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रेलवे के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट से होंगे बड़े बदलाव - शर्मा

डिजिटल डेस्क,नागपुर। रेलवे के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को गति देने के लिए कार्यपद्धति में कई बदलाव किए गए हैं। शेड्यूल ऑफ पावर अर्थात अधिकार की अनुसूचियों में कई बदलाव किए गए हैं, जिससे स्थानीय स्तर पर कामकाज में तेजी आई है। पिछली सरकार में औसत इंफ्रास्ट्रक्चर कैप को देखा जाए, तो वह लगभग 50 हजार करोड़ रुपए था, लेकिन इस साल यह 1 लाख 48 हजार करोड़ रुपए तक बढ़ा है। अगले पांच साल में संपूर्ण भारतीय रेलवे का इलेक्ट्रिफिकेशन करना है। अगले तीन से पांच साल में कई बड़े बदलाव होंगे, जिसमें हाईस्पीड से लेकर सेमी हाईस्पीड, इलेक्ट्रिफिकेशन से लेकर स्टेशनों के विकास के लिए पैसा दिया जा रहा है। इंफ्रा प्रोजेक्ट्स में थोड़ा समय लगता है, लेकिन आपने जब 60 साल इंतजार किया है, तो बस, पांच साल और इंतजार कर लीजिए। यह कहना है मध्य रेल के महाप्रबंधक देवेंद्र कुमार शर्मा का। रेलवे परियोजनाओं के विकास कार्यों में होने वाली देरी को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में यह प्रतिक्रिया मध्य रेल के महाप्रबंधक देवेंद्र कुमार शर्मा दे रहे थे। वार्षिक महाप्रबंधक निरीक्षण कार्यक्रम के तहत नागपुर मंडल के दौर पर आए श्री शर्मा पत्र-परिषद में पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे।
हर प्लेटफार्म एस्केलेटर से जोड़ा जाएगा
उन्होंने कहा कि नागपुर स्टेशन पर प्रस्तावित फुटओवर ब्रिज में हर प्लेटफॉर्म को एस्केलेटर से जोड़ा जाएगा। यही नहीं, सेवाग्राम-वर्धा जैसे स्टेशनों में भी एस्केलेटर बनाए जाएंगे। प्रयास है कि मार्च तक सेंट्रल रेलवे में एलईडी लाइटिंग लगाई जा सके। पहले फेज में 10 मेगावॉट बिजली सौर ऊर्जा से पैदा करने का भी लक्ष्य साधा जा रहा है। इससे ऊर्जा खपत कम होगी। पहले फुट ओवरब्रिज, प्लेटफॉर्म, पाथवे, एस्केलेटर आदि के लिए पैसेंजर एमनेटीज फंड से पैसा मिलता था, लेकिन अब इसे सेफ्टी फंड से जोड़ा गया है। अब यह सुविधा मुहैया कराना न होकर, यात्रियों की सुरक्षा से उसे जोड़ कर देखा जा रहा है। लिहाजा इन चीजों के लिए कभी निधि की कोई कमी नहीं रहेगी। बीते साल 140 करोड़ रुपए इन चीजों के लिए मिले थे, लेकिन अब 200 करोड़ रुपए दिया जाता है।
इंटरसिटी नहीं, पैसेंजर को मेमू ट्रेन बनाने का लक्ष्य
ट्रंक रूट्स डायगोनल क्वाड्रिलेटरल हों। पैसेंजर ट्रेनों की जगह मेन लाइन मेमू ट्रेनों को लाने की नीति अपनाई जा रही है। खास तौर से कम दूरी के लिए चलनेवालों के लिए यह ट्रेन लाने पर नीतिगत निर्णय लिया गया है। लेकिन इटारसी नागपुर के बीच इंटरसिटी चलाने के बजाय इंटरसिटी चलाई जाएगी। पैसेंजर हॉल्ट ट्रेनों को हटाकर मेमू ट्रेनों पर हमशा विचार किया जाता है। साथ ही मुंबई हावड़ा और मुंबई चेन्नई लाइन को सेमि हाईस्पीड अर्थात 160 प्रति घंटे की रफ्तार से किया जा रहा है।
तीसरी लाइन का काम भी शीघ्र
उन्होंने आश्वस्त किया कि इटारसी-नागपुर तीसरी रेल लाइन के चल रहे काम को जल्द पूरा किया जाए। नागपुर-वर्धा के बीच तीसरी और चौथी रेल लाइन का काम चल रहा है। इटारसी-बल्लारशाह तीसरी लाइन का काम पहले से मंजूर है। ढांचागत विकास को बढ़ावा देने के लिए काफी फोकस किया जा रहा है।
Created On :   7 Feb 2018 2:11 PM IST