हाईकोर्ट के स्टे के बाद भी कर दी रजिस्ट्री, सब रजिस्ट्रार पर लगे गंभीर आरोप

Registry even after stay of High Court, serious allegations against sub registrar
हाईकोर्ट के स्टे के बाद भी कर दी रजिस्ट्री, सब रजिस्ट्रार पर लगे गंभीर आरोप
हाईकोर्ट के स्टे के बाद भी कर दी रजिस्ट्री, सब रजिस्ट्रार पर लगे गंभीर आरोप



डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। जबलपुर हाईकोर्ट के स्टे को दरकिनार कर पंजीयन विभाग में रजिस्ट्री करने का मामला सामने आया है। सब रजिस्ट्रार सहित जमीन विक्रेता पर फर्जीवाड़े का आरोप लगाते हुए इस मामले में कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन से शिकायत की गई है। इस प्रकरण में शिकायतकर्ता ने फर्जी दस्तावेज लगाने का भी आरोप लगाया है। हालांकि इस मामले में रजिस्ट्री विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कोर्ट का स्टे पुराना था इस वजह से इस प्रकरण में रजिस्ट्री के समय ध्यान नहीं दिया गया।
मामला लोनिया करबल की बेशकीमती जमीन से जुड़ा हुआ है। बताया जा रहा है कि मोहसिन इरफान पिता इकबाल अहमद गांधीवार्ड निवासी परासिया ने जमीन का सौदा रामेश्वर पिता चिंतामन तिवारी से किया था। साल 2008 में ये सौदा हुआ लेकिन मोहसिन द्वारा जमीन की रजिस्ट्री नहीं की जा रही थी। बार बार-रजिस्ट्री में अड़ंगा लगाने पर आवेदक रामेश्वर तिवारी ने हाईकोर्ट की शरण ली और 2018 में इस प्रकरण में हाईकोर्ट ने श्री तिवारी के पक्ष में स्टे दे दिया। हाईकोर्ट के स्टे में स्पष्ट था कि जब तक इस प्रकरण में कोई फाइनल फैसला नहीं होता है तब तक इस मामले में अनावेदक किसी और को रजिस्ट्री नहीं कर सकता है, लेकिन पिछले दिनों ये जमीन की रजिस्ट्री जाहिद मंसूरी नामक व्यक्ति को कर दी गई। जिसके बाद आवेदक ने इस प्रकरण की शिकायत कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन से करते हुए जांच की मांग की है। इस मामले में अनावेदक ने विक्रेेता सहित सब रजिस्ट्रार पर फर्जी दस्तावेज बनाने और कूटरचित दस्तावेज तैयार करके रजिस्ट्री करने का आरोप लगाया है। प्रकरण में मिलीभगत की शिकायत करते हुए गड़बड़ी करने वालों पर कार्रवाई की मांग की गई है।
अब तक 57 करोड़ की आय
राजस्व की कमी से जूझ रहे रजिस्ट्री विभाग में  दशहरा से लेकर दीवाली तक रिकॉर्ड आवक हुई है। पिछले साल जहां अप्रेल से लेकर अक्टूबर तक रजिस्ट्री विभाग ने 53 करोड़ की आय अर्जित की थी वहीं इस वर्ष 57 करोड़ की आय अर्जित की है। अब तक 9 हजार दस्तावेज की रजिस्ट्री हुई है जो पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 285 दस्तावेज ज्यादा है।
इनका कहना है...
- कोर्ट का स्टे पुराना था इस कारण सब रजिस्ट्रार द्वारा ध्यान नहीं दिया गया। यदि मामला कोर्ट में जाएगा और कुछ गलत हुआ होगा तो खुद ही रजिस्ट्री शून्य हो जाएगी।
एसएस मेश्राम, वरिष्ठ जिला पंजीयक
- रजिस्ट्री में कोर्ट के आदेश का उल्लंघन हुआ है, कूटरचित दस्तावेज बनाकर रजिस्ट्री की गई है। जिसमें रजिस्ट्री विभाग के अधिकारी भी शामिल है, मामले की उच्च स्तर तक शिकायत करूँगा।        
 रामेश्वर तिवारी, शिकायतकर्ता

Created On :   19 Nov 2020 10:27 PM IST

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