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नक्सल क्षेत्र में कार्यरत शिक्षकों को शीघ्र दें सैलरी लाभ- हाईकोर्ट

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नक्सल क्षेत्र में कार्यरत शिक्षकों को शीघ्र वेतन का लाभ देने के आदेश बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने दिए हैं। कोर्ट ने सोमवार को यवतमाल जिला परिषद को नक्सल इलाके में नियुक्त शिक्षकों को भी एक स्तर वेतन वृद्धि देने के आदेश दिए हैं। साथ ही स्पष्ट किया है कि जि.प. के सभी शिक्षकों को उनकी बकाया वेतन राशि तीन माह के अंदर अदा करनी होगी। सुनवाई के दौरान जिला परिषद ने भी शिक्षकों को वेतनलाभ देने की तैयारी दर्शाई। ऐसे में याचिका का उद्देश्य पूर्ण हो जाने के कारण कोर्ट ने प्रकरण का निपटारा कर दिया है। दरअसल प्रदेश सरकार का नियम है कि नक्सल या आदिवसी क्षेत्र में कार्यरत सरकारी कर्मचारियों को एक वेतन स्तर बढ़ा कर नियुक्ति दी जाती है, लेकिन यवतमाल जिला परिषद के तहत आदिवासी इलाकों में कार्यरत शिक्षकों को यह लाभ नहीं दिया जा रहा था। जिसके बाद महाराष्ट्र राज्य प्राथमिक शिक्षक समिति ने हाईकोर्ट की शरण ली थी। इस मामले में राज्य सरकार की ओर से मुख्य सरकारी वकील सुमंत देवपुजारी और याचिकाकर्ता की ओर से एड. अमोल चाकोतकर ने पक्ष रखा।
यह है मामला
महाराष्ट्र राज्य प्राथमिक शिक्षक समिति ने हाईकोर्ट में यह याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता के अनुसार सरकारी निर्णय के अनुसार ग्रामीण और नक्सल क्षेत्रों में कार्यरत शिक्षकों को एक स्तर पदोन्नती और प्रोत्साहन भत्ता दिया जाता है। सरकार ने 6 अगस्त 2016 को जीआर भी जारी किया था। यवतमाल जिला परिषद ने अपने क्षेत्र में कार्यरत शिक्षकों को यह लाभ देने के लिए जिलाधिकारी से पत्र व्यवहार भी किया। जिलाधिकारी ने इस मामले में ग्राम विकास विभाग से संपर्क किया। जहां से उन्हें जानकारी दी गई कि शिक्षकों को छठवें वेतन आयोग में एक स्तर पदोन्नती और प्रोत्साहन भत्ता देने पर कोई निर्णय नहीं हुआ, इसलिए शिक्षकों को इस योजना का लाभ नहीं दिया जा सकता। इस मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद खंडपीठ में याचिका दायर हुई। 25 फरवरी 2015 के आदेश में कोर्ट ने चार महिने के भीतर शिक्षकों को लाभ देने के आदेश जारी किए थे। वहीं नागपुर में महाराष्ट्र राज्य प्राथमिक शिक्षक समिति की याचिका पर कोर्ट ने दो माह के भीतर शिक्षकों को एक स्तर पदोन्नती और तीन माह के भीतर बकाया वेतनराशी देने के आदेश दिए थे। आदेश का पालन न होने से समिति ने अवमानना याचिका दायर की थी।
Created On :   23 Jan 2018 1:29 PM IST