारी वकील को दो सप्ताह के भीतर इस मामले को लेकर हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है। 

चार्टर फ्लाइट से यात्रा पर नितीन राऊत से मांगा जवाब

बांबे हाईकोर्ट ने राज्य के ऊर्जा मंत्री नितीन राऊत से जवाब मांगा है। मामला मंत्री राऊत की कोरोना काल के दौरान चार्टर फ्लाइट से की गई यात्राओं से जुड़ा है। जिसको को लेकर प्रदेश भाजपा के नेता विश्वास पाठक ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। बुधवार को मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति गिरीष कुलकर्णी की खंडपीठ के सामने यह याचिका सुनवाई के लिए आयी। याचिका पर गौर करन के बाद खंडपीठ ने सरकारी वकील कार्यालय को निर्देश दिया कि वह मामले से जुड़ी याचिका को ऊर्जा मंत्री राऊत को एक सप्ताह के भीतर भेजे। इसके साथ ही खंडपीठ ने राऊत को इस याचिका को लेकर अपना जवाब देने को भी कहा है।  खंडपीठ ने 28 जुलाई 2021 को इस याचिका पर सुनवाई रखी है। पाठक की ओऱ से दायर की गई याचिका में दावा किया गया है कि ऊर्जा मंत्री ने गैर कानूनी तरीके से चार्टेड फ्लाइट से यात्राए की थी।  औरअवैध तरीके से इसका भुगतान किया गया है। लिहाजा मंत्री को इन यात्राओं के खर्च की प्रतिपूर्ति करने का निर्देश दिया जाए। क्योंकि यात्राओं का खर्च ऊर्जा विभाग बिजली कंपनियों ने किया है। याचिका में पाठक ने दावा किया है कि लॉकडाउन के दौरान राऊत ने 12 जून, 2 जुलाई, 6 जुलाई 2020 के दिन  मुंबई से नागपुर की यात्राएं की। इसके अलावा 9 जुलाई को वे विमान से औरंगाबाद, मुंबई, नागपुर, दिल्ली गए थे।। 

Created On :   14 July 2021 2:04 PM GMT

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