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खमरिया पहुँचे रशिया के एक्सपर्ट अब मैंगो बमों के केज में फॉल्ट!
प्रोडक्शन अभी भी थमा, टारगेट पूरा करने में आ सकती है परेशानी
डिजिटल डेस्क जबलपुर । मैंगो प्रोजेक्ट में बनने वाले 125 एमएम बमों में आई परेशानी को दुरुस्त करने रशिया के एक्सपर्ट की टीम आयुध निर्माणी खमरिया पहुँच गई है। काफी मशक्कत के बाद भी एंटी टैंक बमों का उत्पादन अभी भी थमा हुआ है। पता चला है कि ग्लू को लेकर जो इश्यू सामने आए उन्हें तो सॉल्व कर लिया गया, लेकिन अब नई परेशानी बम के केज में खड़ी हो गई है। हालाँकि निर्माणी प्रशासन मानकर चल रहा है कि इस खामी को अगले कुछ दिनों में ठीक कर लिया जाएगा।
रशियन टेक्नोलॉजी पर आधारित एंटी टैंक बमों के 6 लॉट कम्पलीट होने के बाद अब उत्पादन शुरू होने का नाम नहीं ले रहा। पहले ग्लू में परेशानी आई। सैम्पल को रूस भेजा गया, लेकिन वहाँ सटीक रिपोर्ट आने के बाद एक्सपर्ट को ओएफके भेजने का फैसला लिया गया। दो हिस्सों में गठजोड़ जरूरी - आयुध निर्माणी खमरिया के प्रस्ताव पर रूस की टीम गत दिनों निर्माणी पहुँची। शुरुआती छानबीन में पता चला कि वाकई में परेशानी ग्लू में नहीं, बल्कि बमों के केज में है। आधिकारिक सूत्र बताते हैं कि मैंगो बमों के केज में गैपिंग अधिक होने के कारण दो हिस्सों का जुड़ाव सही तरीके से हो नहीं पा रहा। जानकार कहते हैं कि बमों को परफेक्ट बनाने के लिए दो हिस्सों को बेहद मजबूती के साथ जुडऩा जरूरी होता है।
कोविड काल से प्रोडक्शन बंद - ओएफके में सेक्शन-3 में काम तकरीबन ठप पड़ा हुआ है। जानकार बताते हैं कि कोविड-19 की शुरुआत के साथ ही बमों के उत्पादन में जो रुकावट आई तब से हालात सुधरे नहीं और उत्पादन रफ्तार नहीं पकड़ पाया। कच्चा माल पूरी तरफ से गायब होने के कारण ऐसी परिस्थितियाँ बनीं, लेकिन अनलॉक होने के बाद तकनीकी खामियों ने अड़ंगा डाल दिया।
इनका कहना है
निर्माणी और रूस के विशेषज्ञ लगातार इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं। पूरा विश्वास है कि तय समय पर टारगेट पूरा कर लिया जाएगा।
-अमित सिंह, ज्वॉइंट जीएम
Created On :   21 Feb 2021 6:52 PM IST