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दैनिक भास्कर हिंदी: राशन दुकानों में मिलेगी अब शालेय सामग्री, आर्थिक तंगी से निकालने सरकार का कदम

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सरकारी राशन दुकान से शालेय सामग्री की बिक्री की जा सकेगी। राज्य सरकार के अन्न, नागरी आपूर्ति तथा ग्राहक संरक्षण विभाग ने 30 अक्टूबर को इस संंबंध में शासनादेश जारी किया है। सरकारी राशन दुकान से शक्कर, केरोसिन गायब हो गए हैं। अब केवल गेहूं, चावल और दाल की बिक्री तक सीमित रह गए हैं। चावल और गेहूं का प्रमाण भी घटा देने से दुकानदारों को दुकान चलाना घाटे का सौदा साबित हो रहा है। ईंधन, बिजली बिल, कर्मचारियों का वेतन, किराया, स्टेशनरी, मजदूर तथा ढुलाई पर खर्च होने से दुकानदारों के हाथ कुछ भी नहीं बचने से उन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है।
राशन दुकानदारों को आर्थिक तंगी से उबारने के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत वितरित किए जाने वाले चावल, गेहूं के अतिरिक्त ऊंची गुणवत्ता के गेहूं, चावल, खाद्य तेल, पाम तेल, दलहन, गुड़, मूंगफली दाने, रवा, मैदा, बेसन, खुले बाजार में उपलब्ध अन्य वस्तु, दूध, दुग्धजन्य पदार्थ, प्रमाणित बीज आदि की बिक्री करने की पहले से अनुमति दी जा चुकी है। अब उसी की तर्ज पर शालेय सामग्री बिक्री करने का रास्ता साफ कर दिया गया है। इसकी बिक्री से मिलने वाला कमीशन दुकानदार अपने स्तर पर आपूर्ति एजेंसी से संपर्क कर तय कर सकेंगे। शालेय सामग्री की खरीदी-बिक्री पर सरकार का कोई भी नियंत्रण या हस्तक्षेप नहीं रहने का शासनादेश में स्पष्ट किया गया है।
मानधन को तरस रहे कंट्रीब्यूटरी शिक्षक, फीकी रही दिवाली
क्लॉक अवर बेसिस' (सीएचबी) तौर पर राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के कैंपस के विविध विभागों और संचालित कॉलेजों में सेवाएं देने वाले कंट्रीब्यूटरी शिक्षक बीते कई महीने से मानदेय के लिए तरस रहे हैं। विश्वविद्यालय ने कई महीने से उनका वेतन जारी नहीं िकया है। जिसके कारण शिक्षकों की दिवाली फीकी साबित हुई। नागपुर विवि में नेट-सेट उत्तीर्ण शिक्षक सीएचबी तौर पर अपनी सेवाएं देते हैं। बदले में उन्हें मानदेय दिया जाता है। संबंधित विभाग या महाविद्यालय उनका बिल बनाकर विवि को प्रस्तुत करता है, जिसके बाद विवि का वित्त व लेखा विभाग उसे मंजूर करता है।
जानकारी के अनुसार कई विभागों ने सीएचबी शिक्षकों के वेतन का बिल अब तक नहीं भेजा है। जिसके कारण शिक्षकों को वेतन नहीं मिल सका है। वहीं विवि में सीएचबी शिक्षकों के मानदेय को लेकर भी भ्रम है। राज्य सरकार ने पिछले वर्ष नवंबर में सीएचबी शिक्षकों के मानदेय में वृद्धि की थी। मानदेय 300 से बढ़ कर 500 रुपए किया गया था। नागपुर विभागीय शिक्षा सहसंचालक डॉ.अर्चना नेरकर ने विवि को इस संबंध मंे सूचना भी दी थी। लेकिन विवि में अब तक सीएचबी शिक्षकों का पुरानी दरों से ही वेतन तय है। इस वजह से विवि में कार्यरत सीएचबी शिक्षकों में नाराजगी देखने को मिल रही है।
गणतंत्र दिवस : स्कोप ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन में मनाया गया गणतंत्र दिवस समारोह
डिजिटल डेस्क, भोपाल। स्कोप ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस में 74वां गणतंत्र दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. डी.एस. राघव निदेशक, स्कोप ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन उपस्थित थे। गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में डॉ. सत्येंद्र खरे, सेक्ट कॉलेज ऑफ प्रोफेशनल एजुकेशन के प्रिंसिपल, डॉ. नीलम सिंह, सेक्ट कॉलेज ऑफ बीएड की प्रिंसिपल और डॉ. प्रकृति चतुर्वेदी, स्कोप पब्लिक हायर सेकेंडरी स्कूल की प्रिंसिपल विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुएl कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. डी.एस.राघव ने झन्डा फंहराया गया तथा विद्यालय के छात्र छात्राओं ने अनुशासन एवं कौशल का परिचय देते हुए आकर्षक परेड की प्रस्तुति दीl विद्यालय के बच्चों द्वारा शारीरिक व्यायाम के महत्व को प्रकट करते हुए मनमोहक पीटी प्रस्तुत की गई l
स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज, बी.एड कॉलेज, स्कोप प्रोफेशनल कॉलेज तथा स्कोप स्कूल के विद्यार्थियों ने राष्ट्रीय एकता अखंडता एवं देश प्रेम से ओतप्रोत प्रस्तुतियां दीl कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण उरी हमले पर आधारित नृत्य नाटिका तथा रानी लक्ष्मीबाई के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान को चित्रित करता हुआ नृत्य गीत था। मुख्य अतिथि डॉ डीएस राघव ने अपने संबोधन में कहा कि हम अपने कर्तव्यों का निर्वाहन ईमानदारी एवं पूर्ण निष्ठा के साथ करते हैं तो यही आज के समय में हमारी सच्ची देश सेवा है। कार्यक्रम के अंत में विद्यालय की प्राचार्या डॉ. प्रकृति चतुर्वेदी ने सभी को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कार्यक्रम की आयोजन समिति के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हम अपने उद्देश्य के प्रति ईमानदार रहेंगे और उसके प्रति पूर्ण कर्तव्यनिष्ठा से कार्य करेंगेl
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