रिपोर्ट में खुलासा - जबलपुर में रोजाना नर्मदा में मिल रही 136 एमएलडी गंदगी
डिजिटल डेस्क जबलपुर । मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में रिपोर्ट प्रस्तुत कर बताया है कि प्रदेश में सबसे ज्यादा नर्मदा नदी में 136 (मिलियन ऑफ लीटर्स पर डे) एमएलडी गंदगी जबलपुर में मिल रही है। एनजीटी के जस्टिस शिवकुमार सिंह और एक्सपर्ट मेम्बर अरुण कुमार वर्मा ने रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए ग्वारीघाट, तिलवाराघाट, भेड़ाघाट सहित अन्य शहरों में नर्मदा में मिल रही सीवेज की गंदगी पर नियंत्रण करने सख्त कार्रवाई का आदेश दिया है। जबलपुर के ग्वारीघाट, तिलवाराघाट, भेड़ाघाट सहित प्रदेश के अन्य शहरों में नर्मदा नदी में मिल रही गंदगी को रोकने के लिए नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डॉ. पीजी नाजपांडे, रजत भार्गव और दीपांशु साहू ने एनजीटी में याचिका दायर की थी। यह है गंदगी की स्थिति 8 प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार नर्मदा नदी में जबलपुर में 136 एमएलडी, भेड़ाघाट में 0.63 एमएलडी, ओंकारेश्वर में 0.32 एमएलडी, महेश्वर में 4.8 एमएलडी, बरवाहा में 3.2 एमएलडी, बड़वानी में 3.6 एमएलडी, नेमावर में 0.98 एमएलडी, बुधनी में 1.5 एमएलडी, होशंगाबाद में 10 एमएलडी, खेलघाट में 1.7 एमएलडी और धरमपुरी में 1.7 एमएलडी गंदगी मिल रही है।
फ्लड जोन का सीमांकन करें
अधिवक्ता प्रभात यादव ने बताया कि एनजीटी ने सभी संबंधित कलेक्टरों को आदेश दिया है कि नर्मदा नदी के फ्लड जोन का सीमांकन कर उनमें हुए अतिक्रमणों के लिए अधिकारियों को जवाबदेह बनाया जाए। जल गुणवत्ता पर कलेक्टर कार्रवाई करें।
ट्रीटमेंट प्लांट के लिए एक्शन प्लान बनाएं
कलेक्टर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए एक्शन प्लान बनाएँ। ग्वारीघाट और तिलवाराघाट में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट संबंधी कार्रवाई हो। ललपुर प्लांट निर्माण की कार्रवाई समयबद्ध तरीके से करने का निर्देश दिया गया है। गंदगी फैलाने वालों पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कार्रवाई कर उनसे मुआवजा वसूलने के लिए कहा गया है।
Created On :   26 Oct 2021 9:26 AM GMT