- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- नागपुर
- /
- सत्ता-संघर्ष में अटका महापौर पद का...
सत्ता-संघर्ष में अटका महापौर पद का आरक्षण, 20 नवंबर के पहले ड्रा की उम्मीद
डिजिटल डेस्क, नागपुर । महापौर नंदा जिचकार को 3 महीने का मिला अतिरिक्त कार्यकाल आगामी 21 नवंबर को खत्म हो रहा है। ऐसे में नये महापौर को लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। भाजपा के अनेक समूह इसके लिए सक्रिय हो गए हैं। हालांकि, राज्य में मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए भाजपा-शिवसेना में चल रहे सत्ता-संघर्ष के कारण इस पर फिर विराम लगता दिख रहा है। अब तक राज्य सरकार को महापौर पद के आरक्षण के लिए ‘ड्रॉ’ निकाला जाना चाहिए था, लेकिन राज्य सरकार गठन का ही पेंच फंसने से आरक्षण की घोषणा भी अटक गई है। इस संबंध में सरकार ने अब तक कोई परिपत्रक जारी नहीं किया है, जिस कारण महानगरपालिका भी संभ्रम की अवस्था में है। अपेक्षा की जा रही है कि, सरकार 20 नवंबर के पहले महापौर पद का आरक्षण ‘ड्रॉ’ की घोषणा करेगी, जिसके बाद नागपुर को नया महापौर मिलेगा। फिलहाल सरकार के पेंच में अब ये फंसता नजर आ रहा है।
...तो मिल सकता है अतिरिक्त कार्यकाल
अगर ‘ड्रॉ’ नहीं निकलता है, तो महापौर नंदा जिचकार को और अतिरिक्त कार्यकाल मिलने की संभावना जताई जा रही है। वर्ष-2017 में नागपुर महानगरपालिका के चुनाव हुए थे। चुनाव में भाजपा को 152 में से 108 सीटों पर पहली बार ऐतिहासिक बहुमत मिला था। महापौर पद की जगह ओबीसी महिला के लिए आरक्षित होने के बाद भाजपा ने नंदा जिचकार को महापौर पद का जिम्मा सौंपा था। उनका कार्यकाल 5 सितंबर-2019 को खत्म होना था, लेकिन महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की वजह से राज्य सरकार ने 21 अगस्त को महापौर कार्यकाल को तीन महीने के लिए और बढ़ा दिया था। तीन महीने अतिरिक्त कार्यकाल मिलने से 21 नवंबर को यह समाप्त हो रहा है। ऐसे में महानगरपालिका में महापौर पद को लेकर सक्रियता बढ़ गई है। भाजपा में ही अनेक समूह अपने नगरसेवक को महापौर का प्रत्याशी बनाने के िलए प्रयासरत हैं। हालांकि सरकार का मामला अधर में होने से कोई इस विषय पर खुलकर बात नहीं कर रहा है।
Created On :   5 Nov 2019 1:47 PM IST