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70 लाख लेकर चंपत होने वाला नौकर अब सलाखों के पीछे

डिजिटल डेस्क, नागपुर । अपने मालिक के 70 लाख रुपए लेकर चंपत होने वाले आरोपी को पुलिस ने पकड़कर सींखचों में डाल दिया है। आरोपी इस रकम से पुत्रियों की पढ़ाई और अपनी बाकी की जिंदगी आराम से जीना चाहता था, मगर पुलिस की पकड़ में आने से उसके सपनों पर पानी फिर गया है। औरंगाबाद मार्ग पर दुसरबिड से गिरफ्तार कर उसे नागपुर लाया गया है। उससे रकम भी जब्त की गई है। आरोपी की पत्नी और साली से भी पूछताछ जारी है। प्रकरण गणेशपेठ थाने में दर्ज है।
ऐसे हुई थी घटना
आरोपी नौकर नीलेश अशोक पखाले (31) खरबी कृष्णा नगर निवासी है। दो दिन पहले 6 तारीख को कोयला व्यापारी नितीन मारोतराव उपरे (37) गोदरेज आनंदम सिटी निवासी के करीब 70 लाख रुपए ले कर फरार हो गया था। नीलेश करीब चार वर्ष से नितीन के यहां बतौर वाहन चालक था। इस दौरान वह नितीन के रुपए भी लाना-ले जाना करता था। कई बार वह 40-50 लाख रुपए दफ्तर से घर अथवा घर से दफ्तर ले जा चुका था, मगर कभी भी उसने एक रुपए का गबन नहीं किया था। इससे नीलेश, नितीन का खास आदमी बन गया था। नीलेश के मन में बड़ी रकम से लालच आ गया। उसने जिस दिन बड़ी रकम हाथ लगेगी, उस दिन रकम के साथ भाग जाने की योजना बनाई थी। यह योजना करीब पांच-छह महीने पहले ही बनी थी। इसके बारे में उसने कभी पत्नी को भी नहीं बताया था। घटना के दिन नितीन अपने चार भागीदारों के साथ रेलवे स्टेशन पर बैठक में व्यस्त था। बैठक में चंद्रपुर निवासी नितीन का भागीदार श्याम मित्तल भी था। श्याम अपने साथ 70 लाख रुपए नितीन काे देने के लिए आया था। नितीन ने नीलेश को रकम घर पहुंचाने के लिए कहा था, मगर रकम बड़ी होने से नीलेश ने अपनी योजना को अंजाम देते हुए नकदी से भरा बैग लेकर फरार हो गया था।
30 हजार खर्च किये
70 लाख में से 30 हजार रुपए नीलेश खर्च कर चुका था। इन पैसों से उसने 6 हजार 800 रुपए का मोबाइल, 4 हजार 100 रुपए का बैग आदि खरीदा था। जो जब्त कर लिया गया है। रविवार को नीलेश को गिरफ्तार कर नागपुर लाया गया है। सोमवार को अदालत में पेश कर उसे पीसीआर में लिया जाएगा। घटित प्रकरण को लेकर नीलेश की पत्नी और साली से भी पूछताछ जारी है, लेकिन उनका कहना है कि घटना के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। हालांकि बीच रास्ते में नीलेश ने उन्हें 70 लाख लेकर फरार होने की जानकारी दी थी।
आराम की जिंदगी की चाह ने जेल पहुंचाया
नीलेश को इस रकम के साथ कौन से शहर में जाकर वह छिपे, इसकी योजना उसने नहीं बनाई थी। सिर्फ वह बच्चियों की अच्छी पढ़ाई-लिखाई और खुद की जिंदगी आराम से जीना चाहता था। इस कारण वह नागपुर के समीप स्थित सावनेर में जाकर छिपना चाहता था। सावनेर में उसका एक पुराना मित्र रहता है। इसके अलावा नीलेश को वहां पर कोई नहीं जानता है। परिवार में भी पत्नी और पुत्रियों के अलावा कोई नहीं है। जब नीलेश 8 वर्ष का था, तभी उसके पिता ने उसकी मां को छोड़ दिया था। इसके वर्षों बाद मां ने दूसरी शादी की। उसके बाद नीलेश अकेला ही रहने लगा था कि इस बीच उसकी शादी हो गई। नीलेश एक 6 और दूसरी ढाई वर्षीय पुत्री का पिता है। इन रुपयों से वह दोनों पुत्रियों की पढ़ाई-लिखाई कर उनका उज्वल भविष्य बनाना चाहता था, लेकिन इसके पहले ही पकड़ा गया। उपायुक्त राहुल माखनीकर, सहायक उपायुक्त राजरतन बंसोड, निरीक्षक सुनील गांगुर्डे, उपनिरीक्षक आत्राम, आनंद वानखेडे, शरद चांभारे, अमित सातपुते, आशीष बहाड और प्रीति ठाकरे ने कार्रवाई में हिस्सा लिया।
पत्नी और साली को दी शिर्डी जाने की जानकारी
नकदी से भरा बैग उड़ाने के बाद नीलेश ने पत्नी और साली को फोन कर तुकड़ोजी चौक में बुलाया। इस बीच नीलेश ने अपना दोपहिया वाहन पत्नी की बहन के घर में ले जाकर रख दिया और किराए से स्कार्पियो कार लेकर शिर्डी के लिए रवाना हो गया। हालांकि नीलेश शिर्डी नहीं गया था। नागपुर से जाने के बाद वह अमरावती स्थित श्रीपाद नामक होटल में रुका। दूसरे दिन सुबह नीलेश परिवार के साथ औरंगाबाद के लिए रवाना हुआ। इस दौरान बीच रास्ते में वह बुलढाना जिले के दुसरबिड नामक शहर में होटल अमृत में रुका। नीलेश के पीछे-पीछे गणेशपेठ थाने का दस्ता भी था, जो बीच में पड़ने वाले शहरों के होटलों में नीलेश की फोटो दिखाकर उसकी खोजबीन में लगा हुआ था। दुसरबिड में पुलिस को पता चला कि नीलेश वापस नागपुर के समीप स्थित सावनेर के लिए रवाना हुआ है। अमृत होटल में पुलिस पहुंचने के लगभग दो-तीन मिनट पहले ही नीलेश वहां से निकला था। लिहाजा बीच रास्ते में ही नीलेश को परिवार समेत पकड़ लिया गया। उससे नकदी भी जब्त की गई है।
Created On :   9 April 2018 12:55 PM IST