गणेशोत्सव के पहले मनपा के न्यूसेंस स्क्वॉड से मचा बवाल, वसूली गई रकम लौटानी पड़ी

Ruckus before Ganeshotsav due to nuisance squad recovery campaign
गणेशोत्सव के पहले मनपा के न्यूसेंस स्क्वॉड से मचा बवाल, वसूली गई रकम लौटानी पड़ी
गणेशोत्सव के पहले मनपा के न्यूसेंस स्क्वॉड से मचा बवाल, वसूली गई रकम लौटानी पड़ी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। गुरुवार से शुरू हो रहे गणेशोत्सव के लिए जगह-जगह गणेश मूर्तियों की दुकानें सज गई हैं। इस बीच मनपा के न्यूसेंस स्कॉड (उपद्रव शोध पथक) ने मूर्ति विक्रेताओं को निशाना बनाकर वसूली अभियान शुरू कर दिया। विशेष यह कि न्यूसेंस स्क्वॉड ने अपने अधिकारों से बाहर जाकर मूर्ति विक्रेताओं को नोटिस जारी कर एक हजार रुपए भरने का आदेश दिया। मामला उजागर होने के बाद अच्छा-खासा बवाल मचा। स्थानीय नगरसेविका आभा पांडे और स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रदीप दासरवार की मध्यस्थता के बाद न्यूसेंस स्क्वॉड ने अपने नोटिस वापस लिए और मूर्ति विक्रेताओं की वसूली गई रकम लौटाई, जिसके बाद मामला शांत हुआ। 

गलत तरीके से शुरू की वसूली  
मनपा प्रशासन ने न्यूसेंस स्क्वॉड को यह निर्देश दिए थे कि मूर्ति विक्रेताओं को सिर्फ लाइसेंस लेने की सूचना करें। अगर किसी ने लाइसेंस नहीं लिए है तो उन्हें जोन कार्यालय में जाकर नियमानुसार जो भी शुल्क होगा, उसे अदा कर लाइसेंस लेने की सूचना करें। नोटिस देने जैसे कोई निर्देश नहीं दिए थे। लेकिन स्क्वॉड के अधिकारियों ने मूर्तिकारों को सीधे नोटिस थमाकर गलत तरीके से वसूली शुरू कर दी, जिससे मामला गड़बड़ा गया। 

मूर्तिकारों को धमकी
बताया जाता है कि न्यूसेंस स्क्वॉड के अधिकारी लालगंज, कुंभारपुरा क्षेत्र में मूर्तिकारों की बस्ती में पहुंचे। इस क्षेत्र में मूर्ति विक्रेताओं की बड़े पैमाने पर दुकानें हैं। उनके पास मूर्ति बिक्री का लाइसेंस नहीं है और मनपा अधिकारियों ने उन्हें इस बारे में कभी बताया भी नहीं है। इसका प्रचार-प्रसार भी नहीं किया और न उनके लिए कोई व्यवस्था की। इस कारण उन्होंने लाइसेंस लेना भी आवश्यक नहीं समझा। किन्तु मंगलवार को न्यूसेंस स्क्वॉड के कुछ कर्मचारी मूर्ति विक्रेताओं के दुकान में पहुंचकर उन्हें अचानक नोटिस थमा दिया और उन्हें एक हजार रुपए भरने को कहा। पैसा नहीं भरने पर उन्हें धमकाने की भाषा बोलने लगे। इसके बाद मूर्तिकारों ने नगरसेविका आभा पांडे का दरवाजा खटखटाया। नगरसेविका ने इसकी सूचना स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दासरवार को दी। दोनों की मध्यस्थता के बाद मूर्तिकारों को दंड की राशि वापस दी गई। 

पीओपी विक्रेताओं पर ध्यान नहीं
पारंपरिक तरीके से मूर्ति तैयार करने वाले मूर्तिकारों का व्यवसाय वैसे भी पीओपी विक्रेताओं की वजह से मार खा गया है। बड़ी मुश्किल से मूर्तियों की बिक्री हो रही है। पीओपी विक्रेताओं पर कार्रवाई करने की बजाए मिट्टी की मूर्ति के विक्रेताओं को निशाना बनाया जा रहा है। बाजार में पीओपी की मूर्तियां धड़ल्ले से बिक रही हैं। उस पर लाल निशान लगे हैं या नहीं, इसकी जांच करने भी कोई तैयार नहीं है। 

शुल्क भरने के तैयार लेकिन नहीं मिली सूचना
मूर्तिकार शुल्क भरकर लाइसेंस लेने तैयार हैं, लेकिन मनपा ने अब तक उन्हें इस बारे में कोई सूचना तक नहीं दी है। कम से कम महीना भर पहले उन्हें इसकी सूचना दी जानी चाहिए थी, लेकिन गणेशोत्सव के समय उन्हें परेशान किया जा रहा है। गरीब मूर्तिकारों को अगर इसी तरह परेशान किया गया तो तीव्र आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटा जाएगा। फिलहाल स्वास्थ्य अधिकारी की मध्यस्थता से मामला सुलझ गया है। 
(आभा पांडे, नगरसेविका)
 

Created On :   12 Sep 2018 7:24 AM GMT

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