RSS की नई कार्यकारिणी पर नहीं बन पाई सहमति, नामों को लेकर असमंजस

RSS did not decided the new working committee
RSS की नई कार्यकारिणी पर नहीं बन पाई सहमति, नामों को लेकर असमंजस
RSS की नई कार्यकारिणी पर नहीं बन पाई सहमति, नामों को लेकर असमंजस

डिजिटल डेस्क, नागपुर। आरएसएस की प्रतिनिधि सभा के बाद लोगों की नजरें नई कार्यकारिणी पर टिकी हुई है लेकिन कार्यकारिणी तैयार आरएसएस के लिए मशक्कत भरा लग रहा है।  अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा के समापन के बाद भी कार्यकारिणी सूची तय नहीं हो पाई। प्रमुख पदाधिकारियों के बीच देर रात तक चर्चाओं का दौर चलता रहा। नामों को लेकर उत्सुकता बनी रही। संघ मामलों के जानकारों की मानें, तो कार्यकारिणी में कुछ नामों को लेकर सहमति नहीं बन पाई है।

साफ नहीं हो पा रही है स्थिति
संघ का एक वर्ग कुछ पदाधिकारियों का संघ में महत्व बढ़ाना चाहते थे। भाजपा व संघ के बीच राजनीतिक मामलों में संवाद की कड़ी माने जाने वाले सहसरकार्यवाह सुरेश सोनी जैसे पदाधिकारियों को नई जिम्मेदारी दिए जाने के निवेदन पर विचार ही नहीं किया गया। ऐसे ही कुछ मामले में साफ सहमति नहीं बन पाई। जल्द ही भाजपा में भी संगठनात्मक फेरबदल होने वाला है। संघ व भाजपा के बीच समन्वय के लिए विशेष कार्ययोजना पर विचार किया जा रहा है।

बढ़ा है आरएसएस और भाजपा का प्रभाव
कहा गया है कि संघ व भाजपा के कार्य में बढ़त हुई है। दोनों का समाज के बीच प्रभाव बढ़ा है। लिहाज संघ की ओर से भाजपा में ऐसे पदाधिकारी नियुक्त करने की पेशकश की गई है जो संघ पृष्ठभूमि के हो। उधर भाजपा का नेतृत्व कर रहे प्रमुख नेताओं की भी अपनी कुछ शर्ते हैं। समाज व सत्ता के लिए किए जाने वाले कार्यों की शैली व प्रणाली को लेकर मतभेद हैं। विविध स्थितियों को देखते हुए संघ की पूरी कार्यकारिणी घोषित नहीं की जा सकी है।  गौरतलब है कि संघ में सरकार्यवाह के सहयोग के लिए सहसरकार्यवाहों की संख्या 4 से 6 कर दी गई है। लेकिन अन्य प्रमुख विभागों के लिए पदाधिकारियों के नाम घोषित नहीं किए गए हैं।  बौद्धिक विभाग, शारीरिक विभाग, संपर्क विभाग, सेवा विभाग व व्यवस्था विभाग का संघ के संगठनात्मक मामले में काफी महत्व है। इन विभागों के प्रमुखों के नाम सामने नहीं आ पाए हैं। 
 

Created On :   13 March 2018 10:53 AM IST

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