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सुस्त पड़ी अनधिकृत धार्मिक स्थलों का अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई, HC ने दी एक सप्ताह की मोहलत

डिजिटल डेस्क,नागपुर। शहर के अनधिकृत धार्मिक स्थलों को हटाने की कार्रवाई सुस्त पड़ गई है। मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच में सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता मनोहर खोरगडे के अधिवक्ता फिरदौस मिर्जा ने कोर्ट को बताया कि मनपा की सूची में नागपुर शहर में 1521 धार्मिक स्थल अवैध हैं। कोर्ट में अपना पक्ष सुने जाने के लिए महज 274 प्रबंध समितियों ने ही पैसे भरे हैं, बाकी धार्मिक स्थल प्रबंध समितियों ने अपना पक्ष कोर्ट में रखने की कोई कोशिश नहीं की है, उनके खिलाफ अतिक्रमण की कार्रवाई बंद पड़ गई है।
इस पर कोर्ट ने मनपा और नासुप्र से पूछा कि बीते एक सप्ताह में कोर्ट के आदेशानुसार कितनी प्रबंध समितियों ने 60 हजार की रकम कोर्ट में जमा कराई है? उत्तर दे पाने में असमर्थ प्रतिवादियों को कोर्ट ने एक सप्ताह का समय दिया है। वहीं इस मामले में पैसे भरने की डेडलाइन निकलने के बाद नागराजा ट्रस्ट ने कोर्ट में 60 हजार रुपए भर कर अपना पक्ष सुनने की गुजारिश की। हाईकोर्ट ने उन्हें दोगुनी राशि (1 लाख 20 हजार) भरने के आदेश दिए हैं।
इसलिए हो रही परेशानी
मनपा द्वारा कोर्ट में दिए गए अनधिकृत धार्मिक स्थलों के ब्योरे के अनुसार मनपा ने शहर का सर्वे किया है, जिसमें 1521 धार्मिक स्थल अनधिकृत मिले। इन्हें (ए) और (बी) दो श्रेणियों में विभाजित किया है। ए-श्रेणी के 18 अनधिकृत धार्मिक स्थल ऐसे हैं, जिनसे जनता की भावनाएं जुड़ी हुई हैं और इनसे कोई नुकसान नहीं होने के कारण पुलिस ने उन्हें नियमित करने की रिपोर्ट मनपा को दी है, लेकिन बी-श्रेणी के 1503 अतिक्रमण ऐसे हैं, जिनसे शहर में यातायात और विकास कार्यों को व्यवधान पहुंच रहा है और उन्हें हरगिज नियमित नहीं किया जा सकता।
वहीं कुल 475 अतिक्रमण सड़क पर हैं, जिससे परेशानी बढ़ी है। 1028 अतिक्रमण खुले मैदान में हैं। इसमें से 193 अतिक्रमण वर्ष 1960 के पहले के हैं, 1311 अतिक्रमण वर्ष 1960 के बाद स्थापित हुए हैं। 193 अतिक्रमण के खिलाफ जारी कार्रवाई पर आक्षेप लिए जाने के बाद उनका फैसला राज्य स्तरीय समिति के पास विचाराधीन है। शेष के खिलाफ मनपा की कार्रवाई जारी है।
कोर्ट ने पूछा कितनों ने पैसे जमा कराए?
10 अगस्त की सुनवाई में मनपा ने कोर्ट को बताया था कि 254 लोगों ने 50-50 हजार रुपए जमा करा दिए हैं। ऐसे में कोर्ट ने बाकी बचे लोगों के लिए यह रकम बढ़ा कर 60 हजार कर दी थी और 21 अगस्त तक यह राशि हाईकोर्ट में जमा कराने के बाद उनका पक्ष सुनने की तैयारी दिखाई। इधर आपत्ति उठाने वाली समितियों से इकट्ठा हुई इस राशि के सदुपयोग के लिए कोर्ट ने इसे नागपुर के बच्चों के आश्रयगृह के विकास पर खर्च करने का फैसला लिया है। इसके लिए कोर्ट ने मुख्य सरकारी वकील सुमंत देवपुजारी, एचसीबीए उपाध्यक्ष एड. गौरी वेंकटरमन और सरकारी वकील कल्याणी देशपांडे की समिति गठित कर राशि के सही इस्तेमाल की जिम्मेदारी दी है। धार्मिक अतिक्रमण के इस प्रकरण पर कोर्ट ने एक सप्ताह बाद सुनवाई रखी है।

Created On :   24 Aug 2018 10:21 AM IST