घाटे में चल रही माझी मेट्रो को बचाने लोगों पर चलाया विकास शुल्क का डंडा 

Save the loss-making Majhi Metro, the development fee on people
घाटे में चल रही माझी मेट्रो को बचाने लोगों पर चलाया विकास शुल्क का डंडा 
घाटे में चल रही माझी मेट्रो को बचाने लोगों पर चलाया विकास शुल्क का डंडा 

डिजिटल डेस्क,  नागपुर। घाटे में चल रही "माझी मेट्रो" को बचाने के लिए मनपा आयुक्त ने 12 जनवरी को एक आदेश जारी कर 30 जून 2016 से जिल लोगों व बिल्डर्स ने मकान बनाएं और पूरा विकास शुल्क जमा किया, उन्हें दोबारा 100 फीसदी विकास शुल्क जमा करने का फरमान जारी कर दिया है। इसे "जय जवान जय किसान" संगठन के अध्यक्ष प्रशांत पवार ने जनता पर बोझ बताया। साथ ही इसे रद्द करने की मांग की, ऐसा नहीं होने पर मनपा पर मोर्चा ले जाने की चेतावनी भी दी। आगे बताया कि, मेट्रो रेल प्रोजेक्ट का घाटा वर्ष 2018-19 में 18.94 करोड़ व वर्ष 2019-20 में 63.58 करोड़ था। जिसके लिए यह निर्णय लिया गया है।

इस दौरान मिलिंद महादेवकर, विजयकुमार शिंदे, राजेश माटे, प्रकाश डोंगरे, रवींद्र इटकेलवार, मंगेश सुरावार, मंगेश पात्रीकर आदि उपस्थित थे। हालांकि संगठन के आरोप पर मेट्रो रेल ने कहा कि, मनपा को डीपीआर के अनुसार परियोजना निधि का 5 प्रतिशत निधि देय है, मनपा किस तरह यह निधि अर्जित करती है, यह मनपा का अंतर्गत मामला है। 

 

Created On :   16 Jan 2021 10:43 AM GMT

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