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सरकार ने निकाला जीआर, समाजकार्य महाविद्यालय के प्राचार्यों की सेवानिवृत्ति की उम्र 60 वर्ष ही रहेगी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य सरकार ने एक नया जीआर जारी कर स्पष्ट किया है कि प्रदेश के समाजकार्य महाविद्यालयों के प्राचार्यों की सेवानिवृत्त की उम्र 60 वर्ष ही रहेगी। इस जीआर का प्रभाव राज्य के 51, विदर्भ के 23 और नागपुर के 8 समाजकार्य महाविद्यालयों पर पड़ेगा। सामाजिक न्याय व विशेष सहायता विभाग के इस जीआर में स्पष्ट किया गया है कि चाहे उच्च व तंत्र शिक्षा विभाग ने प्राचार्यों की सेवानिवृत्ति की उम्र 65 वर्ष तक निर्धारित कर रखी हो, लेकिन सामाजिक न्याय व विशेष सहायता विभाग के अधीन आने वाले समाजकार्य महाविद्यालयों के लिए यह नियम लागू नहीं होगा। समाजकार्य महाविद्यालय के प्राचार्यों, शिक्षकों और ग्रंथपालों की सेवानिवृत्ति उम्र 60 वर्ष ही रहेगी।
तो नियम भी लागू होंगे
दरअसल इसके पीछे प्रदेश सरकार का यह तर्क है कि, प्रदेश में समाजकार्य महाविद्यालयों को राज्य सरकार ही पूरा अनुदान देती है। ऐसे में राज्य के बनाए नियम ही यहां लागू होंगे। इधर यूजीसी के दिशा-निर्देशों पर उच्च व तंत्र शिक्षा विभाग ने पारंपारिक पाठ्यक्रम पढ़ाने वाले महाविद्यालायों के लिए सेवानिवृत्ति की उम्र निर्धारित कर रखी है, जिसमें प्राचार्य के लिए 65 वर्ष और शिक्षकों के लिए 60 वर्ष आयु सीमा निर्धारित कर रखी है। इसी वजह से प्राचार्य और शिक्षकों की सेवानिवृत्ति की उम्र पर काफी संभ्रम है।
इससे जुड़े कई मामले न्यायालय में विचाराधीन हैं। ऐसे में राज्य सरकार ने इस संभ्रम को दूर करने के लिए यह जीआर निकाला है। जिसमें स्पष्ट किया गया है कि, उच्च व तंत्र शिक्षा विभाग और सामाजिक न्याय व विशेष सहायता विभाग दोनों अलग-अलग है। ऐसे में उच्च व तंत्र शिक्षा विभाग द्वारा सेवानिवृत्ति से जुड़ा निर्णय समाजकार्य महाविद्यालयों को लागू नहीं होता।
एक खुश-दूसरा नाखुश
सरकार के इस निणर्य से समाजकार्य शिक्षा क्षेत्र में दो धड़े बन गए हैं। एक वर्ग इस निर्णय से खुश है। तर्क है कि, समाजकार्य महाविद्यालयों में संचालक संस्था के प्रतिनिधि ही प्राचार्य के तौर पर लंबे समय तक जमे रहते हैं। इस निर्णय से अन्य को भी प्राचार्य पद संभालने का मौका मिलेगा। वहीं जीआर से नाराज वर्ग की मानें तो शिक्षा क्षेत्र में विभाजन करके इस तरह के दो अलग-अलग निर्णय लागू करना सही नहीं है। प्राचार्यों की सेवानिवृत्ति की उम्र पांच वर्ष घटाने से नुकसान ही होगा।
Created On :   27 Aug 2018 3:42 PM IST