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नागपुर में खुले भूखंडों पर अतिक्रमण की जांच करेंगे सेवानिवृत्त जज
डिजिटल डेस्क, नागपुर। अनधिकृत भू-खंडों को समय के साथ नियमित करने वाली नागपुर महानगर पालिका और नागपुर सुधार प्रन्यास की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। हाईकोर्ट ने मनपा और नासुप्र के खिलाफ सख्त रुख अख्तियार किया है। उसकी चेतावनी को नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है। इन विवादित भूखंडों के नियमितीकरण की जांच के लिए नागपुर खंडपीठ ने सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति जे.ए.हक को नियुक्त किया है। हाईकोर्ट ने उन्हें 6 माह के अंदर शहर के सभी खुले भूखंड, मैदानों और सार्वजनिक स्थलों पर हुए अतिक्रमण की विस्तृत जांच करने के आदेश दिए हैं।
निजी व्यक्ति को लीज पर दिया खेल का मैदान
जरीपटका नारा क्षेत्र में प्राथमिक स्कूल के लिए एक खेल मैदान आरक्षित था। नासुप्र ने इसे एक निजी व्यक्ति को लीज पर दे दिया, लेकिन याचिकाकर्ता को इस पर निर्माण की अनुमति नहीं दी जा रही थी, जिसके चलते उसने हाईकोर्ट की शरण ली। सुनवाई में जब कोर्ट को पता चला कि प्रशासन आरक्षित भूखंडों को निजी उपयोग के लिए दे रहा है, तो कोर्ट ने यह आदेश जारी किया।
वर्ष 2018 में दी थी चेतावनी : उल्लेखनीय है कि शहर के विकास प्रारूप में आरक्षित भू-खंडों पर समय के साथ खूब अतिक्रमण हुआ। कभी सरकारी नीतियों के नाम पर, तो कभी अन्य कारणों का हवाला देकर राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन इन्हें नियमित करता रहा। वर्ष 2018 में एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने इस मुद्दे को चिह्नित करके चेतावनी जारी की थी, लेकिन इसके बाद भी यह प्रक्रिया रुकी नहीं। इस मामले में हाईकोर्ट ने जांच बैठा दी है। एड. अनिल कुमार को न्यायालयीन मित्र नियुक्त किया गया है।
जरीपटका क्षेत्र से करीब 90 प्रतिशत अतिक्रमण हटा
जरीपटका क्षेत्र में हो रहे अतिक्रमण पर केंद्रित नितीन लालवानी की याचिका पर बुधवार को बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में सुनवाई हुई, जिसमें मनपा की ओर से एड. जैमिनी कासट ने कोर्ट में दावा किया कि उन्होंने जरीपटका क्षेत्र से करीब 90 प्रतिशत अतिक्रमण हटा दिया है। शेष 10 प्रतिशत को कुछ दिनों की मोहलत दी गई है, ताकि वे अपना सामान वहां से हटा सकें। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता श्याम देवानी ने इसका विरोध करते हुए दलील दी कि मनपा की यह कार्रवाई महज एक छलावे जैसी है, क्योंकि मनपा के अतिक्रमण हटाने के अगले दिन दोबारा उसी जगह पर फेरीवाले अतिक्रमण कर लेते हैं। ऐसे में इस मामले में एक स्थायी समाधान की जरूरत है। मामले मंे सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने मनपा आयुक्त को आदेश दिए हैं कि वे अतिक्रमण विरोधी दस्ते को हर एक दिन के बाद जरीपटका के संबंधित क्षेत्र में भेज कर सुनिश्चित करें कि जगह पर दोबारा अतिक्रमण न हो। अगली सुनवाई तक हाईकोर्ट ने मनपा से रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है, वहीं क्षेत्र में व्यवसाय कर रहे सभी पोल्ट्रीशॉप व मांस विक्रेताओं की सूची, उनके निर्माण कार्य की वैधता है या नहीं, इस पर विस्तृत जानकारी भी मनपा से मांगी गई है।
Created On :   16 Sept 2021 6:36 PM IST