रिसर्च फाउंडेशन का दावा : जानलेवा नहीं होता किटनाशक

Research Foundation claims: Pesticides are not dangerous to health
रिसर्च फाउंडेशन का दावा : जानलेवा नहीं होता किटनाशक
रिसर्च फाउंडेशन का दावा : जानलेवा नहीं होता किटनाशक
हाईलाइट
  • खेती के लिए किटनाशक का इस्तेमाल करने वाले दुनिया के मुख्य 15 देशों में भारत ग्यारहवें स्थान पर है।
  • चीन हर साल 18 लाख 7 हजार और अमेरिका 5 लाख 36 हजार 140 टन किटनाशक का इस्तेमाल करता है जबकि भारत 60280 टन ही किटनाशक का उपयोग किरता है।
  • यूरोपिय यूनियन दुनिया में इस्तेमाल होने वाले किटनाशक का 11 फीसदी उपयोग में लाते हैं जबकि भारत की हिस्सेदारी सिर्फ 1.7 फिसदी है।
  • यूरोपियन यूनियन के देश भारत की अपेक्षा 600 फीसदी ज

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बगैर किसी आधिकारिक एजेंसी के पुष्टि के समाज में यह धारणा बन गई है कि फसलों में किटनाशक के इस्तेमाल से कैंसर जैसी जानलेना बीमारी होती है। जबकि वास्तविकता यह है कि जीवों में होने वाले कैंसर का किटनाशक से दूर-दूर तक कोई संबध नहीं है। वापी स्थित अंतर्राष्ट्रीय स्तर के जय रिसर्च फाउंडेशन के वैज्ञानिकों का ऐसा दावा है। कीटनाशकों और दूसरी एग्रोकेमिस्ट्री से जुड़ उत्पादों पर दो दशक से ज़्यादा समय से रिसर्च कर रहे वापी स्थित जय रिसर्च फॉउंडेशन के निदेशक डॉ. अभय देशपांडे ने कीटनाशक से कैंसर होने के मिथक को भ्रांति बताते हैं।

एग्रोकेमिकल क्षेत्र में पिछले तीन दशक से रिसर्च कर रहे डॉ. देशपांडे ने कहा कि अगर कीटनाशक कैंसर की वजह बन रहे होते सरकार कब का उन पर प्रतिबंध लगा चुकी होती। वैश्विक आंकड़े का हवाला देते हुए डॉ देशपांडे ने कहा कि भारत अगर आज दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कृषि उत्पादक बना है तो इसका श्रेय कीटनाशकों को जाता है, जिसने विभिन्न प्रकार के कीट पतंगों और वॉर्म से फ़सल की रक्षा करके उत्पादन बढ़ाने में अहम योगदान देते हैं। 

ग्यारहवें स्थान पर भारत, होता है सिर्फ 1.7 फीसदी पेस्टीसाईड का इस्तेमाल 
उन्होंने बताया कि खेती के लिए किटनाशक का इस्तेमाल करने वाले दुनिया के मुख्य 15 देशों में भारत ग्यारहवें स्थान पर है। चीन हर साल 18 लाख 7 हजार और अमेरिका 5 लाख 36 हजार 140 टन किटनाशक का इस्तेमाल करता है जबकि भारत 60280 टन ही किटनाशक का उपयोग किया जाता है। उन्होंने बताया कि यूरोपियन यूनियन के देश भारत की अपेक्षा 600 फीसदी ज्यादा किटनाशक का इस्तेमाल करते हैं।

यूरोपिय यूनियन दुनिया में इस्तेमाल होने वाले किटनाशक का 11 फीसदी उपयोग में लाते हैं जबकि भारत की हिस्सेदारी सिर्फ 1.7 फिसदी है।  अपने संस्थान में एक रिसर्च का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने 50 चूहों पर प्रयोग करके देखा कि 20-25 चूहे बिना किसी वजह के कैंसर से ग्रसित हो जाते है, कमोबेश यही सूरतें हाल इंसान में भी है। 

बदली जीवन शैली अथवा दूसरी वजह से कैंसर की गिरफ्त मे आते लोग 
कुछ लोग अनायास या बदली जीवन शैली अथवा दूसरी वजह से कैंसर की गिरफ्त में आते हैं, लेकिन रिसर्च के बारे में शून्य एनजीओ और उसके एक्टिविस्ट कीटनाशक को ज़िम्मेदार ठहराते हैं। उन्होंने बताया कि किसी भी किटनाशक के इस्तेमाल से पहले उसे गहन जांच से गुजरना पड़ता है। हम चुहों की तीन पीढ़ियो तक किटनाशकों के प्रभाव की जांच करते हैं। चुहों के अलावा, खरगोस, पक्षी व कुत्तों पर भी इसके प्रभावों की जांच-पड़ताल की जाती है।

डॉ. देशपांडे ने पंजाब और आंध्रप्रदेश का हवाला देते हुए कहा कि इन दोनों राज्यों में कीटनाशक का सबसे अधिक उपयोग किया जाता है, ये दोनों राज्य मछली का सबसे ज़्यादा उत्पादन करते हैं। अगर कीटनाशक से कैंसर होता तो सबसे पहले मछलियाँ ही मर जाती।

Created On :   30 April 2018 1:58 PM GMT

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