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विद्यार्थियों पर बढ़ा आर्थिक बोझ, कयास - तो अब अनेक रह सकते हैं परीक्षा से वंचित
डिजिटल डेस्क, नागपुर। महाराष्ट्र राज्य परीक्षा परिषद की ओर से पांचवीं और आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों की लिए जाने वाली स्कॉलरशिप परीक्षा का शुल्क दोगुना कर दिया गया है। गरीब विद्यार्थियों पर आर्थिक बोझ बढ़ जाने के कारण इस परीक्षा से वंचित रहने की आशंका बढ़ गई है। महाराष्ट्र राज्य प्राथमिक शिक्षक समिति ने शालेय शिक्षण विभाग से शुल्क वृद्धि रद्द करने की मांग की है। शालेय शिक्षण विभाग ने 11 नवंबर 2021 को शासनादेश जारी कर स्कॉलरशिप परीक्षा शुल्क बढ़ा दिया है। साधारण वर्ग के लिए प्रवेश शुल्क 50 रुपए और परीक्षा शुल्क 150 रुपए किया गया है। पिछड़े वर्ग व दिव्यांगों के लिए प्रवेश शुल्क 50 रुपए और परीक्षा शुल्क 75 रुपए रखा गया है। सामान्य वर्ग को 200 रुपए और पिछड़ा वर्ग तथा दिव्यांगों को 225 रुपए भुगतान करने पड़ेंगे। सभी विद्यार्थियों का प्रवेश शुल्क 30 रुपए बढ़ाकर 50 रुपए और परीक्षा शुल्क साधारण वर्ग का 90 रुपए तथा पिछड़े वर्ग का 75 रुपए बढ़ाया गया है। 15 नवंबर 2016 के शासन निर्णय के अनुसार साधारण वर्ग से 60 रुपए और पिछड़ा वर्ग तथा दिव्यांग विद्यार्थी से 20 रुपए प्रवेश शुल्क लिया जाता था। परीक्षा शुल्क नहीं लिया जाता था।
गरीब विद्यार्थी रहेंगे परीक्षा से वंचित
स्कॉलरशिप परीक्षा दरअसल ऐच्छिक है। गरीब विद्यार्थी शुल्क कम रहने पर परीक्षा दे पाते हैं। शुल्क बढ़ाए जाने से आर्थिक बोझ बढ़ गया है। परीक्षा के आवेदन भरने वालों पर इसका परिणाम होगा। पुरोगामी महाराष्ट्र में बौद्धिक क्षमता रहने पर भी गरीबी आड़ आने से अनेक विद्यार्थियों के परीक्षा से वंचित रहने का संकट मंडरा रहा है।
Created On :   14 Nov 2021 3:50 PM IST