भागवत ने की मोदी की तारीफ, कहा- डोकलाम ने बढ़ाया भारत का मान

RSSs Vijayshashmi festival, Bhagwat did the Arms Poojan
भागवत ने की मोदी की तारीफ, कहा- डोकलाम ने बढ़ाया भारत का मान
भागवत ने की मोदी की तारीफ, कहा- डोकलाम ने बढ़ाया भारत का मान

डिजिटल डेस्क,नागपुर। हर साल की तरह इस बार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने विजयादशमी उत्सव का आयोजन कियाय़ नागपुर में सुबह 4 बजे इस आयोजन की शुरुआत हुई। इस संघ कार्यकर्ताओं ने पंथसंचलन किया, वहीं RSS प्रमुख मोहन भागवत ने शस्त्र पूजन किया। कार्यक्रम में पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस भी मौजूद है। कार्यक्रम में जालंधर के गुरु रविदास साधुसंत सोसायटी के प्रधान बाबा निर्मलादास प्रमुख अतिथि के तौर पर शामिल हुए।

नागपुर में आयोजित विजयादशमी उत्सव के मौके पर RSS के मुख्यालय में शस्त्र पूजन किया गया। इसके बाद उन्होंने पारंपरिक RSS परेड की सलामी ली। परेड में हजारों की तादाद में संघ कार्यकर्ता शामिल हुए। गौरतलब है कि विजयादशमी का दिन RSS का स्थापना दिवस भी होता है। साल 1925 में विजयदशमी के ही दिन डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने RSS की स्थापना की थी। हर साल नागपुर मुख्यालय में स्थापना दिवस का कार्यक्रम आयोजित होता है और शस्त्र पूजन भी किया जाता है। 

मोहन भागवत के संबोधन में कश्मीर और डोकलाम का जिक्र


यह वर्ष परमपूज्य पद्मभूषण कुषोक बकुला रिनपोछे की जन्मशती का वर्ष है। पूज्य कुषोक बकुला रिनपोछे तथागत बुद्ध के 16 अर्हतों में से बकुल के अवतार थे ऐसी पूरे हिमालय बौद्धों में मान्यता है। पूरे लद्दाख में शिक्षा का प्रसार, कुरीतियों का निवारण एवं समाज सुधार व राष्ट्रभाव जागरण में आपकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। 1947 में पाकिस्तान ने आक्रमण किया तो उनकी प्रेरणा से नौजवानों ने नुबरा ब्रिगेड का गठन कर स्कर्दू से आगे बढने नहीं दिया। यह स्वामी विवेकानंद के प्रसिद्ध शिकागो अभिभाषण का 125वां वर्ष तथा उनकी शिष्या निवेदिता के जन्म का 150वां वर्ष है। भगिनी निवेदिता ने भी उसी राष्ट्रीय आदर्श को चरितार्थ करने वाला हिन्दू समाज इस देश में खड़ा करने के प्रयास किए। समाज को राष्ट्रगौरव से परिपूर्ण पुरुषार्थ के लिए खड़ा करना है तो देश के चिंतकों को विदेशी दृष्टि के विचारों से मुक्त होना होगा। राष्ट्र कृत्रिम पद्धतियों से नहीं बनाए जाते, राष्ट्र जन्म लेता है।डोकलाम जैसी घटना अंतर्राष्ट्रीय जगत में भारत की प्रतिमा को नई सम्मानजनक ऊंचाई प्रदान करती है। कश्मीर पर दृढ़ता का स्वागत है परंतु लद्दाख, जम्मू सहित सम्पूर्ण राज्य में भेदभावरहित, पारदर्शी व स्वच्छ प्रशासन की आवश्यकता है।

Created On :   30 Sept 2017 8:28 AM IST

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