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रिटायर्ड आफिसर्स-एम्प्लाइज के एक्सटेंशन से बढ़ा बेरोजगारों का टेंशन

डिजिटल डेस्क,नागपुर। एकतरफ बेरोजगारी बढ़ती ही जा रही है दूसरी तरफ सरकार ने शासकीय संस्थाओं में एक तरह से पद भर्ती प्रक्रिया ही बंद कर दी है। रिक्त पदों का बैकलॉग लगातार बढ़ते जा रहा है जिसे भरने के बजाय सरकार रिटायर्ड आफिसर्स-एम्प्लाइज को ही एक्सटेंशन देकर ठेका पद्धति पर रख रही है। पिछले एक साल में करीब 12 रिटायर्ड आफिसर्स-एम्प्लाइज को एक्सटेंशन देकर ठेका पद्धति पर रखा गया है।
उठ रहे सवाल
रिटायर्ड आफिसर्स-एम्प्लाइज को एक्सटेंशन मिलने से भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलने का आरोप लग रहा है। जिन आफिसरों को एक्सटेंशन मिला है, वे एक ही पद पर कई सालों से काम कर रहे थे। उन्हें यहां के सारे तौर-तरीके पता हैं। ऐसे में प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। इसे लेकर एनआईटी को पत्र लिखकर आपत्ति भी जताई गई, लेकिन एनआईटी प्रशासन ने शिकायतों पर कोई ध्यान नहीं दिया है।
जीआर का उल्लंघन
एनआईटी बर्खास्तगी की कगार पर है। बर्खास्तगी को देखते हुए पिछले दो साल से नई भर्ती प्रक्रिया बंद कर दी गई है। हालांकि एनआईटी के जो कर्मचारी हैं, उन्हें एनएमसी या एनएमआरडीए में समायोजित होने का पर्याय दिया गया है। इस बीच सरकार ने एनएमआरडीए के लिए 188 आकृतिबंध पदों को हाल में मंजूरी प्रदान की है। किन्तु एनआईटी में नए लोगों की भर्ती करने के बजाय रिटायर्ड हो रहे आफिसर्स-एम्प्लाइज को एक्सटेंशन देकर बेरोजगारों को रोका जा रहा है। विशेष यह कि वर्ग-क और ड में रिटायर्ड आफिसर्स को एक्सटेंशन पर नहीं रखा जा सकता है। इस बाबत सरकार ने 17 दिसंबर 2016 को एक जीआर भी जारी किया है, लेकिन एनआईटी द्वारा इस जीआर का सरासर उल्लंघन किया जा रहा है।
आपत्ति जताई
आरटीआई एक्टिविस्ट राजेश पौनीकर ने मामले पर एनआईटी सभापति को पत्र लिखकर आपत्ति जताई। उन्होंने आरोप लगाया कि रिटायर्ड आफिसर्स-एम्प्लाइज की अतिरिक्त सेवा लेने से भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है। ये जमे-जमाए अधिकारी हैं। इन्हें सारे तरीके पता हैं। एक्सटेंशन पर होने से कोई जिम्मेदारी भी इनकी नहीं रहेगी। विशेष यह कि विश्वस्त मंडल के नाम पर अधिकारी खुद को बचा रहे हैं। फाइलें विश्वस्त मंडल में रख मंजूर करवा लेते हैं।
Created On :   30 March 2018 1:39 PM IST