साइलेंट मार्च फॉर विदर्भ में कैनवास  पर उतारी पृथक राज्य की भावना

Separate vidharbha state sentiment on canvas in Silent March
साइलेंट मार्च फॉर विदर्भ में कैनवास  पर उतारी पृथक राज्य की भावना
साइलेंट मार्च फॉर विदर्भ में कैनवास  पर उतारी पृथक राज्य की भावना

डिजिटल डेस्क, नागपुर। स्वतंत्र विदर्भ की मांग को लेकर अलग-अलग आंदोलन लड़ रहे संगठनों ने शनिवार को एकजुट होकर साइलेंट मार्च निकाला। संविधान चौक से निकलकर शांतिपूर्ण ढंग यशवंत स्टेडियम पहुंचकर स्वतंत्र विदर्भ की आवाज मुखर की। साइलेंट मार्च निकलने से पहले संविधान चौक में प्रदर्शनकारियों ने चित्रों, व्यंग्य रचना, कविता, घोषवाक्यों के माध्यम से कैनवास पर विदर्भ की भावना व्यक्त की। 100 बॉय 20 फीट के पोस्टर पर हस्ताक्षर कर विदर्भ की मांग का समर्थन किया। भाजपा ने सत्ता में आने से पहले विदर्भ को स्वतंत्र राज्य बनाने का वादा किया था। सत्ता में आने के बाद इसे भुला दिया गया। भाजपा नेता इसे नेताओं की मांग कहने से भी बाज नहीं आए। भाजपा नेताओं की दोमुही भूमिका के विरोध में विदर्भवादियों ने साइलेंट मार्च में हिस्सा लेकर अपनी भावना व्यक्त की। विदर्भ की जनता के साथ वादाखिलाफी के विरोध में डॉक्टर्स, इंजीनियर, वकील, उद्योजक, व्यावसायिक, विद्यार्थी, किसान, बेरोजगार तथा विविध सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, शैक्षणिक संगठनों ने सहभागी होकर सरकार को करारा जवाब दिया। विविध क्षेत्र तथा संगठनों के कार्यकर्ताओं ने हजारों की संख्या में मार्च में हिस्सा लिया।

इनकी रही उपस्थिति
विदर्भ माझा के संस्थापक राजकुमार तिरपुड़े, वीरा के एड. स्वप्नजीत सन्याल, एड. नीरज खांदेवाले, विदर्भ कनेक्ट  के अध्यक्ष एड. मुकेश समर्थ, दिनेश नायडू, विदर्भ टैक्स-पेयर्स एसोसिएशन के तेजिंदर सिंह रेणु, जनमंच के अध्यक्ष प्रमोद पांडे, राजीव जगताप, राम आखरे, उत्तम सुढ़के, क्लीन फाउंडेशन के अध्यक्ष दीपक नीलावार, आक्सफोर्ड स्पीकर्स अकादमी के चेयरमैन डाॅ. संजय रघटाटे, नागपुर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलगुरु हरिभाऊ केदार, अमरावती विश्वविद्यालय की पूर्व कुलगुरु डॉ. कमल सिंह, पूर्व आयकर आयुक्त धनंजय धार्मिक, विधानसभा के पूर्व उपसभापति एड. मोरेश्वर टेमुर्डे, मिशन विदर्भ के सुनील खंडेलवाल, निखिल भूते आदि सहभागी हुए। मार्च का संचालन दिलीप नरवड़िया ने किया।

अपनी मिट्टी की सेवा करने दो 
मृणाली चिकाटे के मुताबिक विदर्भ की मिट्टी में पली, बढ़ी। यहीं पढ़ाई-लिखाई हुई। रोजगार के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। मजबूरी में युवा पलायन कर रहे हैं। अपने माता-पिता से अलग होने का दंश झेल रहे हैं। विदर्भ को अलग कर अपनी मिट्टी की सेवा करने दो।

इम्तिहान की हद हो गई
शशांक भोयर ने कहा कि विदर्भ का युवा अब जागरूक हो गया है। विदर्भ के भरोसे मुंबई में सत्ता का सुख भोगने वालों को हमारा दर्द समझना होगा। इम्तिहान की हद अब खत्म हो गई है। सरकार को अब ठोस निर्णय लेना चाहिए। अन्यथा इसके परिणाम भुगतने होंगे।

 

Created On :   23 Dec 2018 6:26 PM IST

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