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RSS का योजक्ता वर्ग 1 जुलाई से: आपातकाल , शिक्षा व्यवस्था के अलावा मंदिर मामले पर जनमत की होगी चर्चा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का योजक्ता वर्ग सोमवार 1 जुलाई से आरंभ होने जा रहा है। रेशमबाग स्थित डॉ. हेडगेवार स्मारक समिति के भवन में आयोजित इस 5 दिवसीय वर्ग में विविध मुद्दों पर चर्चा होगी। विशेषकर आपातकाल, शिक्षा व्यवस्था, अयोध्या में राम मंदिर मामले पर ताजा जनमत के प्रश्न पर चर्चा होगी। संघ से जुड़े विविध संगठनों की ओर से कार्य की प्रगति रिपोर्ट सौंपी जाएगी । इनमें सामाजिक न्याय का विषय भी प्रमुखता से शामिल रहेगा। आरक्षण, एट्रोसिटी एक्ट व संविधान को लेकर अनुसूचित जाति वर्ग में बन रही संघ विरोधी धारणा को लेकर मंथन होगा। इसके अलावा सीमा सुरक्षा मामले पर भी चर्चा होगी।
गौरतलब है कि इस वर्ग में संघ के देश भर के प्रचारक शामिल होंगे। विविध दायित्व संभाल रहे प्रांत प्रमुखों का भी समावेश रहेगा। कार्यविस्तार व नए कार्यक्षेत्र की समीक्षा होगी। इन दिनों देश में आम चुनाव ही आहट सुनायी देने लगी है। लगभग सभी चुनाव तैयारी में जुटने लगे हैं। ऐसे में समाज को प्रभावित करनेवाले मुद्दों की राजनीति को भी बल मिलने लगा है। कई स्थान पर तो यह भी सुना जाने लगा है कि समाज में तनाव पैदा करने का नियोजित प्रयास हो रहा है। सड़कों पर आंदोलन होने लगे हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से संघ के विरोध में भी प्रचार तेज होने लगा है। संघ भले ही बार बार कहता है कि वह राजनीतिक संगठन नहीं है,उसका किसी दल की राजनीति से संबंध नहीं है। फिर भी केंद्र व राज्यों की सत्ता के मामले में संघ पर प्रश्न उठाए जाने लगते है। इन स्थितियों के विविध पहलुओं पर चर्चा होगी।
फिलहाल देश में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यूजीसी को बर्खास्त करने नया आयोग बनाने का मुद्दा गर्माया है। इस मामले में संघ प्रणित भारतीय शिक्षण मंच ने भी यूजीसी के बजाय उच्च शिक्षा का दर्जा ऊंचा करने वाले नये आयोग की सिफारिश की है।
इंदिरा गांधी के समय लगाए गए आपातकाल का मुद्दा भी चर्चा में है। आपातकाल में सबसे अधिक संघ के कार्यकर्ता व नेता कारागृह भेजे गए थे। संघ आपातकाल को संविधान विरोधी व लोकतंत्र की हत्या मानता है। अयोध्या में मंदिर निर्माण का मामला लंबित है। विविध सुझावों के बीच वहां राम महल बनाने का सुझाव भी आ गया है। अयोध्या में मंदिर निर्माण के मामले को लेकर प्रवीण तोगड़िया ने विश्व हिंदू परिषद में रहते हुए आक्रामक भूमिका अपनायी थी, तब उन्हें विश्व हिंदू परिषद से बेदखल कर दिया गया। पहली बार इस संगठन के लिए चुनाव हुआ। उम्रदराज कार्यकर्ता को इस संगठन की कमान सौंपी गई।
विहिप में ही एक वर्ग यह कहने से नहीं चूक रहा है कि संगठन कार्य में भी राजनीति प्रभावी होने लगी है। सत्ता मेें शामिल स्वयंसेवकों की पसंद को ध्यान में रखना मजबूरी होने लगा है। लिहाजा इन सभी मामलों पर संघ के प्रचारकों व प्रांत प्रमुखों से कार्यक्षेत्र की जानकारी ली जाएगी। आम चुनाव को देखते हुए संघ के प्रचारकों को रणनीतिक दिशादर्शन मिलेगा। इस मामले में विश्व संवाद केंद्र नागपुर के प्रचार प्रमुख अतुल पिंगले ने कहा है कि योजक्ता वर्ग का आयोजन संघ के नियमित आयोजित होनेवालें वर्गों की कड़ी का एक हिस्सा मात्र है। यह वर्ग कोई नया नहीं है।
Created On :   30 Jun 2018 2:12 PM IST