ग्रामीण क्षेत्रों में भी मिलेंगे अब प्रधानमंत्री आवास, 6 तहसीलों में मिली मंजूरी

Rural areas will also get benefit pradhan mantri awas yojana, approved in 6 tehsils
ग्रामीण क्षेत्रों में भी मिलेंगे अब प्रधानमंत्री आवास, 6 तहसीलों में मिली मंजूरी
ग्रामीण क्षेत्रों में भी मिलेंगे अब प्रधानमंत्री आवास, 6 तहसीलों में मिली मंजूरी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर की तरह अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिलेगा। नागपुर महानगर प्रदेश विकास प्राधिकरण (एनएमआरडीए) अंतर्गत 9 तहसीलों में से मौदा, कामठी, नागपुर ग्रामीण, उमरेड, कुही व हिंगना इन 6 तहसीलों में 1866 घरकुल प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मंजूर किए गए है। केंद्र व राज्य सरकार ने इसे मान्यता प्रदान की है। यह मकान 30.00 वर्गमीटर यानी लगभग 330 वर्ग फीट आकार के होंगे। लाभार्थियों को स्वयं यह मकान बनाने हैं। इसके लिए लाभार्थियों को 3 चरण में कुल 2 लाख 50 हजार अनुदान राज्य व केंद्र सरकार से उपलब्ध कराया जाएगा। 

ऐसी है व्यवस्था 

प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत घरकुल मंजूर किए गए लाभार्थियों को ग्रामपंचायत सीमा (गांवठाण) की जगह पर घरकुल का निर्माणकार्य करने के लिए लाभार्थियों को नियमानुसार ग्रामपंचायत की अनुमति प्राप्त करनी होगी। संबंधित लाभार्थी द्वारा ग्रामपंचायत में आवेदन करने के बाद संबंधित ग्रामपंचायत को नियमानुसार निर्माणकार्य की अनुमति प्रदान करनी होगी। इस बाबत नागपुर महानगर प्रदेश विकास प्राधिकरण, जिला परिषद व सभी संबंधित गट विकास अधिकारी को निवेदन किया जाएगा। 

काम प्रगति पथ पर 

नागपुर महानगर प्रदेश विकास प्राधिकरण अंतर्गत इन प्रकल्प की शुरुआत की गई है। पात्र लाभार्थियों के प्रस्तावित घरकुल की जगह का प्रत्यक्ष निरीक्षण व पंचनामा तैयार करने का काम प्रगतिपथ पर है। मंजूर 1866 घरकुल में से 400 घरकुलों का सर्वेक्षण किया गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना-4 अंतर्गत लाभार्थियों को खुद अपने कर का निर्माणकार्य करना है। इसके लिए निर्माणकार्य की अनुमति देने का अधिकार महाराष्ट्र ग्रामपंचायत अधिनियम, 1958 की धारा अनुसार संबंधित ग्रामपंचायत को है। 

बरसों से बंद पड़ी इमारत की सफाई करने के आदेश

बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने नागपुर महानगरपालिका को खामला स्थित संचयनी कॉम्प्लेक्स में साफ-सफाई करके यहां के गड्‌ढे भरने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने इस संबंध में दो सप्ताह में रिपोर्ट भी मांगी है। बरसों से बंद पड़ी यह इमारत अब कचरे के ढेर में परिवर्तित हो चुकी है, जिससे क्षेत्र में बीमारियां बढ़ रही हैं। क्षेत्र के नागरिकों ने इस मुद्दे पर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। 

डेंगू के मच्छर फैलने का डर

याचिकाकर्ता के अनुसार,  कचरे और गंदे पानी के कारण डेंगू के मच्छर फैलने का डर बना रहता है। पूर्व में याचिकाकर्ता ने शहर के अन्य क्षेत्र में कचरे के कु-प्रबंधन की तस्वीरें कोर्ट के सामने प्रस्तुत की थी। इसमें पांढराबोडी बस्ती, अंबाझरी के साथ सिविल लाइंस क्षेत्र के कचरे की तस्वीरें भी शामिल थीं। याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि कनक वेस्ट मैनेजमेंट कचरे का निपटारा ठीक से नहीं कर रहा है। यह मामला न्यायालय में भी चल रहा है। इस मामले में हाईकोर्ट ने शहर के कचरे के सही प्रबंधन के लिए नागरिकों को सूखे और गीले कचरे की पेटी देने के आदेश नागपुर महानगरपालिका को जारी किए थे। अनिल आग्रे और खामला निवासी नागरिकों याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई जारी है।  मामले में याचिकाकर्ता की ओर से एड.देवेंद्र चौहान ने पक्ष रखा। मनपा की ओर से एड.सुधीर पुराणिक ने पक्ष रखा।  
 
 

Created On :   13 Jun 2019 12:36 PM IST

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