सड़क हादसे में घायल युवक को एसबीआई जनरल इंश्योरेंस ने नहीं दिया क्लेम

SBI General Insurance did not claim the youth injured in the road accident
सड़क हादसे में घायल युवक को एसबीआई जनरल इंश्योरेंस ने नहीं दिया क्लेम
बीमित का आरोप: सारे दस्तावेज देने के बाद भी नहीं दिया जा रहा सहारा सड़क हादसे में घायल युवक को एसबीआई जनरल इंश्योरेंस ने नहीं दिया क्लेम

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। स्वास्थ्य संबंधी किसी तरह की समस्या आती है तो बीमा पॉलिसी का सहारा रहेगा। कर्ज लेकर या फिर मकान, दुकान गिरवी रखकर इलाज नहीं कराना पड़ेगा। बीमा कंपनियों के द्वारा अनेक दावे व वादे तो किए जाते हैं पर जमीनी हकीकत में देखा जाए तो पॉलिसीधारक बीमा कंपनी की धोखाधड़ी से परेशान हो चुके हैं। अस्पताल में इलाज के दौरान बीमा कंपनियों द्वारा कैशलेस नहीं किया जाता और जब बीमित का बिल इंश्योरेंस कंपनी में क्लेम सेटल करने के लिए सबमिट किए जाते हैं तो अनेक क्वेरी निकाल दी जाती हैं। पॉलिसीधारकों का आरोप है कि बीमा कंपनियाँ अपने ही ग्राहक को चोर साबित करने में लगी हुई हैं। दवाइयों व अस्पताल के बिलों में खामियाँ निकाली जा रही हैं, जिससे पॉलिसीधारक को क्लेम न देना पड़े। पॉलिसीधारक सारे बिलों को सत्यापित कराकर देता है तो भी बीमा कंपनी उन्हें मानने तैयार नही हैं। टोल फ्री नंबरों पर किसी तरह का सहयोग नहीं दिया जाता है।

इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ 

इस तरह की समस्या यदि आपके साथ भी है तो आप दैनिक भास्कर के मोबाइल नंबर -9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात दोपहर 2 बजे से शाम 7 बजे तक रख सकते हैं। संकट की इस घड़ी में भास्कर द्वारा आपकी आवाज को खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।

दादी की हो गई थी मौत और पॉलिसीधारक था गंभीर

छतरपुर के ग्राम कुपरपुरा अनगौर निवासी देवेन्द्र अहिरवार ने अपनी शिकायत में बताया कि 23 जून को बाइक से अपनी दादी को बैठाकर घर की तरफ जा रहा था तभी तेज रफ्तार ट्रक ने टक्कर मार दी थी। हादसे में दादी की मौके पर मौत हो गई थी, जबकि मेरा हाथ व जबड़ा टूट गया था। गंभीर अवस्था में निजी अस्पताल में इलाज चला। एसबीआई जनरल हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी (पॉलिसी क्रमांक 03505202204678813948) से एसबीआई बैंक के द्वारा बीमा भी किया गया था। ठीक होने के बाद क्लेम के लिए सारे दस्तावेज बैंक के माध्यम से बीमा कंपनी में भेजा गया था। बीमा कंपनी के द्वारा आज तक किसी तरह का जवाब नहीं दिया गया। बैंक अधिकारियों के द्वारा भी किसी तरह का सहयोग नहीं दिया जा रहा है। बीमित का कहना है कि इलाज में डेढ़ लाख रुपए खर्च हो चुके हैं पर बीमा कंपनी के द्वारा भुगतान नहीं दिया जा रहा है। पीड़ित देवेन्द्र का आरोप है कि उसके साथ एसबीआई जनरल हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी के जिम्मेदारों के द्वारा गोलमाल किया जा रहा है, वहीं बीमा कंपनी के प्रतिनिधि का कहना है कि बीमित के द्वारा किसी भी तरह के दस्तावेज क्लेम के लिए सबमिट नहीं किया गया है। ऑनलाइन व ऑफलाइन अस्पताल की रिपोर्ट व बिल सबमिट करने पर नियमानुसार बिल का भुगतान किया जाएगा।

Created On :   26 July 2022 1:15 PM GMT

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