शिवसेना के सम्पर्क में कई विधायक, अाठवले ने कहा- कोई आए या न आए हम भाजपा के साथ 

Sanjay Raut claims - MLAs of many parties in connection with Shiv Sena
शिवसेना के सम्पर्क में कई विधायक, अाठवले ने कहा- कोई आए या न आए हम भाजपा के साथ 
शिवसेना के सम्पर्क में कई विधायक, अाठवले ने कहा- कोई आए या न आए हम भाजपा के साथ 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। शिवसेना सांसद संजय राऊत ने दावा किया है कि अलग-अलग दलों के कई विधायक और बड़े नेता पार्टी के संपर्क में हैं। राऊत ने कहा कि प्रदेश के प्रमुख दलों के नेता शिवसेना में शामिल होंगे। ये लोग अपनी पार्टी छोड़ने के लिए सही समय का इंतजार कर रहे हैं। नागपुर से भाजपा विधायक आशीष देशमुख के इस्तीफे को लेकर राऊत ने बुधवार को सहयोगी भाजपा पर हमला निशाना साधा। राऊत ने कहा कि शिवसेना के 20 विधायकों को तोड़ने की बात कहने वाले दल के सामने कैसी नौबत आ गई है, यह हम सबके सामने हैं। भाजपा के विधायक और सांसद अपनी पार्टी छोड़कर दूसरे दलों में जा रहे हैं। राऊत ने कहा कि विधायक पद से इस्तीफा देने वाले आशीष देशमुख सहित कई विधायक हमारे संपर्क में हैं। हालांकि देशमुख ने राऊत के दावे से इंकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि मैं महात्मा गांधी के विचारों पर चलने वाले दल के साथ जुडुंगा। 

भाजपा की बी-टीम है आंबेडकर-ओवैसी गठबंधन

इससे पहले राऊत ने आगामी चुनावों के लिए भारिप बहुजन महासंघ और एमआईएम के बीच गठबंधन को लेकर भारिप महासंघ के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर पर निशाना साधा। राऊत ने कहा कि आंबेडकर ने एमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के साथ गठजोड़ किया है। आंबेडकर और ओवैसी का गठबंधन भाजपा की बी टीम है। इस गठबंधन से भाजपा को ही फायदा पहुंचेगा। राऊत ने कहा कि इस तरह का गठबंधन डॉ बाबासाहब आंबेडकर के विचारों से तालमेल नहीं खाता है। दलित समाज इसको स्वीकार नहीं करेगा। इसलिए मुझे नहीं लगता है कि दोनों दलों के साथ आने से राजनीतिक फायदा होगा। 

भीड़ जुटने से नहीं मिलते वोट: आठवले

वहीं आरपीआई अध्यक्ष रामदास आठवले ने भी स्वीकार किया है कि आंबेडकर और ओवैसी के साथ आने से भाजपा को लाभ मिलेगा। आठवले ने कहा कि दोनों दलों के गठबंधन से कांग्रेस को मिलने वाले वोट बंट जाएंगे। इसका सीधा फायदा भाजपा और आरपीआई के उम्मीदवारों को होगा। औरंगाबाद में दोनों दलों की रैली में जुटी भारी भीड़ की बाबत आठवले ने कहा कि भीड़ तो बाला साहेब की रैली में भी खुब जुटती थी लेकिन उतने वोट नहीं मिलते थे।  

शिवसेना आए या न आए हम रहेंगे भाजपा के साथ 

केंद्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास आठवले ने कहा है कि आगामी चुनावों के लिए आरपीआई और भाजपा का गठबंधन बना रहेगा। आठवले ने कहा कि शिवसेना और भाजपा के बीच गठजोड़ हो अथवा नहीं पर आरपीआई आगामी चुनाव भाजपा के साथ मिलकर लड़ेगी। बुधवार को पार्टी के स्थापना दिवस पर ठाणे में आयोजित रैली में आठवले ने कहा कि भारिप बहुजन महासंघ के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर ने एमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के साथ गठबंधन किया है। लेकिन आंबेडकर को यह नहीं समझना चाहिए कि दलित वोट उनके गठबंधन को मिलेगा। आठवले ने दावा किया कि दलित समाज अभी भी आरपीआई और भाजपा गठबंधन के साथ है। रैली में आठवले ने सरकार से दलितों और आदिवासियों द्वारा महामंडलों के माध्यम से लिए गए कर्ज को माफी करने की मांग की। साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से राज्य में आरपीआई को मंत्री पद मांगा। 

रैली को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के संविधान को डॉ. बाबासाहब आंबेडकर ने मजबूत किया है। हमें गीता और बाइबल से ज्यादा संविधान प्रिय है। इस संविधान को कोई नहीं बदल सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान को सबसे ज्यादा नुकसान पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पहुंचाया। उन्होंने संविधान में दिए आम आदमी के अधिकार को छिन लिया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदूमिल की जमीन पर बाबा साहेब डा भीमराव आंबेडकर का भव्य स्मारक बन कर रहेगा। इसके लिए भी भले ही मुझे राज्य को गिरवी रखना पड़े। उन्होंने कहा कि स्मारक में डा आंबेडकर की प्रतिमा की ऊंचाई को लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि आरपीआई को जल्द ही राज्य में मंत्री पद दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि भीमा-कोरेगांव हिंसा में दलित समाज के लोगों के खिलाफ दर्ज मामले को वापस लिया जाएग। कानूनी प्रक्रिया के कारण इसमें थोड़ा विलंब हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आठवले हमारे मार्गदर्शक हैं। उन्होंने सामान्य लोगों में से नेतृत्व को तैयार किया है। 

Created On :   3 Oct 2018 3:53 PM GMT

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