आरटीई एडमिशन : एक्शन कमेटी ने बस्ती में जाकर किया क्रॉस वेरिफिकेशन, कई मामले फर्जी

Rte admission action committee  cross verification in basti many cases are fake
आरटीई एडमिशन : एक्शन कमेटी ने बस्ती में जाकर किया क्रॉस वेरिफिकेशन, कई मामले फर्जी
आरटीई एडमिशन : एक्शन कमेटी ने बस्ती में जाकर किया क्रॉस वेरिफिकेशन, कई मामले फर्जी

डिजिटल डेस्क, नागपुर ।  शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अंतर्गत सिविल लाइन्स स्थित एक स्कूल में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर प्रवेश का मामला फिर गर्मा गया है। इस मामले में जिला परिषद के शिक्षा विभाग ने अपनी रिपोर्ट देकर शिकायतों को आधारहीन बताते हुए मामले को खारिज करने की कोशिश की। रिपोर्ट में कहा गया कि सभी एडमिशन नियमानुसार दिए गए। इस रिपोर्ट के विरोध में आरटीई एक्शन कमेटी में दोबारा उन बस्तियों में जाकर जांच-पड़ताल की है, जिन्हें एडमिशन दिया गया। क्रॉस वेरिफिकेशन में पाया गया कि जिन लोगों को एडमिशन दिया गया, वे उन जगह पर रहते ही नहीं हैं।

एक गड्डीगोदाम में, दूसरा गांधीबाग में और एक तीसरा वेरिफिकेशन के बाद वहां बस्ती में किराये से रहने आया है। जिला परिषद की इस रिपोर्ट को चुनौती देते हुए आरटीई एक्शन कमेटी ने हाईकोर्ट में मध्यस्थ बनने की तैयारी की है। जिन पालकों के बच्चों को सभी कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद भी एडमिशन नहीं मिला, उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और कुछ अभी जाने की तैयारी में है। इन सभी ने आरटीई एक्शन कमेटी को अपनी याचिका में घसीटा है। ऐसे में आरटीई एक्शन कमेटी ने खुद के प्रमाणों को पुख्ता बनाने के लिए दोबारा जांच-पड़ताल कर याचिका में मध्यस्थ बनने का दावा किया है। 

पिछले साल जिले में आरटीई प्रवेश प्रक्रिया के तहत फर्जी दस्तावेजों के आधार पर प्रवेश प्राप्त करने के कुछ मामले सामने आए थे। इस दौरान आरटीई एक्शन कमेटी  ने दावा किया था कि शहर के एक नामी स्कूल में पांच विद्यार्थियों के प्रवेश फर्जी दस्तावेजों के आधार पर प्रवेश हुए हैं। इस मामले में एक पालक ने शिकायत की थी कि सिविल लाइंस स्थित एक स्कूल में  कुल 5 विद्यार्थियों को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर प्रवेश दिया गया है। पालक ने इन बच्चों के मकान का अंतर सहित अनेक दस्तावेज पेश किए थे। इसकी पुष्टि करने के लिए विद्यार्थियों के घर मरियम नगर में जाकर मामले की पड़ताल की गई। वहां स्थानीय लोगों से जब पालकों के बारे में पूछा गया था तो उन्होंने बताया कि इस नाम का कोई परिवार इस क्षेत्र में नहीं रहता है।

फोन पर संपर्क करने पर भी आरोपी पालकों से संतोषजनक जवाब नहीं मिला। आरटीई एक्शन कमेटी के चेयरमेन शाहिद शरीफ ने दावा है कि इन पालकों ने झूठा निवासी प्रमाण-पत्र दर्शा कर वेरिफिकेशन समिति को गुमराह किया और गलत तरीके से स्कूल में अपने बच्चों के प्रवेश कराए। इसके कारण बहुत से पात्र विद्यार्थियों को प्रवेश नहीं मिल सके। इस मामले को चुुनौती दी गई थी। सूचना अपीलीय अधिकारी ने मामले में सुनवाई की। इस मामले में जिप से रिपोर्ट मांगी गई थी। जिप ने अपनी रिपोर्ट में एडमिशन को सही बताया। फिलहाल मामला मंत्रालय में विचाराधीन है। उपसंचालक मामले की जांच कर रहे है। अब इस मामले को लेकर पालक हाईकोर्ट ले जाने की तैयारी में है। 

Created On :   2 March 2020 6:55 AM GMT

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