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RTO पुराने वाहनों से नहीं वसूल सका ग्रीन टैक्स, 11 लाख से अधिक है संख्या

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पुराने वाहनों से ग्रीन टैक्स वसूलने का नियम है लेकिन RTO यह टैक्स वसूल नहीं सका है। पर्यावरण को बचाने के लिए सरकार ने 8 साल पुराने वाहनों पर ग्रीन टैक्स तो लगाया, लेकिन आरटीआे अब तक 12,567 वाहनों से ही ग्रीन टैक्स वसूल सका है। वैसे तो नागपुर में वाहनों की संख्या करीब 11 लाख है, लेकिन 1 लाख 94 हजार ऐसे वाहन हैं, जिनके ग्रीन टैक्स नहीं भरने का खुलासा आरटीआई में हुआ है। वाहनों से होनेवाले प्रदूषण से पर्यावरण को बचाने के लिए सरकार ने 15 साल पुराने वाहनों पर ग्रीन टैक्स लेने का फैसला किया था। वैसे तो 15 साल बाद वाहन नहीं चलाए जाते, लेकिन कुछ लोग आरटीआे से अनुमति लेकर वाहन चलाते हैं। ये वाहन ज्यादा प्रदूषण फैलाते हैं। इसे देखते हुए सरकार ने सात साल पहले इसमें संशोधन करते हुए 8 साल पुराने वाहनों से ग्रीन टैक्स लेने का फैसला किया। नागपुर में सभी प्रकार के वाहनांे की संख्या करीब 11 लाख है। नागपुर आरटीआे 1 जनवरी 2012 से 30 नवंबर 2017 तक केवल 12,567 वाहनों से ही ग्रीन टैक्स वसूल सका है। ग्रीन टैक्स के रूप में 4 करो़ड़ 49 लाख 2629 रुपए का राजस्व सरकार को प्राप्त हुआ है। 1 लाख 93 हजार 157 (निजी वाहन) व 720 (परिवहन वाहन) ने ग्रीन टैक्स भरा ही नहीं। आरटीआे केवल 12246 (11526 निजी वाहन व 720 परिवहन वाहन) वाहनों को ही नोटिस जारी कर चुका है। आरटीआे की ग्रीन टैक्स वसूली व नोटिस जारी करने की प्रक्रिया बेहद धीमी होने का खुलासा आरटीआई में हुआ है।
ढुलमुल कामकाज
आरटीआई एक्टिविस्ट अभय कोलारकर ने कहा कि ग्रीन टैक्स वसूली के संबंध में नागपुर आरटीआे बेहद धीमा नजर आ रहा है। 1 लाख 94 हजार वाहनों ने ग्रीन टैक्स नहीं भरा आैर नोटिस केवल 12246 वाहनों को ही जारी हुआ है। आरटीआे इस बारे में अभियान शुरू करे तो सरकार को काफी राजस्व मिल सकता है। इस राजस्व का उपयोग पर्यावरण को बनाए रखने व पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर करना चाहिए। सरकार पब्लिक ट्रांसपोर्ट बेहतर करे तो निजी वाहनों की संख्या कम हो सकती है। शहर को प्रदूषित होने से बचाने के लिए ग्रीन टैक्स पर सख्ती जरूरी है।
टैक्स के बारे में नहीं है जनजागृति
ग्रीन टैक्स को लेकर सरकार ने कानून तो बनाया, लेकिन शहर में अभी भी ग्रीन टैक्स को लेकर जनजागृति की जरूरत है। आरटीआे कभी कभार ग्रीन टैक्स के बारे में जनजागृति कार्यक्रम लेती है, लेकिन शहर में यह कार्यक्रम प्रभावी नहीं रहा। वाहन खरीदने के बाद लोग ग्रीन टैक्स भरना भूल जाते है। इसकी मुख्य वजह यह है कि 8 साल बाद अधिकांश लोग दो पहियां वाहनों का फर्सट् पार्टी बीमा नहीं निकालते। अधिकांश पुराने वाहन सेकेंड या थर्ड पार्टी के पास चले जाते हैं। आरटीआे की सुस्ती का भी लाभ ऐेसे वाहन चालकों को मिल जाता है।
वर्ष वाहन से टैक्स वसूला
2012 1893
2013 1690
2014 1774
2015 2378
2016 2777
30 नवंबर 2017 2055
इस साल 30 नवंबर तक 68 लाख 49 हजार 630 रुपए का राजस्व ग्रीन टैक्स के रूप में वसूला गया।
Created On :   30 Dec 2017 1:36 PM IST