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यूनिवर्सिटी सीनेट और एकेडमिक काउंसिल के चुनाव में सभी सीटों के नतीजे घोषित

डिजिटल डेस्क,नागपुर। यूनिवर्सिटी में 25 नवंबर को हुए चुनाव की मतगणना नान स्टॉप 30 घंटे चली। सभी सीटों के नतीजे घोषित कर दिए गए हैं। इस बार के चुनावों में सेकुलर पैनल ने बाजी मारी। सीनेट और एकेडमिक काउंसिल में सेकुलर पैनल को कुल 12 सीटें हासिल हुई। इसके बाद यंग टीचर्स को कुल 11 वोट मिले। इसी तरह शिक्षण मंच को 7 और नुटा को दो सीटें प्राप्त हुईं।
वोटिंग प्रतिशत ज्यादा था: इस बार मतदाता संख्या 12 हजार 502 थी। 92.82 प्रतिशत मतदान हुआ था। विवि के दीक्षांत सभागृह में चुनावों की मतगणना सोमवार (27 नवंबर) सुबह 10 बजे से शुरू हुई। इस बार वोटिंग प्रतिशत ज्यादा था, लिहाजा सभी मत गिनने में विश्वविद्यालय को 30 घंटे का समय लगा। सोमवार सुबह 10 बजे शुरू हुई मतगणना मंगलवार शाम 4 बजे पूरी हो सकी। मतगणना में डॉ. श्रीकांत कोमावार, सी.एस. खडेकर और सीडी देशमुख की समिति ने निरीक्षण का कार्य किया। कुलगुरु डॉ.सिद्धार्थ विनायक काणे, प्र-कुलगुरु डाॅ.प्रमोद येवले, चुनाव प्रभारी सुभाष बेलसरे और कुलसचिव पूरणचंद्र मेश्राम के साथ 12 मतगणना अधिकारी और 108 सहायक कर्मचारियों ने अथक प्रयास किए।
इंजीनियरिंग वोट बैंक सेकुलर की झोली में
इस बार मतदान के नए नियमों के चलते सभी शिक्षकों ने चुनावों में मतदान किया। ऐसे में इंजीनयिरिंग कॉलेजों पर दबदबा रखने वाले सेकुलर पैनल को इसका भर-पूर फायदा मिला। चुनावों में पड़ने वाले बंपर वोट इंजीनियरिंग फैकल्टी के थे, जो सेकुलर पैनल के खाते में गए। इसके लिए सेकुलर पैनल ने पहले से ही इंजीनियरिंग से जुड़े मतों पर अधिक ध्यान केंद्रित किया था। साथ ही उम्मीदवारी में नए और पुराने चहरों के बीच बैलेंस बनाया था।
नुटा और शिक्षण मंच को स्वतंत्र चुनाव से नुकसान
पिछला चुनाव एक साथ लड़ने वाले यंग टीचर्स, शिक्षण मंच और नुटा ने इस बार स्वतंत्र चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। ऐसे में इन संगठनों को जिस वोट बैंक की ताकत प्राप्त थी, उस वोट बैंक में इस बार विभाजन हो गया। लिहाजा ये संगठन सेकुलर पैनल की तुलना में पिछड़ गए। स्वतंत्र चुनाव लड़ने का सबसे अधिक नुकसान नुटा और शिक्षण मंच को हुआ। नुटा संगठन में 700 से अधिक शिक्षक हैं, लेकिन यह संख्या मतदाता संख्या नहीं बन पाई। नुटा ने इस चुनाव में महज दो सीटें प्राप्त की है। इधर चुनाव पूर्व धुआंधार प्रचार करने वाले शिक्षण मंच को सेकुलर और यंग टीचर्स के मुकाबले पिछड़ना पड़ा। संगठन महज 7 सीटें हासिल कर सका।
प्राचार्य (ओपन)
मृत्युंजय सिंह, विवेक नानोटी- सेकुलर, नरेंद्र सिंह दीक्षित, संजय धनवटे- यंग टीचर्स, उर्मिला डबीर- शिक्षण मंच, प्राचार्य (एससी)- प्रल्हाद पवार- यंग टीचर्स ,प्राचार्य (एसटी)- चेतन कुमार मसराम- सेकुलर, प्राचार्य (ओबीसी)- विनोद गावंडे- यंग टीचर्स, प्राचार्य (महिला)- शरयू तायवाडे- यंग टीचर्स, प्राचार्य (वीजेएनटी)- चंदनसिंह रोटेले, मैनेजमेंट प्रतिनिधि (ओपन), दुष्यंत चतुर्वेदी- सेकुलर, किशोर उमाठे- सेकुलर,बबन तायवाडे- यंग टीचर्स,राजेश भोयर- शिक्षण मंच,,मैनेजमेंट प्रतिनिधि, (महिला)- स्मिता वंजारी- सेकुलर, मैनेजमेंट प्रतिनिधि (एससी)- सुधीर फलझेले, कॉलेज टीचर्स (ओपन), अब्दुल शकील सत्तार- सेकुलर, महेंद्र चौधरी- सेकुलर , प्रदीप बुटे- यंग टीचर्स, निरंजन देशकर- मंच, अजित जाचक- नुटा, कॉलेज टीचर्स(एससी)- केशव मेंढे-सेकुलर, कॉलेज टीचर्स(एसटी)-घनश्याम बागडे- यंग टीचर्स, कॉलेज टीचर्स(महिला), धनश्री बोरिकर- यंग टीचर्स , कॉलेज टीचर्स(वीजेएनटी)- प्रकाश पवार- मंच, कॉलेज टीचर्स(ओबीसी)- नितीन कोंगरे- नुटा
यूनिवर्सिटी टीचर्स
यूनिवर्सिटी टीचर्स(ओपन)- डॉ. सुरेश झाड़े- यंग टीचर्स, यूनिवर्सिटी टीचर्स(महिला)- ममता लांजेवार- यंग टीचर्स, यूनिवर्सिटी टीचर्स(एससी)- आेमप्रकाश चिमणकर- सेकुलर
एकेडमिक काउंसिल
साइंस एंड टेक्नोलॉजी- ओपन- सुरेखा कालकर- शिक्षण मंच, साइंस एंड टेक्नोलॉजी- एसटी- वर्षा धुर्वे, कॉमर्स एंड मैनेजमेंट- ओपन- कैलाश कडू- सेकुलर, कॉमर्स एंड मैनेजमेंट- महिला- आसावरी दूर्गे, ह्यूमेनिटीज- ओपन- मारूति वानखेडे- सेकुलर, ह्यूमेनिटीज- ओबीसी- संजय दुधे- शिक्षण मंच, इंटरडिसिप्लिनरी- ओपन- यशवंत पाटील- शिक्षण मंच , इंटरडिसिप्लिनरी-वीजेएनटी- वसंत राठोड़
Created On :   29 Nov 2017 12:53 PM IST