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शिवाजी महाराज की जन्मतिथि को लेकर विधानसभा में हंगामा, कहा एक तिथी हो

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शिवाजी महाराज की जन्मतिथि के प्रश्न पर शुक्रवार को विधानसभा में हंगामा हुआ। विशेषकर राकांपा सदस्यों ने जमकर विरोध जताया। वेल में नारेबाजी करने लगे। सत्तापक्ष के सदस्यों ने भी वेल में पहुंचकर विपक्ष की भूमिका का विरोध किया। भाजपा सदस्य सुरेश हलवणकर ने ‘प्वाइंट आफ इंफारमेशन’ के माध्यम से अपनी बात रखते हुए कहा कि शिवाजी महाराज की जयंती की तिथि एक ही होनी चाहिए। 8 अप्रैल 1630 को शिवाजी महाराज का जन्म हुआ है। इसलिए 8 अप्रैल को उनकी जयंती मनाई जाती है, लेकिन कुछ लोग अन्य तिथि को भी शिवाजी महाराज की जयंती मनाते हैं। विपक्ष ने इस पर जमकर हंगामा किया।
मंत्रालय के आस-पास ही होगी विधायकों के आवास की व्यवस्था
मुंबई में मनोरा विधायक निवास इमारत को गिराकर उस स्थान पर नया निर्माण कार्य किया जाएगा। इस दौरान विधायकों की आवास की व्यवस्था मंत्रालय के आस-पास ही की जाएगी। राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटील ने विधानसभा में यह जानकारी दी। अतुल भातखलकर व अन्य सदस्यों के प्रश्नों पर राजस्वमंत्री ने बताया कि एक महीने में विधायकों को नए आवास के संबंध में जानकारी दे दी जाएगी।
पिछड़ावर्ग आयोग हर पंचायत समिति के दो गांवों में जाकर करेगा सर्वेक्षण
सरकार का दावा है कि पिछड़ावर्ग आयोग शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े की 2700 रिपोर्ट को मजबूत आधार प्रदान करेगा। इसके लिए पिछड़ावर्ग आयोग राज्य भर की प्रत्येक पंचायत समितियों में जाकर प्रत्येक दो-दो गांवों में सर्वेक्षण करेगा। यह सर्वेक्षण साबित करेगा कि मराठा समाज पिछड़ा है। उक्त जानकारी विधानपरिषद में विपक्ष नेता व राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटील ने दी।
महाराष्ट्र के सभी जिलों में होगा स्वतंत्र निर्भया सेल
राज्य के सभी जिलों में स्वतंत्र निर्भया दस्ता (सेल) गठन किया जाएगा। इसके लिए अलग से पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को नियुक्त किया जाएगा। विधानपरिषद में शुक्रवार को ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के तहत शिवसेना सदस्य डॉ. नीलम गोर्हे द्वारा उठाए गए महिला - बच्चों की सुरक्षा के मुद्दे पर जवाब देते हुए दीपक केसरकर ने कहा कि राज्य में महिला व बच्चों की सुरक्षा महत्वपूर्ण विषय है। लिहाजा राज्य के सभी जिलों में निर्भया सेल की स्थापना की जाएगी। यह विभाग सिर्फ महिलाओं व बच्चों पर होने वाले अपराधों की जांच करेगा। इसके लिए पुलिस अधिकारी और कर्मचारियों की विशेष नियुक्ति की जाएगी। यह सेल अपनी रिपोर्ट सीधे पुलिस महानिदेशक को सौंपेगा। केसरकर ने बताया कि यह सेल महिलाओं पर होने वाले अपराधों की रोकथाम और कानून को सख्ती से लागू करने का काम करेगा। प्रतिबंधात्मक उपाय योजना के अलावा महिलाओं व बच्चों को बचाव का प्रशिक्षण भी देगा। जनजागरण के लिए प्रबोधन, पथनाट्य से लेकर स्वयंसेवी संस्थाओं की भी मदद लेगा। इसी तरह राज्य स्तर पर एक सात सदस्यीय विशेष समिति का भी गठन किया गया है। कुछ शहरों में यह काम कर रही है। इसे पूरे राज्य में कैसे लागू कर सकते हैं, इसके लिए प्रयास किया जा रहा है।
Created On :   15 Dec 2017 10:52 PM IST