राणा व उनके पिता को राहत, मुद्रांक शुल्क का भुगतान करने बाद वैकल्पिक आवास आवंटन पर अलग स्टैंप ड्यटी नहीं लगाई जा सकती

Separate stamp duty cannot be levied on allotment of alternate accommodation after payment of stamp duty
राणा व उनके पिता को राहत, मुद्रांक शुल्क का भुगतान करने बाद वैकल्पिक आवास आवंटन पर अलग स्टैंप ड्यटी नहीं लगाई जा सकती
हाईकोर्ट राणा व उनके पिता को राहत, मुद्रांक शुल्क का भुगतान करने बाद वैकल्पिक आवास आवंटन पर अलग स्टैंप ड्यटी नहीं लगाई जा सकती

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में स्पष्ट किया है कि एक बार विकास समझौते पर मुद्रांक शुल्क(स्टैंप ड्युटी) का भुगतान कर दिया जाए तो स्थायी वैकल्पिक आवास के आवंटन  को लेकर किए जानेवाले अनुबंध पर अलग से कोई शुल्क नहीं लिया जा सकता है। क्योंकि नया वैकल्पिक आवास पुनर्विकास प्रोजेक्ट का हिस्सा होता है और यह निशुल्क उपलब्ध कराया जाता है। इसलिए नए वैकल्पिक आवास पर नियमानुसार 100 रुपए से अधिक का मुद्रांक शुल्क नहीं लिया जा सकता है। न्यायमूर्ति गौतम पटेल व न्यायमूर्ति नीला गोखले की खंडपीठ ने अपने फैसले में कहा है कि वैकल्पिक आवास कोई हस्तनांतरण व खरीद नहीं है। यह आवास पात्र व्यक्ति को पुराने परिसर के बदले में दिया जाता है। इसलिए जब एक बार विकास समझौते के समय मुद्रांक शुल्क ले लिया गया तो फिर से यह शुल्क नहीं लिया जा सकता है। इसके साथ ही खंडपीठ ने दो बार शुल्क के भुगतान का प्रावधान करनेवाले मुद्रांक विभाग के दो परिपत्रों को रद्द कर दिया है। इस मामले को लेकर आदित्यराज बिल्डर ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। 

फर्जी जाति प्रमाणपत्र से जुड़ा मामल- सांसद राणा व उनके पिता को कोर्ट ने दी राहत 

मुंबई की मजिस्ट्रेट कोर्ट ने फर्जी जाति प्रमाणपत्र से जुड़े मामले  में  अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा व उनके पिता हरभजन सिंह कुंडलेश को राहत प्रदान की है। गुरुवार को कोर्ट ने सांसद राणा के वकील रिजवान मर्चेंट की दलीलों को सुनने के बाद इस मामले को लेकर चल रही सारी कार्यवाही पर रोक लगा दी। सुनवाई के दौरान अधिवक्ता मर्चेंट ने दावा किया कि मेरे मुवक्किल के जाति प्रमाणपत्र से जुड़ा मामला सुप्रीम कोर्ट में प्रलंबित है। इसलिए अब यहां के मजिस्ट्रेट कोर्ट में इस मामले की सुनवाई न की जाए। इसके बाद कोर्ट ने इस मामले से जुड़ी सारी कार्यवाही पर रोक लगा दी। पिछले दिनों मजिस्ट्रेट कोर्ट ने इस मामले को लेकर सांसद राणा के खिलाफ गैर जमानती वारंट व पिता के खिलाफ प्रोक्लामेशन (उद्घोषणा) जारी किया था। जब किसी भी आरोपी को फरार घोषित करने की प्रक्रिया की शुरुआत से पहले उसके खिलाफ प्रोक्लामेशन जारी किया जाता है। अब कोर्ट के आदेश के चलते इस मामले को लेकर जारी सभी कार्यवाही पर रोक रहेगी। यानी प्रोक्लामेशन के आदेश व वारंट पर अमल नहीं होगा।   गौरतलब है कि फर्जी जाति प्रमाणपत्र के मामले को लेकर सांसद राणा व उनके पिता के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420,468 व 471 व 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस मामले से जुड़ी शिकायत में दावा किया गया था कि राणा ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अनुसूचित जाति प्रमाणपत्र हासिल किया है। बांबे हाईकोर्ट ने मामले से जुड़े दस्तावेजों पर गौर करने के बाद सांसद राणा का जाति प्रमाणपत्र रद्द कर दिया था।  हाईकोर्ट के इस फैसले को राणा ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। 

Created On :   2 March 2023 4:53 PM GMT

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