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तबादलों के लिए नियमित तौर पर सूची भेजते रहते थे अनिल देशमुख
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य के पूर्व मुख्य सचिव सीताराम कुंटे के बाद एक और सेवानिवृत्त अधिकारी ने दावा किया है कि पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख तबादलों के लिए नियमित रुप से अधिकारियों की अनाधिकारिक सूची भेजा करते थे। सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी आनंद कुलकर्णी ने मीडिया से बातचीत में दावा किया है कि देशमुख वर्ष 2000-2001 में भी आबकारी मंत्री रहते अधिकारियों के तबादले के लिए गैरकानूनी सूची भेजा करते थे। उस समय कुलकर्णी उत्पाद शुल्क विभाग के आयुक्त थे।
कुलकर्णी का दावा है कि देशमुख अपने निजी सचिव के हाथों उन्हें तबादले के लिए अधिकारियों की सूची भेजते रहते थे और उस पर अमल करने के लिए दबाव भी बनाते थे। कुलकर्णी के मुताबिक उनके पास अब भी देशमुख द्वारा भेजी गई सूची मौजूद है। उन्होंने कहा कि आबकारी विभाग के 90 इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर के तबादलों में उन्होंने देशमुख द्वारा भेजे गए नामों को शामिल नहीं किया तो उन पर आदेश रद्द करने के लिए काफी दबाव डाला गया। जबकि देशमुख ने जो नाम भेजे थे वे नियमों में नहीं बैठते थे। कुलकर्णी के मुताबिक वे अपने फैसले पर कायम रहे और उन्हें तत्कालीन मुख्यमंत्री का भी साथ मिला हालांकि एक महीने बाद ही उनका तबादला कर परिवहन आयुक्त बना दिया गया।
बता दें कि 1982 बैच के आईएएस अधिकारी कुलकर्णी साल 2016 में पीडब्ल्यूडी विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए। मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के देशमुख पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने से पहले ही कुलकर्णी ने 10 अप्रैल 2020 को सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा था कि वे देशमुख के काले कारनामों को सामने लाएंगे। इससे पहले मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के प्रमुख सलाहकार के तौर पर तैनात कुंटे ने ईडी को दिए अपने बयान में कहा था कि तत्कालीन गृहमंत्री देशमुख पुलिस वालों के तबादले के लिए अनाधिकारिक सूची सौंपा करते थे। देशमुख अपने निजी सचिव संजीव पलांडे के जरिए कुंटे के मातहत अधिकारियों को यह सूची भेजते थे। बता दें कि मनी लांडरिंग के आरोपों का सामना कर रहे देशमुख फिलहाल जेल में हैं।
Created On :   1 Feb 2022 9:24 PM IST