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समता सैनिक दल की अपील : संविधान को मानने वालों को ही जिताएं
डिजिटल डेस्क, नागपुर। भारतीय बौद्ध महासभा समर्थित समता सैनिक दल का 92वां राष्ट्रीय दो दिवसीय अधिवेशन शनिवार को दीक्षाभूमि में आरंभ हुआ। अधिवेशन में भविष्य पर चर्चा करते हुए संविधान पर हो रहे आक्रमण पर चिंता व्यक्त की गई। बीएसआई के राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष भीमराव आंबेडकर ने आगामी चुनाव में लोकतंत्र जीवित रखने के लिए संविधान को मानने वालों को जिताने का आह्वान किया। दीक्षाभूमि स्थित बाबासाहब आंबेडकर सभागृह में रविवार, 24 मार्च तक चलने वाले इस अधिवेशन में ‘संविधान बचाओ, देश बचाओ’ का नारा मजबूत करने का आह्वान किया गया। उद्घाटन सत्र में दीक्षाभूमि स्मारक समिति के अध्यक्ष व भदंत आर्य नागार्जुन सुरेई ससाई, समता सैनिक दल के ज्वाइंट कमांडर इन चीफ जगदीश गवई उपस्थित थे। अध्यक्षता समता सैनिक दल के राष्ट्रीय महासचिव व स्टाफ ऑफिसर एस.के. भंडारे ने की। इस अवसर पर विविध विषयों पर वक्ताओं ने मार्गदर्शन किया। समता सैनिक दल ‘कल, आज और कल’ विषय पर दल के राष्ट्रीय सचिव भिकाजी कांबले, ‘सैनिकों की जिम्मेदारी व कर्तव्य’ विषय पर राष्ट्रीय सचिव बी.एच. गायकवाड़, ‘सामाजिक सुरक्षा के संवैधानिक अधिकार व कानून’ विषय पर राष्ट्रीय सचिव एड. एस.एस. वानखेड़े और दल के संविधान व प्रस्ताव पर सत्र के अध्यक्ष भीमराव आंबेडकर ने विचार रखे। इस अवसर पर संविधान पर हो रहे आक्रमण, संविधान बदलने की भाषा, लोकतंत्र को कमजोर करने वाली शक्तियों का विरोध करने का आह्वान किया गया। रविवार को सुबह 9 से 11.30 बजे संविधान चौक से दीक्षाभूमि मार्ग पर समता रैली निकाली जाएगी। सुबह 11 से 1.30 बजे तक बटालियन स्पर्धा का आयोजन किया गया है। दोपहर 2.30 से 5 बजे तक महासंचालन होगा। इसके बाद खुला अधिवेशन होगा। समता सैनिक दल के नागपुर जिला पश्चिम के अध्यक्ष दशरथ शंभरकर, पूर्व के अध्यक्ष सी.आर. सोनडवले आदि अधिवेशन के स्वागत अध्यक्ष थे। अधिवेशन में देशभर के समता सैनिक दल के जवान शामिल हुए।
संस्था के नाम का दुरुपयोग बंद करे भारतीय बौद्ध महासभा की मांग
उधर दीक्षाभूमि में शनिवार व रविवार को दि बुद्धिस्ट सोसायटी ऑफ इंडिया (भारतीय बौद्ध महासभा) संस्था के नाम पर राष्ट्रीय अध्यक्ष मीराताई आंबेडकर, कार्याध्यक्ष भीमराव आंबेडकर, राष्ट्रीय महासचिव जगदीश गवई आदि की अगुवाई में एक कार्यक्रम होगा। यह कार्यक्रम गैरकानूनी होकर जनता में भ्रम पैदा करने वाला है। उपरोक्त सदस्य संस्था के पदाधिकारी न होते हुए भी संस्था के नाम का दुरुपयोग करने की जानकारी पत्र-परिषद में दि बुद्धिस्ट सोसायटी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रबोधी पाटील ने दी। पाटील ने बताया कि, डा. बाबासाहब आंबेडकर ने वर्ष 1954 में संस्था की स्थापना कर 4 मई 1955 को धर्मादाय आयुक्त, मुंबई में पंजीकृत किया। संस्था के द्वितीय अध्यक्ष भैयासाहब आंबेडकर के निधन के बाद संस्था की मूल ट्रस्ट कमेटी की चेंज रिपोर्ट के विरोध में मीराताई आंबेडकर ने सिविल कोर्ट में याचिका दायर की थी, इसका निर्णय सन् 2013 में उच्च न्यायालय ने मूल ट्रस्ट कमेटी के पक्ष में दिया था। बावजूद इसके संस्था के नाम का दुरुपयोग यह सदस्य कर रहे है। पत्र-परिषद में कार्यकारी सदस्य एड. भीमराव कांबले, विदर्भ प्रदेश उपाध्यक्ष मनोहर दुपारे, महासचिव शंकर ढेंगरे, नागपुर शहराध्यक्ष रमा वासनिक, मिलिंद डांगे, विट्ठलराव डांगरे आदि उपस्थित थे।
Created On :   24 March 2019 6:11 PM IST